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लूका 13:33नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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33 फिर भी, मुझे आज, कल और परसों तक अपना सफर जारी रखना है, क्योंकि यह हो नहीं सकता कि एक भविष्यवक्ता यरूशलेम के बाहर मारा जाए।
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लूका अध्ययन नोट—अध्याय 13पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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यह हो नहीं सकता: या “यह सोचा भी नहीं जा सकता (इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती)।” हालाँकि बाइबल की किसी भविष्यवाणी में साफ-साफ नहीं बताया गया है कि मसीहा की मौत यरूशलेम में होगी, लेकिन दान 9:24-26 से इसका इशारा मिलता है। इसके अलावा, अगर यहूदी किसी भविष्यवक्ता को मारते, खासकर मसीहा को, तो ज़ाहिर-सी बात है कि वे उसे उसी शहर में मारते। यहूदियों की सबसे बड़ी अदालत, यानी महासभा के 71 सदस्य यरूशलेम में ही मिलते थे। इसलिए जिन लोगों पर झूठे भविष्यवक्ता होने का इलज़ाम लगाया जाता था, उनके मामले की सुनवाई वहीं होती थी। यीशु के मन में यह बात भी रही होगी कि यरूशलेम में ही परमेश्वर को नियमित बलि चढ़ायी जाती थी और वहीं फसह का मेम्ना हलाल किया जाता था। यीशु ने जो कहा, वही हुआ। उसे यरूशलेम में महासभा के सामने लाया गया और दोषी ठहराया गया। फिर यरूशलेम में ही शहरपनाह से बाहर थोड़ी ही दूरी पर ‘फसह के मेम्ने’ के तौर पर उसकी मौत हुई।—1कुर 5:7.
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