2 तभी लोग एक आदमी को ला रहे थे जो जन्म से लँगड़ा था। वे उसे रोज़ मंदिर के उस फाटक के पास बिठा दिया करते थे, जिसका नाम सुंदर फाटक था ताकि वह मंदिर में जानेवालों से भीख* माँग सके।
2 और तभी लोग, जन्म के एक लंगड़े को ला रहे थे। वे उसे हर रोज़ मंदिर के उस फाटक के पास बिठा दिया करते थे जिसका नाम ‘सुंदर फाटक’ था, ताकि वह मंदिर में जानेवालों से भीख* माँग सके।