ज़्यादा जानकारी
^ [2] (पैराग्राफ 14) यहूदियों का बैबिलोन की बँधुआई में जाना और मसीहियों का महानगरी बैबिलोन की बँधुआई में जाना, इन दोनों घटनाओं में कई समानताएँ हैं। मगर इसका यह मतलब नहीं कि जो कुछ उन यहूदियों पर बीता, वे सारी बातें अभिषिक्त मसीहियों पर भी बीतेंगी। इसलिए हमें यह जानने की कोशिश नहीं करनी चाहिए कि यहूदियों के साथ हुई एक-एक बात किन बातों को दर्शाती है। इन दोनों घटनाओं में कुछ फर्क है। जैसे, यहूदी 70 साल बँधुआई में थे लेकिन अभिषिक्त मसीही उससे भी लंबे समय तक बँधुआई में रहे।