फुटनोट
शा., “हे औरत, मुझे क्या और तुझे क्या?” किसी की बात पर एतराज़ करने के लिए यह मुहावरा कहा जाता था। “औरत” कहना बेइज़्ज़ती करना नहीं था।
शा., “हे औरत, मुझे क्या और तुझे क्या?” किसी की बात पर एतराज़ करने के लिए यह मुहावरा कहा जाता था। “औरत” कहना बेइज़्ज़ती करना नहीं था।