फुटनोट
a मैक्लिंटॉक और स्ट्रांग की साइक्लोपीडिया कहती है: “नये नियम में बताए गए सरकारी मुलाज़िम [महसूल लेनेवाले] देशद्रोही और धर्मत्यागी समझे जाते थे। गैर-यहूदियों के साथ उनके मेल-जोल रहने की वज़ह से वे भ्रष्ट हो चुके थे और ज़ुल्म ढानेवाले के हाथों की कठपुतलियाँ थे। उन्हें पापी समझा जाता था . . . ऐसे लोगों के साथ कोई भी इज़्ज़तदार आदमी दोस्ती नहीं रखता था, इसलिए उनके दोस्त या साथी भी वही होते थे जो उनकी तरह समाज के ठुकराए हुए थे।”