फुटनोट
a यीशु की इस मिसाल से उस ज़माने के रीति-रिवाज़ और दस्तूर का पता चलता है। यहूदी लोग मेहमान-नवाज़ी को एक धार्मिक कर्तव्य समझते थे। एक परिवार में उतनी ही रोटियाँ बनायी जाती थीं जितनी की ज़रूरत होती। अगर रोटियाँ खत्म हो जाती, तो उधार ली जाती थीं। इसके अलावा, गरीब परिवारों में घर के सभी सदस्य कमरे के फर्श पर ही सो जाते थे।