21-27 जुलाई
नीतिवचन 23
गीत 97 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. शराब पीने के बारे में सलाह
(10 मि.)
अगर आप शराब पीने का फैसला करते हैं, तो ज़्यादा मत पीजिए (नीत 23:20, 21; प्र04 12/1 पेज 19-20 पै 5-6)
याद रखिए कि पियक्कड़पन के बुरे अंजाम होते हैं (नीत 23:29, 30, 33-35; इंसाइट-1 पेज 656)
ऐसा लग सकता है कि ज़्यादा शराब पीने से कुछ नहीं होगा, पर धोखा मत खाइए (नीत 23:31, 32)
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
नीत 23:21—पेटूपन और मोटापा में क्या फर्क है? (प्र04 11/1 पेज 31 पै 2)
इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) नीत 23:1-24 (जी-जान गुण 5)
4. बातचीत शुरू करना
(2 मि.) सरेआम गवाही देना। (प्यार पाठ 3 मुद्दा 5)
5. वापसी भेंट करना
(5 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक को बताइए कि बाइबल का अध्ययन कैसे किया जाता है। (प्यार पाठ 9 मुद्दा 5)
6. बाइबल अध्ययन चलाना
(5 मि.) अपने विद्यार्थी का हौसला बढ़ाइए कि वह एक ऐसा काम करना बंद कर दे जिससे यहोवा खुश नहीं होता। (प्यार पाठ 12 मुद्दा 4)
गीत 35
7. क्या मुझे मेहमानों को शराब देनी चाहिए?
(8 मि.) चर्चा।
जब कोई पार्टी रखता है, जैसे शादी की दावत, तो क्या उसे मेहमानों को शराब देनी चाहिए? यह फैसला उसे खुद लेना है। पर ऐसा करने से पहले उसे बाइबल के सिद्धांतों पर गौर करना चाहिए और हालात का भी ध्यान रखना चाहिए।
क्या मुझे मेहमानों को शराब देनी चाहिए? वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
आगे दी आयतों की मदद से एक व्यक्ति कैसे तय कर सकता है कि वह मेहमानों को शराब देगा या नहीं?
यूह 2:9—यीशु ने एक शादी में पानी को दाख-मदिरा में बदल दिया।
1कुर 6:10—‘पियक्कड़ परमेश्वर के राज के वारिस नहीं होंगे।’
1कुर 10:31, 32—‘चाहे तुम खाओ या पीओ, सबकुछ परमेश्वर की महिमा के लिए करो। तुम विश्वास से गिरने की वजह मत बनो।’
उसे किन हालात का भी ध्यान रखना चाहिए?
हमें क्यों अपनी “सोचने-समझने की शक्ति” का इस्तेमाल करके बाइबल के अलग-अलग सिद्धांतों के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए?—रोम 12:1; सभ 7:16-18
8. मंडली की ज़रूरतें
(7 मि.)
9. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) अनमोल सबक पाठ 2, भाग 2 में क्या है और पाठ 3