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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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यिर्मयाह का सारांश

      • यहोवा का राष्ट्रों के साथ मुकदमा (1-38)

        • वे 70 साल बैबिलोन की गुलामी करेंगे (11)

        • परमेश्‍वर के क्रोध का प्याला (15)

        • एक-एक करके राष्ट्रों पर विपत्ति (32)

        • यहोवा के हाथों मारे गए लोग (33)

यिर्मयाह 25:1

फुटनोट

  • *

    शा., “नबूकदरेस्सर।” यह एक अलग वर्तनी है।

संबंधित आयतें

  • +2रा 24:1; यिर्म 36:1; 46:2; दान 1:1

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  • खोजबीन गाइड

    दानिय्येल की भविष्यवाणी, पेज 18-19

यिर्मयाह 25:2

फुटनोट

  • *

    या “से।”

यिर्मयाह 25:3

फुटनोट

  • *

    शा., “तड़के उठकर तुमसे बातें करता रहा।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 1:2
  • +यिर्म 7:13; 13:10

यिर्मयाह 25:4

फुटनोट

  • *

    शा., “तड़के उठकर तुम्हारे पास भेजता रहा।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 29:19

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1988, पेज 11

यिर्मयाह 25:5

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  • +2रा 17:13; यश 55:7; यिर्म 18:11; 35:15; यहे 18:30; 33:11

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 17-18

यिर्मयाह 25:6

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 17-18

यिर्मयाह 25:7

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  • +व्य 32:21; नहे 9:26

यिर्मयाह 25:8

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    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 18

यिर्मयाह 25:9

फुटनोट

  • *

    शा., “नबूकदरेस्सर।” यह एक अलग वर्तनी है।

संबंधित आयतें

  • +लैव 26:25; यश 5:26; यिर्म 1:15
  • +यिर्म 27:6; 43:10
  • +व्य 28:49, 50; यिर्म 5:15; यहे 7:24; 26:7; 29:19; हब 1:6

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  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 3

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 18

यिर्मयाह 25:10

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  • +यश 24:7; यहे 26:13
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    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2015, पेज 13

    3/1/1994, पेज 19

यिर्मयाह 25:11

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  • +2इत 36:20, 21; दान 9:2; जक 1:12; 7:5

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    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 19

    2/1/1986, पेज 30

यिर्मयाह 25:12

फुटनोट

  • *

    या “को उनके गुनाह की सज़ा दूँगा।”

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  • खोजबीन गाइड

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    3/1/1994, पेज 19

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (2इति–यशा), पेज 4

यिर्मयाह 25:13

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    3/1/1994, पेज 19

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 19

यिर्मयाह 25:15

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    3/1/1994, पेज 19

यिर्मयाह 25:16

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    3/1/1994, पेज 19

यिर्मयाह 25:17

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  • +यिर्म 1:10

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    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 19-20

यिर्मयाह 25:18

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    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1994, पेज 20

यिर्मयाह 25:19

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    3/1/1994, पेज 20

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यिर्मयाह 25:25

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यिर्मयाह 25:26

फुटनोट

  • *

    ऐसा मालूम पड़ता है कि यह बाबेल (या बैबिलोन) का एक गुप्त नाम है।

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यिर्मयाह 25:28

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यिर्मयाह 25:37

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यिर्मयाह 25:38

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यिर्म. 25:12रा 24:1; यिर्म 36:1; 46:2; दान 1:1
यिर्म. 25:3यिर्म 1:2
यिर्म. 25:3यिर्म 7:13; 13:10
यिर्म. 25:4यिर्म 29:19
यिर्म. 25:52रा 17:13; यश 55:7; यिर्म 18:11; 35:15; यहे 18:30; 33:11
यिर्म. 25:7व्य 32:21; नहे 9:26
यिर्म. 25:9लैव 26:25; यश 5:26; यिर्म 1:15
यिर्म. 25:9यिर्म 27:6; 43:10
यिर्म. 25:9व्य 28:49, 50; यिर्म 5:15; यहे 7:24; 26:7; 29:19; हब 1:6
यिर्म. 25:10यश 24:7; यहे 26:13
यिर्म. 25:10यिर्म 7:34
यिर्म. 25:112इत 36:20, 21; दान 9:2; जक 1:12; 7:5
यिर्म. 25:12व्य 30:3; एज 1:1, 2; यिर्म 29:10
यिर्म. 25:12यश 47:1; यिर्म 51:1; दान 5:26, 30
यिर्म. 25:12यश 13:1, 19; 14:4, 23
यिर्म. 25:14यिर्म 50:9; 51:27
यिर्म. 25:14यश 14:2; हब 2:8
यिर्म. 25:14भज 137:8; यिर्म 50:29; 51:6, 24; प्रक 18:6
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यिर्म. 25:17यिर्म 1:10
यिर्म. 25:18यश 51:17
यिर्म. 25:18यिर्म 24:9
यिर्म. 25:19यिर्म 46:2
यिर्म. 25:20यिर्म 47:1
यिर्म. 25:20यिर्म 47:5
यिर्म. 25:21यिर्म 49:17; विल 4:21
यिर्म. 25:21यिर्म 48:1
यिर्म. 25:21यिर्म 49:1
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यिर्म. 25:23यिर्म 49:8
यिर्म. 25:23यिर्म 9:25, 26; 49:32
यिर्म. 25:24यिर्म 49:31, 32
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यिर्म. 25:25यिर्म 51:11
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यिर्म. 25:27यश 63:6; हब 2:16
यिर्म. 25:291रा 9:7; यिर्म 7:12, 14; दान 9:18; हो 12:2; मी 6:2
यिर्म. 25:29यिर्म 49:12; ओब 16
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यिर्म. 25:32यश 34:2, 3; यिर्म 25:17
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यिर्मयाह 25:1-38

यिर्मयाह

25 यिर्मयाह को यहूदा के सब लोगों के बारे में एक संदेश मिला। उसे यह संदेश योशियाह के बेटे और यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज के चौथे साल मिला।+ तब बैबिलोन में राजा नबूकदनेस्सर* के राज का पहला साल था। 2 भविष्यवक्‍ता यिर्मयाह ने यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों के बारे में* यह कहा:

3 “आमोन के बेटे और यहूदा के राजा योशियाह के राज के 13वें साल+ से लेकर आज तक, 23 साल से यहोवा का संदेश मुझे मिलता रहा और मैं उसे बार-बार तुम्हें सुनाता रहा।* मगर तुम हो कि सुनने से इनकार करते रहे।+ 4 यहोवा अपने सभी सेवकों को, भविष्यवक्‍ताओं को तुम्हारे पास बार-बार भेजता रहा,* मगर तुमने उनकी नहीं सुनी और न ही उनकी बातों पर कान लगाया।+ 5 वे तुमसे बिनती करते, ‘तुम सब अपने बुरे रास्तों और दुष्ट कामों से पलटकर लौट आओ,+ तब तुम इस देश में लंबे समय तक रह पाओगे, जो यहोवा ने तुम्हें और तुम्हारे पुरखों को मुद्दतों पहले दिया था। 6 तुम दूसरे देवताओं के पीछे मत जाओ, उनकी सेवा मत करो, उनके आगे दंडवत मत करो और मूर्तियाँ बनाकर मेरा क्रोध मत भड़काओ, वरना मैं तुम पर विपत्ति ले आऊँगा।’

7 यहोवा ऐलान करता है, ‘मगर तुमने मेरी बात मानने के बजाय मूर्तियाँ बनाकर मेरा क्रोध भड़काया और खुद पर विपत्ति ले आए।’+

8 इसलिए सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, ‘“तुमने मेरी आज्ञा नहीं मानी, 9 इसलिए मैं उत्तर के सभी घरानों को बुलवा रहा हूँ।+ मैं अपने सेवक, बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर* को बुलवा रहा हूँ।+ मैं उनसे इस देश पर, इसके लोगों पर और इसके आस-पास के सभी राष्ट्रों पर हमला करवाऊँगा।+ मैं उन सबको नाश कर दूँगा और उनका ऐसा हश्र करूँगा कि देखनेवालों का दिल दहल जाएगा और वे मज़ाक उड़ाते हुए सीटी बजाएँगे। ये राष्ट्र हमेशा के लिए उजड़े ही रहेंगे।” यहोवा का यह ऐलान है। 10 “मैं इन सबका ऐसा हाल कर दूँगा कि यहाँ से न तो खुशियाँ और जश्‍न मनाने की,+ न ही दूल्हा-दुल्हन के साथ आनंद मनाने की आवाज़ें+ और न ही चक्की पीसने की आवाज़ सुनायी देगी और दीपक की रौशनी भी नहीं दिखायी देगी। 11 यह पूरा देश मलबे का ढेर बन जाएगा और इसे देखनेवालों का दिल दहल जाएगा। और इन राष्ट्रों को 70 साल तक बैबिलोन के राजा की गुलामी करनी होगी।”’+

12 यहोवा ऐलान करता है, ‘मगर जब 70 साल पूरे हो जाएँगे,+ तो मैं बैबिलोन के राजा और उस राष्ट्र से उनके गुनाह का हिसाब माँगूँगा*+ और मैं कसदियों के देश को नाश करके सदा के लिए वीराना बना दूँगा।+ 13 मैं उस देश पर वे सारी विपत्तियाँ ले आऊँगा जो मैंने बतायी थीं और इस किताब में लिखी हैं और जिनकी भविष्यवाणी यिर्मयाह ने सब राष्ट्रों को सुनायी है। 14 बहुत-से राष्ट्र और महान राजा+ उन्हें अपने गुलाम बना लेंगे+ और मैं उनके कामों का उन्हें सिला दूँगा।’”+

15 इसराएल के परमेश्‍वर यहोवा ने मुझसे कहा, “मेरे हाथ से क्रोध की मदिरा का यह प्याला ले और उन सभी राष्ट्रों को पिला जिनके पास मैं तुझे भेज रहा हूँ। 16 वे इसे पीएँगे और लड़खड़ाएँगे और मैं उन पर जो तलवार भेजूँगा, उसकी वजह से वे पागलों की तरह बरताव करेंगे।”+

17 तब मैंने यहोवा के हाथ से वह प्याला लिया और उन सभी राष्ट्रों को पिलाया जिनके पास यहोवा ने मुझे भेजा।+ 18 मैंने सबसे पहले यरूशलेम और यहूदा के शहरों,+ उसके राजाओं और हाकिमों को पिलाया ताकि वे इस तरह नाश हो जाएँ कि देखनेवालों का दिल दहल जाए, वे उनका मज़ाक उड़ाते हुए सीटी बजाएँ और उन्हें शाप दें,+ जैसा कि आज ज़ाहिर है। 19 इसके बाद मिस्र के राजा फिरौन और उसके सेवकों, हाकिमों, उसके सब लोगों+ 20 और उनके यहाँ रहनेवाले परदेसियों की मिली-जुली भीड़ को पिलाया। फिर ऊज़ देश के सभी राजाओं और पलिश्‍तियों के देश+ के सभी राजाओं को पिलाया यानी अश्‍कलोन,+ गाज़ा, एक्रोन और अशदोद के बचे हुए लोगों के राजाओं को। 21 और एदोम,+ मोआब+ और अम्मोनी लोगों को,+ 22 सोर के सभी राजाओं, सीदोन के सभी राजाओं+ और समुंदर के द्वीप के राजाओं को पिलाया। 23 और ददान,+ तेमा, बूज और उन सभी को जिनकी कलमें मुँड़ी हुई हैं,+ 24 अरबी लोगों के सभी राजाओं,+ वीराने में रहनेवाली मिली-जुली भीड़ के सभी राजाओं, 25 जिमरी के सभी राजाओं, एलाम के सभी राजाओं,+ मादियों के सभी राजाओं+ 26 और उत्तर के सभी राष्ट्रों के राजाओं को एक-एक करके पिलाया, फिर चाहे वे पास के हों या दूर के और धरती के बाकी सभी राज्यों को पिलाया। इन सबके बाद शेशक*+ का राजा यह प्याला पीएगा।

27 “तू उनसे कहना, ‘सेनाओं का परमेश्‍वर और इसराएल का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, “तुम सब इसे पीओ, इतना पीओ कि मदहोश हो जाओ, उलटी करो और ऐसे गिर पड़ो कि उठ न सको+ क्योंकि मैं तुम्हारे बीच तलवार भेज रहा हूँ।”’ 28 और अगर वे तेरे हाथ से प्याला लेकर पीने से इनकार कर दें तो तू उनसे कहना, ‘सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, “तुम्हें इसे पीना ही होगा! 29 क्योंकि देखो! मैं जब इस शहर पर सबसे पहले विपत्ति ला रहा हूँ जिससे मेरा नाम जुड़ा है,+ तो तुमने कैसे सोच लिया कि तुम बच जाओगे?”’+

‘तुम सज़ा से हरगिज़ नहीं बचोगे, क्योंकि मैं धरती के सभी निवासियों पर वार करने के लिए एक तलवार बुलवा रहा हूँ।’ सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा का यह ऐलान है।

30 तू उन्हें ये भविष्यवाणियाँ सुनाना:

‘यहोवा ऊँचाई से गरजेगा,

अपने पवित्र निवास से बुलंद आवाज़ में बोलेगा।

अपने रहने की जगह के खिलाफ ज़ोर से गरजेगा।

अंगूर रौंदनेवालों की तरह ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाएगा,

धरती के सब निवासियों पर जीत पाकर खुशी से गीत गाएगा।’

31 यहोवा ऐलान करता है, ‘धरती के कोने-कोने तक शोरगुल सुनायी देगा,

क्योंकि यहोवा का राष्ट्रों के साथ एक मुकदमा है।

वह खुद सब इंसानों को फैसला सुनाएगा।+

और तलवार से दुष्टों का अंत कर डालेगा।’

32 सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है,

‘देखो! एक-एक करके सब राष्ट्रों पर विपत्ति आएगी,+

धरती के बिलकुल कोने से अचानक एक भयंकर तूफान उठेगा।+

33 उस दिन यहोवा के हाथों मारे गए लोग धरती के एक कोने से दूसरे कोने तक पड़े रहेंगे। उनके लिए कोई मातम नहीं मनाएगा। उनकी लाशें न इकट्ठी की जाएँगी, न ही दफनायी जाएँगी। वे खाद की तरह ज़मीन पर पड़ी रहेंगी।’

34 चरवाहो, बिलख-बिलखकर रोओ, चीखो-चिल्लाओ!

झुंड के बड़े लोगो, राख पर लोटो,

क्योंकि तुम्हें मार डालने और तितर-बितर करने का समय आ गया है,

तुम मिट्टी के बेशकीमती बरतन की तरह गिरकर चूर-चूर हो जाओगे!

35 चरवाहों के लिए भागकर जाने की कोई जगह नहीं,

झुंड के बड़े लोगों के लिए बचने का कोई रास्ता नहीं।

36 चरवाहों की चीख-पुकार सुनो,

झुंड के बड़े लोगों का रोना-बिलखना सुनो,

क्योंकि यहोवा उनके चरागाह को उजाड़ रहा है।

37 उनकी जगह, जहाँ वे शांति से रहते थे, सूनी बना दी गयी हैं,

क्योंकि यहोवा के क्रोध की आग जल रही है।

38 वह ऐसे निकल पड़ा है जैसे एक जवान शेर अपनी माँद से निकलता है,+

भयानक तलवार की वजह से

और उसके क्रोध की जलती आग की वजह से

उनके देश का ऐसा हश्र हुआ है कि देखनेवाले दहल जाते हैं।”

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