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  • व्यवस्थाविवरण 24
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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व्यवस्थाविवरण का सारांश

      • शादी और तलाक (1-5)

      • जीवन के लिए आदर (6-9)

      • गरीबों का लिहाज़ (10-18)

      • बीनने के बारे में नियम (19-22)

व्यवस्थाविवरण 24:1

संबंधित आयतें

  • +मत 5:31, 32; मर 10:4, 11
  • +मला 2:16; मत 1:19; 19:3-8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 104-105

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2018, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2016, पेज 10-11

    यीशु—राह, पेज 222

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/1993, पेज 4-5

व्यवस्थाविवरण 24:2

संबंधित आयतें

  • +लैव 21:7

व्यवस्थाविवरण 24:3

फुटनोट

  • *

    या “उसे ठुकरा देता है।”

व्यवस्थाविवरण 24:5

संबंधित आयतें

  • +व्य 20:7; नीत 5:18; सभ 9:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2021, पेज 7

व्यवस्थाविवरण 24:6

फुटनोट

  • *

    या “बंधक।”

  • *

    या “उसकी जान लेना।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 22:26, 27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2004, पेज 26

व्यवस्थाविवरण 24:7

संबंधित आयतें

  • +उत 37:28; 40:15
  • +निर्ग 21:16
  • +व्य 19:18, 19; 21:20, 21

व्यवस्थाविवरण 24:8

फुटनोट

  • *

    जिस इब्रानी शब्द का अनुवाद “कोढ़” किया गया है उसके कई मतलब हैं। उसमें तरह-तरह के चर्मरोग और कुछ ऐसे संक्रमण भी शामिल हैं जो कपड़ों और घरों में पाए जाते हैं।

संबंधित आयतें

  • +लैव 13:2, 15; मर 1:44; लूक 17:14

व्यवस्थाविवरण 24:9

संबंधित आयतें

  • +गि 12:10, 15

व्यवस्थाविवरण 24:10

संबंधित आयतें

  • +व्य 15:7, 8; नीत 3:27

व्यवस्थाविवरण 24:12

संबंधित आयतें

  • +अय 24:9, 10

व्यवस्थाविवरण 24:13

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 22:26, 27

व्यवस्थाविवरण 24:14

फुटनोट

  • *

    शा., “फाटकों के अंदर।”

संबंधित आयतें

  • +लैव 25:39, 43; नीत 14:31

व्यवस्थाविवरण 24:15

संबंधित आयतें

  • +लैव 19:13; यिर्म 22:13; मत 20:8
  • +नीत 22:22, 23; याकू 5:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2018, पेज 32

व्यवस्थाविवरण 24:16

संबंधित आयतें

  • +2इत 25:3, 4
  • +यहे 18:20

व्यवस्थाविवरण 24:17

फुटनोट

  • *

    या “जिसके पिता की मौत हो गयी है।”

  • *

    या “बंधक।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 22:21, 22
  • +निर्ग 22:26, 27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    2/2019, पेज 24-25

व्यवस्थाविवरण 24:18

संबंधित आयतें

  • +व्य 5:15

व्यवस्थाविवरण 24:19

संबंधित आयतें

  • +लैव 19:9; 23:22; रूत 2:16; भज 41:1
  • +व्य 15:7, 10; नीत 11:24; 19:17; लूक 6:38; 2कुर 9:6; 1यूह 3:17

व्यवस्थाविवरण 24:20

संबंधित आयतें

  • +लैव 19:10; व्य 26:13

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

व्यव. 24:1मत 5:31, 32; मर 10:4, 11
व्यव. 24:1मला 2:16; मत 1:19; 19:3-8
व्यव. 24:2लैव 21:7
व्यव. 24:5व्य 20:7; नीत 5:18; सभ 9:9
व्यव. 24:6निर्ग 22:26, 27
व्यव. 24:7उत 37:28; 40:15
व्यव. 24:7निर्ग 21:16
व्यव. 24:7व्य 19:18, 19; 21:20, 21
व्यव. 24:8लैव 13:2, 15; मर 1:44; लूक 17:14
व्यव. 24:9गि 12:10, 15
व्यव. 24:10व्य 15:7, 8; नीत 3:27
व्यव. 24:12अय 24:9, 10
व्यव. 24:13निर्ग 22:26, 27
व्यव. 24:14लैव 25:39, 43; नीत 14:31
व्यव. 24:15लैव 19:13; यिर्म 22:13; मत 20:8
व्यव. 24:15नीत 22:22, 23; याकू 5:4
व्यव. 24:162इत 25:3, 4
व्यव. 24:16यहे 18:20
व्यव. 24:17निर्ग 22:21, 22
व्यव. 24:17निर्ग 22:26, 27
व्यव. 24:18व्य 5:15
व्यव. 24:19लैव 19:9; 23:22; रूत 2:16; भज 41:1
व्यव. 24:19व्य 15:7, 10; नीत 11:24; 19:17; लूक 6:38; 2कुर 9:6; 1यूह 3:17
व्यव. 24:20लैव 19:10; व्य 26:13
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
व्यवस्थाविवरण 24:1-22

व्यवस्थाविवरण

24 अगर एक आदमी किसी औरत से शादी करता है, मगर बाद में वह उससे खुश नहीं है क्योंकि वह उसमें कुछ बुराई पाता है, तो उसे तलाकनामा लिखकर+ उस औरत के हाथ में देना चाहिए और उसे अपने घर से निकाल देना चाहिए।+ 2 वह औरत उसका घर छोड़ने के बाद किसी और आदमी से शादी कर सकती है।+ 3 अगर दूसरा आदमी भी उससे नफरत करता है* और तलाकनामा लिखकर उसके हाथ में देता है और उसे अपने घर से निकाल देता है या अगर इस दूसरे आदमी की मौत हो जाती है, 4 तो उस औरत का पहला पति, जिसने उसे अपने घर से निकाला था, उससे दोबारा शादी नहीं कर सकता क्योंकि वह औरत दूषित हो चुकी है। अगर वह ऐसा करता है तो यह यहोवा की नज़र में घिनौना काम होगा। तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें जो देश विरासत में देनेवाला है उसमें तुम पाप मत ले आना।

5 अगर एक आदमी की नयी-नयी शादी हुई है तो वह सेना में काम न करे, न ही उसे कोई और ज़िम्मेदारी दी जाए। उसे एक साल तक छूट दी जाए ताकि वह घर पर ही रहे और अपनी पत्नी को खुशियाँ दे।+

6 जब कोई किसी को उधार देता है तो वह गिरवी* के रूप में उसकी हाथ की चक्की या चक्की का ऊपरी पाट ज़ब्त न करे+ क्योंकि ऐसा करना उसकी रोज़ी-रोटी छीन लेना* है।

7 अगर कोई अपने किसी इसराएली भाई को अगवा कर लेता है और उसके साथ बुरा सलूक करता है और उसे बेच देता है,+ तो अगवा करनेवाले को मार डाला जाए।+ तुम अपने बीच से बुराई मिटा देना।+

8 अगर तुम्हारे यहाँ कोढ़* निकल आता है तो कोढ़ के बारे में लेवी याजकों की सारी हिदायतों का तुम सख्ती से पालन करना।+ तुम ठीक वैसा ही करना जैसा मैंने याजकों को आज्ञा दी है। 9 याद रखना कि जब तुम मिस्र से निकलने के बाद सफर कर रहे थे, तब तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने मिरयम के साथ क्या किया था।+

10 अगर तू अपने पड़ोसी को कुछ उधार देता है+ तो उसने जो चीज़ गिरवी रखने का वादा किया है, उसे ज़ब्त करने के लिए तू उसके घर के अंदर मत घुस जाना। 11 तुझे कर्ज़दार के घर के बाहर ही खड़े रहना है और वह अपनी गिरवी की चीज़ बाहर लाकर तुझे देगा। 12 अगर तेरा कर्ज़दार तंगी में है तो उसकी गिरवी की चीज़ अपने पास रात-भर मत रखना।+ 13 सूरज ढलते ही उसका गिरवी का कपड़ा उसे हर हाल में लौटा देना ताकि वह उसे ओढ़कर सो सके।+ तब वह तुझे दुआ देगा और तेरा यह काम तेरे परमेश्‍वर यहोवा की नज़र में नेकी माना जाएगा।

14 तू किसी भी दिहाड़ी के मज़दूर के साथ बेईमानी न करना, फिर चाहे वह तेरा इसराएली भाई हो या तेरे शहरों में* रहनेवाला कोई परदेसी। तू ऐसे ज़रूरतमंद और गरीब को ठगना मत।+ 15 तू हर दिन की मज़दूरी उसे सूरज ढलने से पहले उसी दिन दे देना+ क्योंकि वह ज़रूरतमंद है और उसकी मज़दूरी से ही उसका गुज़ारा होता है। अगर तू उसकी मज़दूरी नहीं देगा तो वह तेरे खिलाफ यहोवा की दुहाई देगा और तू पाप का दोषी ठहरेगा।+

16 बच्चों के पाप के लिए पिताओं को न मार डाला जाए और न ही पिताओं के पाप के लिए बच्चों को मार डाला जाए।+ जो पाप करता है उसी को मौत की सज़ा दी जाए।+

17 तुम अपने यहाँ रहनेवाले किसी परदेसी या अनाथ* के साथ अन्याय मत करना।+ और जब तुम किसी विधवा को उधार देते हो तो उसका कपड़ा ज़ब्त करके गिरवी* मत रखना।+ 18 मत भूलना कि मिस्र में तुम भी गुलाम थे और तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें वहाँ से छुड़ा लाया है।+ इसीलिए मैं तुम्हें ऐसा करने की आज्ञा दे रहा हूँ।

19 जब तुम अपने खेत में कटाई करते हो और फसल इकट्ठी करते हो, तब अगर भूल से एक पूला छूट जाए तो उसे लेने के लिए तुम खेत में वापस मत जाना। तुम उसे अपने यहाँ रहनेवाले परदेसियों, अनाथों और विधवाओं+ के लिए छोड़ देना ताकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे हर काम पर आशीष दे।+

20 जब तुम अपने जैतून की डालियों को मारकर उनके फल इकट्ठे कर लेते हो, तो डालियों को दोबारा मत झाड़ना। जो फल रह जाते हैं उन्हें तुम अपने यहाँ रहनेवाले परदेसियों, अनाथों और विधवाओं के लिए छोड़ देना।+

21 जब तुम अपने अंगूरों के बाग से अंगूर इकट्ठा कर लेते हो, तो बचे हुए अंगूर इकट्ठा करने के लिए वापस मत जाना। उन्हें तुम अपने यहाँ रहनेवाले परदेसियों, अनाथों और विधवाओं के लिए छोड़ देना। 22 मत भूलना कि मिस्र में तुम भी गुलाम थे। इसीलिए मैं तुम्हें ऐसा करने की आज्ञा दे रहा हूँ।

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