भजन
आसाप+ का गीत। निर्देशक के लिए हिदायत: “नाश न होने दे” धुन के मुताबिक।
75 हे परमेश्वर, हम तेरा धन्यवाद करते हैं, हाँ, तेरा धन्यवाद करते हैं,
तेरा नाम करीब है+
और लोग तेरे आश्चर्य के कामों का ऐलान करते हैं।
2 तू कहता है, “जब मैं समय तय करता हूँ,
तब मैं बिना तरफदारी किए न्याय करता हूँ।
3 जब धरती और उसके सारे निवासी डर के मारे पिघल गए,
तब मैंने ही उसके खंभों को मज़बूत बनाए रखा।” (सेला )
4 मैं शेखीबाज़ों से कहता हूँ, “शेखी मत मारो,”
दुष्टों से कहता हूँ, “अपनी ताकत पर मत इतराओ।*
6 क्योंकि सम्मान पूरब, पश्चिम या दक्षिण से नहीं मिलता।
वही है जो किसी को ऊँचा उठाता तो किसी को नीचे गिराता है।+
वह उसे ज़रूर उँडेल देगा
और धरती के सभी दुष्ट उसे पीएँगे, उसका तलछट तक पीएँगे।”+