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  • 1 कुरिंथियों 4
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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1 कुरिंथियों का सारांश

      • प्रबंधक को विश्‍वासयोग्य होना चाहिए (1-5)

      • मसीही सेवकों की नम्रता (6-13)

        • “जो लिखा है उससे आगे न जाना” (6)

        • मसीहियों की नुमाइश (9)

      • अपने मसीही बच्चों के लिए पौलुस की परवाह (14-21)

1 कुरिंथियों 4:1

फुटनोट

  • *

    या “के अधीन काम करनेवाले।”

संबंधित आयतें

  • +मत 13:11; रोम 16:25, 26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2012, पेज 11-12

    8/1/2000, पेज 14-15

1 कुरिंथियों 4:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2012, पेज 12-13

1 कुरिंथियों 4:4

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +नीत 21:2; रोम 14:10; इब्र 4:13

1 कुरिंथियों 4:5

संबंधित आयतें

  • +मत 7:1
  • +नीत 10:9; 2कुर 10:18; 1ती 5:24, 25

1 कुरिंथियों 4:6

संबंधित आयतें

  • +1कुर 1:12
  • +रोम 12:3; 2कुर 12:20; 3यूह 9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग, 2/15/1996, पेज 30

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 7

    2/1/1991, पेज 18-19

1 कुरिंथियों 4:7

संबंधित आयतें

  • +यूह 3:27

1 कुरिंथियों 4:8

संबंधित आयतें

  • +प्रक 20:4, 6
  • +2ती 2:12; प्रक 3:21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2008, पेज 22

    1/1/1994, पेज 29-30

1 कुरिंथियों 4:9

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:36; 1कुर 15:32; 2कुर 6:4, 9
  • +इब्र 10:33

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2009, पेज 24

    9/1/1990, पेज 28

    राज-सेवा,

    8/2001, पेज 1

    सजग होइए!,

    9/8/1998, पेज 24

1 कुरिंथियों 4:10

संबंधित आयतें

  • +1कुर 3:18

1 कुरिंथियों 4:11

फुटनोट

  • *

    शा., “नंगे।”

  • *

    या “घूसे मारे जाते हैं।”

संबंधित आयतें

  • +2कुर 11:27; फिल 4:12
  • +प्रेष 14:19; 23:2; 2कुर 11:24

1 कुरिंथियों 4:12

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 18:3; 20:34; 1थि 2:9
  • +रोम 12:14; 1पत 3:9
  • +मत 5:44

1 कुरिंथियों 4:13

फुटनोट

  • *

    शा., “हम गुज़ारिश करते हैं।”

संबंधित आयतें

  • +1पत 2:23

1 कुरिंथियों 4:15

फुटनोट

  • *

    या “अभिभावक।”

संबंधित आयतें

  • +गल 4:19; 1थि 2:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/1993, पेज 14

1 कुरिंथियों 4:16

संबंधित आयतें

  • +1कुर 11:1; फिल 3:17; 1थि 1:6

1 कुरिंथियों 4:17

संबंधित आयतें

  • +2ती 1:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2018, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2017, पेज 30-31

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/1988, पेज 26

1 कुरिंथियों 4:19

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

1 कुरिंथियों 4:21

संबंधित आयतें

  • +2कुर 13:10

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 कुरिं. 4:1मत 13:11; रोम 16:25, 26
1 कुरिं. 4:4नीत 21:2; रोम 14:10; इब्र 4:13
1 कुरिं. 4:5मत 7:1
1 कुरिं. 4:5नीत 10:9; 2कुर 10:18; 1ती 5:24, 25
1 कुरिं. 4:61कुर 1:12
1 कुरिं. 4:6रोम 12:3; 2कुर 12:20; 3यूह 9
1 कुरिं. 4:7यूह 3:27
1 कुरिं. 4:8प्रक 20:4, 6
1 कुरिं. 4:82ती 2:12; प्रक 3:21
1 कुरिं. 4:9रोम 8:36; 1कुर 15:32; 2कुर 6:4, 9
1 कुरिं. 4:9इब्र 10:33
1 कुरिं. 4:101कुर 3:18
1 कुरिं. 4:112कुर 11:27; फिल 4:12
1 कुरिं. 4:11प्रेष 14:19; 23:2; 2कुर 11:24
1 कुरिं. 4:12प्रेष 18:3; 20:34; 1थि 2:9
1 कुरिं. 4:12रोम 12:14; 1पत 3:9
1 कुरिं. 4:12मत 5:44
1 कुरिं. 4:131पत 2:23
1 कुरिं. 4:15गल 4:19; 1थि 2:11
1 कुरिं. 4:161कुर 11:1; फिल 3:17; 1थि 1:6
1 कुरिं. 4:172ती 1:13
1 कुरिं. 4:212कुर 13:10
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
1 कुरिंथियों 4:1-21

कुरिंथियों के नाम पहली चिट्ठी

4 लोग हमें मसीह के सेवक* और ऐसे प्रबंधक समझें जिन्हें परमेश्‍वर के पवित्र रहस्य सौंपे गए हैं।+ 2 और एक प्रबंधक से उम्मीद की जाती है कि वह विश्‍वासयोग्य हो। 3 मेरे लिए यह बात कोई मायने नहीं रखती कि तुम या कोई इंसानी अदालत मेरी जाँच-पड़ताल करे। यहाँ तक कि मैं खुद भी अपनी जाँच-पड़ताल नहीं करता। 4 मुझे खुद में कोई बुराई नज़र नहीं आती। फिर भी इस बात से मैं नेक साबित नहीं होता। जो मेरी जाँच-पड़ताल करता है वह यहोवा* है।+ 5 इसलिए तय वक्‍त से पहले, यानी जब तक प्रभु नहीं आता तब तक किसी बात का न्याय मत करो।+ वही अंधकार में छिपी हुई बातों को रौशनी में लाएगा और दिल के इरादों का खुलासा कर देगा। तब हर कोई अपने लिए परमेश्‍वर से तारीफ पाएगा।+

6 भाइयो, मैंने तुम्हारे भले के लिए खुद को और अपुल्लोस+ को मिसाल बनाकर ये बातें कही हैं ताकि तुम हमारी मिसाल से इस नियम पर चलना सीखो: “जो लिखा है उससे आगे न जाना” ताकि तुम घमंड से फूलकर एक को दूसरे से बेहतर न समझो।+ 7 तुझमें ऐसा क्या है जो तुझे दूसरों से बढ़कर समझा जाए? दरअसल, तेरे पास ऐसा क्या है जो तूने पाया न हो?+ अगर तूने इसे पाया है, तो तू इस तरह शेखी क्यों मारता है मानो तूने नहीं पाया?

8 क्या तुम्हारी उम्मीद पूरी हो गयी है? क्या तुम अभी से दौलतमंद हो चुके हो? क्या तुमने हमारे बिना ही राज करना शुरू कर दिया है?+ काश, तुमने राजा बनकर राज करना शुरू कर दिया होता ताकि हम भी तुम्हारे साथ राजा बनकर राज कर सकते।+ 9 मुझे ऐसा लगता है कि परमेश्‍वर ने हम प्रेषितों को, उन आदमियों की तरह ठहराया है जिन्हें मौत की सज़ा सुनायी गयी है और जिन्हें रंगशाला में सबसे आखिर में लाया जाता है,+ क्योंकि दुनिया और स्वर्गदूतों और इंसानों के सामने हमारी नुमाइश हो रही है।+ 10 हमें मसीह की खातिर मूर्ख समझा जाता है,+ मगर तुम खुद को मसीह में बुद्धिमान समझते हो। हम कमज़ोर हैं, मगर तुम तो ताकतवर हो। तुम बड़े इज़्ज़तदार हो, मगर हमारी कोई इज़्ज़त नहीं। 11 आज के दिन तक हम भूखे-प्यासे+ और फटेहाल* हैं, हमें मारा-पीटा जाता है,*+ हम बेघर हैं 12 और अपने हाथों से कड़ी मेहनत करते हैं।+ जब हमारा अपमान किया जाता है तो हम आशीष देते हैं।+ जब हमें सताया जाता है तो हम धीरज धरते हुए सह लेते हैं।+ 13 जब हमें बदनाम किया जाता है तो हम कोमलता से जवाब देते हैं।*+ आज तक हमें दुनिया का कचरा और हर तरह की गंदगी समझा जाता है।

14 मैं तुम्हें शर्मिंदा करने के लिए ये बातें नहीं लिख रहा, बल्कि अपने प्यारे बच्चे जानकर तुम्हें समझा रहा हूँ। 15 इसलिए कि मसीह में चाहे तुम्हारी देखरेख करनेवाले* 10,000 हों, तो भी तुम्हारे कई पिता नहीं हैं। खुशखबरी के ज़रिए मसीह यीशु में, मैं तुम्हारा पिता बना हूँ।+ 16 इसलिए मैं तुमसे गुज़ारिश करता हूँ कि मेरी मिसाल पर चलो।+ 17 इसी वजह से मैं तुम्हारे पास तीमुथियुस को भेज रहा हूँ जो प्रभु में मेरा प्यारा और विश्‍वासयोग्य बच्चा है। वह मसीह की सेवा से जुड़े मेरे तौर-तरीके तुम्हें याद दिलाएगा,+ जिन्हें आज़माकर मैं जगह-जगह हर मंडली में सिखा रहा हूँ।

18 कुछ तो इस तरह घमंड से फूल गए हैं मानो मैं तुम्हारे पास कभी वापस नहीं आऊँगा। 19 लेकिन अगर यहोवा* की मरज़ी हुई, तो मैं बहुत जल्द तुम्हारे पास आऊँगा। और जो लोग घमंड से फूल गए हैं, मैं उनकी बातों में कोई दिलचस्पी नहीं लूँगा बल्कि यह देखूँगा कि उनमें परमेश्‍वर की शक्‍ति है या नहीं। 20 इसलिए कि परमेश्‍वर का राज, बातों से नहीं बल्कि परमेश्‍वर की शक्‍ति से ज़ाहिर होता है। 21 तुम क्या चाहते हो? क्या मैं डंडा लेकर तुम्हारे पास आऊँ+ या फिर प्यार और कोमल स्वभाव के साथ आऊँ?

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