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  • क्या आप यहोवा के दोस्त बन सकते हैं?
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
    • पाठ 8. एक आदमी बाहर बैठा है और ऊपर आसमान की ओर देख रहा है।

      पाठ 08

      क्या आप यहोवा के दोस्त बन सकते हैं?

      यहोवा चाहता है कि आप उसे अच्छे-से जानें। वह जानता है कि आप जितना ज़्यादा उसे और उसके गुणों के बारे में जानेंगे, उतना आप उसके करीब महसूस करेंगे और उससे दोस्ती करना चाहेंगे। पर शायद आप सोचें, ‘क्या मैं वाकई परमेश्‍वर का दोस्त बन सकता हूँ?’ (भजन 25:14 पढ़िए।) अगर हाँ, तो परमेश्‍वर का दोस्त बनने के लिए आपको क्या करना होगा? बाइबल में इन सवालों के जवाब दिए गए हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि यहोवा क्यों हमारा सबसे अच्छा दोस्त हो सकता है।

      1. यहोवा हमें क्या करने का बढ़ावा दे रहा है?

      यहोवा ने बाइबल में लिखवाया है, “परमेश्‍वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।” (याकूब 4:8) तो यहोवा खुद बढ़ावा दे रहा है कि हम उससे दोस्ती करें। पर शायद कुछ लोग कहें, “यहोवा को तो मैं देख नहीं सकता, उससे दोस्ती कैसे करूँ?” यह सच है कि हम यहोवा को देख नहीं सकते, फिर भी उसके दोस्त बन सकते हैं। बाइबल में यहोवा ने अपने बारे में बहुत कुछ लिखवाया है। उसे पढ़ने से हम जान पाएँगे कि वह कैसा परमेश्‍वर है। तब हम उसके करीब महसूस करेंगे और उससे दोस्ती कर पाएँगे।

      2. हम क्यों कह सकते हैं कि यहोवा से अच्छा दोस्त और कोई नहीं हो सकता?

      यहोवा आपसे जितना प्यार करता है, उतना कोई नहीं कर सकता। वह चाहता है कि आप हमेशा खुश रहें और अपनी हर परेशानी उसे बताएँ। आप ‘अपनी सारी चिंताओं का बोझ उस पर डाल सकते हैं क्योंकि उसे आपकी परवाह है।’ (1 पतरस 5:7) एक सच्चे दोस्त की तरह यहोवा मुसीबत में आपका साथ देगा, आपकी हर तकलीफ सुनेगा और आपको सँभालेगा।—भजन 94:18, 19 पढ़िए।

      3. यहोवा अपने दोस्तों से क्या उम्मीद करता है?

      यहोवा सभी लोगों से प्यार करता है, पर दोस्ती सिर्फ सीधे-सच्चे लोगों से करता है। (नीतिवचन 3:32) यहोवा अपने दोस्तों से उम्मीद करता है कि वे ऐसे काम करें जो उसके हिसाब से सही हैं और ऐसे काम न करें जो उसके हिसाब से गलत हैं। पर कुछ लोगों को लगता है कि यहोवा के बताए तरीके से जीना बहुत मुश्‍किल है। लेकिन यहोवा दयालु है और हमारी कमज़ोरियाँ समझता है। अगर हम सच्चे दिल से उससे प्यार करें और उसकी बात मानने की पूरी कोशिश करें, तो वह हमें अपना दोस्त मानेगा।—भजन 147:11; प्रेषितों 10:34, 35.

      और जानिए

      यहोवा का दोस्त बनने के लिए आपको क्या करना होगा? हम क्यों कह सकते हैं कि यहोवा से अच्छा दोस्त और कोई नहीं हो सकता? आइए जानें।

      4. अब्राहम यहोवा का दोस्त था

      बाइबल में एक ऐसे आदमी के बारे में बताया गया है जो यहोवा का दोस्त था। उसका नाम था अब्राहम। उसे अब्राम भी कहा गया है। उसके बारे में पढ़ने से हम समझ पाएँगे कि यहोवा के दोस्त होने के लिए एक इंसान को क्या करना चाहिए और यहोवा अपने दोस्तों के लिए क्या करता है। उत्पत्ति 12:1-4 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा ने अब्राहम से क्या कहा?

      • उसने अब्राहम से क्या वादा किया?

      • अब्राहम ने यहोवा की बात कैसे मानी?

      5. यहोवा अपने दोस्तों से क्या चाहता है?

      दोस्तों से अकसर हमारी कुछ उम्मीदें होती हैं।

      • आप अपने दोस्तों से क्या उम्मीद करते हैं?

      1 यूहन्‍ना 5:3 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा अपने दोस्तों से क्या उम्मीद करता है?

      यहोवा की आज्ञा मानने के लिए शायद हमें अपनी सोच और कुछ तौर-तरीके बदलने पड़ें। यशायाह 48:17, 18 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा क्यों अपने दोस्तों से कहता है कि वे अपनी सोच और तौर-तरीके बदलें?

      दो आदमी निर्माण काम में लगे हुए हैं और एक आदमी दूसरे को हेलमेट पहनने के लिए कह रहा है।

      एक अच्छा दोस्त हमारा भला चाहेगा और हमें खतरे से खबरदार करेगा। यहोवा भी ऐसा ही दोस्त है

      6. यहोवा अपने दोस्तों के लिए क्या-क्या करता है?

      यहोवा मुश्‍किलों के वक्‍त अपने दोस्तों की मदद करता है। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      वीडियो: यहोवा ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है  (3:20)

      • बुरी यादों से और निराशा से जूझने में यहोवा ने उस औरत की कैसे मदद की है?

      यशायाह 41:10, 13 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

      • इन वचनों में यहोवा अपने दोस्तों को किस बात का यकीन दिलाता है?

      • क्या यहोवा से अच्छा दोस्त कोई और हो सकता है? आप ऐसा क्यों कहते हैं?

      तसवीरें: कुछ दोस्त एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। 1. एक आदमी मेज़ उठाने में दूसरे आदमी की मदद कर रहा है। 2. एक औरत दूसरी औरत को अपने दिल की बात बता रही है। 3. एक आदमी बैसाखी की मदद से चल रहा है और दूसरा आदमी उसे सहारा दे रहा है।

      सच्चे दोस्त ज़रूरत के वक्‍त मदद करते हैं। यहोवा भी आपकी मदद करेगा

      7. यहोवा से बात कीजिए और उसकी सुनिए

      दोस्ती तभी गहरी होती है जब दो दोस्त एक-दूसरे से बात करते हैं। भजन 86:6, 11 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

      • हम यहोवा से कैसे बात कर सकते हैं?

      • यहोवा हमसे कैसे बात करता है?

      तसवीरें: एक औरत प्रार्थना कर रही है। उसके सिर पर तीर का निशान है जो ऊपर की तरफ इशारा कर रहा है। 2. एक औरत बाइबल पढ़ रही है। उसके सिर पर तीर का निशान है जो नीचे की तरफ इशारा कर रहा है।

      हम प्रार्थना के ज़रिए यहोवा से बात करते हैं और वह बाइबल के ज़रिए हमसे बात करता है

      कुछ लोग कहते हैं: “हम कहाँ और ईश्‍वर कहाँ! हम उसके दोस्त कैसे बन सकते हैं!”

      • आप कौन-सा वचन दिखाकर बताएँगे कि हम यहोवा के दोस्त बन सकते हैं?

      अब तक हमने सीखा

      यहोवा चाहता है कि आप उसके करीब आएँ और उसके दोस्त बनें। ऐसा करने में वह आपकी मदद करेगा।

      आप क्या कहेंगे?

      • यहोवा अपने दोस्तों के लिए क्या-क्या करता है?

      • यहोवा क्यों कहता है कि उसके दोस्त अपनी सोच और तौर-तरीके बदलें?

      • क्या आपको लगता है कि यहोवा अपने दोस्तों से कुछ ज़्यादा ही उम्मीद करता है? आप ऐसा क्यों कहते हैं?

      लक्ष्य

      ये भी देखें

      यहोवा से दोस्ती करने से आप कैसे एक अच्छी ज़िंदगी जी सकते हैं, इस बारे में पढ़कर देखिए।

      “यहोवा एक ऐसा परमेश्‍वर जिसे जानना फायदेमंद है” (प्रहरीदुर्ग,  15 फरवरी, 2003)

      जानिए कि आप यहोवा के दोस्त कैसे बन सकते हैं।

      “मैं परमेश्‍वर से दोस्ती कैसे कर सकता हूँ?” (ऑनलाइन लेख)

      जानिए कि यहोवा से दोस्ती करने से कैसे एक औरत को नयी ज़िंदगी मिली।

      “मैं मरना नहीं चाहती थी!” (प्रहरीदुर्ग  अंक 1 2017)

      कुछ नौजवानों से सुनिए कि वे यहोवा के बारे में कैसा महसूस करते हैं।

      परमेश्‍वर से दोस्ती  (1:46)

  • बपतिस्मा​—एक बढ़िया लक्ष्य!
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
    • 6. बपतिस्मा लेने से आप यहोवा के परिवार का हिस्सा बन जाएँगे

      दुनिया-भर में फैले यहोवा के साक्षी एक परिवार की तरह हैं। भले ही वे दुनिया के किसी भी कोने में रहते हों और उनकी परवरिश अलग-अलग माहौल में हुई हो, फिर भी वे एक जैसी शिक्षाओं को मानते हैं और एक जैसे स्तरों के मुताबिक जीते हैं। जब एक व्यक्‍ति बपतिस्मा लेता है, तो वह इस परिवार का हिस्सा बन जाता है। भजन 25:14 और 1 पतरस 2:17 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • बपतिस्मा लेने के बाद एक व्यक्‍ति का यहोवा और उसके लोगों के साथ कैसा रिश्‍ता बन जाता है?

      तसवीरें: बपतिस्मा पायी हुई एक बहन यह सोचकर खुश हो रही है कि मंडली में भाई-बहनों के साथ उसका रिश्‍ता कितना अच्छा है। 1. वह एक बहन को अपने दिल की बात बता रही है। 2. एक बुज़ुर्ग बहन चल रही है और वह उसे सहारा दे रही है। 3. वह अलग-अलग उम्र के भाई-बहनों के साथ खाना खा रही है। 4. वह एक बहन के साथ मिलकर एक आदमी को प्रचार कर रही है। 5. अधिवेशन में वह अलग-अलग देश की दो बहनों के साथ फोटो ले रही है।
  • परमेश्‍वर ने हमें क्यों बनाया?
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    • 2. आज हमें सच्ची खुशी और जीने का मकसद कैसे मिल सकता है?

      यहोवा ने हम इंसानों को इस तरह बनाया है कि हमारे अंदर “परमेश्‍वर से मार्गदर्शन पाने की भूख” होती है। इसका मतलब, हममें परमेश्‍वर को जानने और उसकी उपासना करने की इच्छा होती है। (मत्ती 5:3-6 पढ़िए।) यहोवा चाहता है कि हम उससे गहरी दोस्ती करें, ‘हर बात में उसकी बतायी राह पर चलें, उससे प्यार करें और पूरे दिल से उसकी सेवा करें।’ (व्यवस्थाविवरण 10:12; भजन 25:14) जब हम ऐसा करते हैं, तो हमें सच्ची खुशी मिलती है, फिर चाहे हमारी ज़िंदगी में कितनी ही मुश्‍किलें क्यों न हों। यहोवा की उपासना करने से, यानी उसके मुताबिक चलने से ही हमें जीने का मकसद मिलता है।

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