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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1999
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“तूफान के समय समुद्र में जाना”

क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे खराब समय समुद्र में जाना पागलपन है, और हमारे लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है? कुछ लोगों ने खुद को ऐसी ही परिस्थितियों में एक लाक्षणिक रूप में धकेल दिया है। वह कैसे? १७वीं शताब्दी के एक अँग्रेज़ लेखक टॉमस फूलर ने कहा था: “गुस्से में आकर काम करना, तूफान के समय समुद्र में जाने के समान है।”

बेलगाम गुस्से में आकर कुछ कर देने के परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं। यह बात बाइबल में दी गई एक घटना से देखी जा सकती है। प्राचीन समय में, पूर्वज-याकूब के दो बेटे शिमोन और लेवी, अपनी बहन के साथ हुए बलात्कार के कारण गुस्से से भर गए और बदला लेना चाहते थे। परिणाम क्या हुआ? चारों तरफ कत्ल-ही-कत्ल और लूटमार। इसमें कोई ताज्जुब की बात नहीं कि याकूब ने उनके इस दुष्टतापूर्ण काम की यह कहकर निंदा की: “तुम ने जो इस देश के निवासी . . . के मन में मेरी ओर घृणा उत्पन्‍न कराई है, इस से तुम ने मुझे संकट में डाला है।”—उत्पत्ति ३४:२५-३०.

परमेश्‍वर का वचन, यानी बाइबल बुद्धिमानीपूर्वक इसके विपरीत करने को कहती है। यह कहती है: “क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।” (भजन ३७:८) इस सलाह को मानने से बड़े-बड़े पापों को रोका जा सकता है।—सभोपदेशक १०:४; नीतिवचन २२:२४, २५ भी देखिए।

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