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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2000
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“खूबसूरत पहाड़ी बकरी”

अक्सर जब हम बकरी की बात करते हैं तो उसके साथ खूबसूरत शब्द नहीं जोड़ते। बेशक बकरी से हमें पौष्टिक दूध और स्वादिष्ट मीट मिलता है और हमें उसके भोजन की ज़्यादा चिंता नहीं करनी पड़ती, उसे जो दो वह चुपचाप खा लेती है। बकरी से हमें इतने फायदे होते हैं, मगर फिर भी हम उसे खूबसूरत बकरी नहीं कहते।

बाइबल में नीतिवचन की किताब में पत्नी की तुलना “खूबसूरत और प्यारी पहाड़ी बकरी” से की गई है। (नीतिवचन 5:18, 19, NW) यह किताब सुलैमान ने लिखी थी। और उसने इस्राएल के जंगली जानवरों को बहुत ध्यान से देखा था। इसीलिए जब सुलैमान ने ऐसी तुलना की तो इसका ज़रूर कुछ कारण रहा होगा। (1 राजा 4:30-33) शायद उसने भी अपने पिता दाऊद की तरह, उन पहाड़ी बकरियों को ध्यान से देखा होगा जो अकसर मृत-सागर के किनारे एनगदी के इलाके में आती थीं।

ये पहाड़ी बकरियाँ छोटे-छोटे झुंडों में यहूदिया के रेगिस्तान के आस-पास रहती हैं। और एनगदी के झरने से पानी पीने जाती हैं। क्योंकि पूरे सूखे इलाके में सिर्फ यही एक ऐसी जगह है जहाँ पानी मिलता है, इसलिए सदियों से पहाड़ी बकरियों के लिए यह एक खास जगह रही है। दरअसल एनगदी का मतलब भी शायद “बच्चों का फव्वारा” है, क्योंकि यहाँ बकरियों के बच्चों को नियमित रूप से आते देखा गया है। राजा शाऊल से बचने के लिए राजा दाऊद को कुछ वक्‍त तक इसी जगह यानी ‘बनैली बकरी की चट्टानों पर’ भगोड़े के रूप में रहना पड़ा था।’—1 शमूएल 24:1, 2.

आज भी पहाड़ी बकरियों को एनगदी में देखा जा सकता है जो खूबसूरत अनोखे अंदाज़ में बकरे के पीछे-पीछे पहाड़ी से नीचे उतरती हुई, पानी की ओर जा रही होती हैं। अब शायद आप समझ सकें कि क्यों बकरी की तुलना वफादार पत्नी से की गई है। उनका शांत स्वभाव और मनोहरता नारी के गुण प्रदर्शित करते हैं। और शब्द “खूबसूरत” इन पहाड़ी बकरियों के खूबसूरत अंदाज़ और मोहक गुण की ओर इशारा करता है।a

इन पहाड़ी बकरियों में खूबसूरत अंदाज़ तो होता ही है, साथ ही इन्हें ताकतवर भी होना चाहिए। यहोवा ने अय्यूब से कहा था कि जंगली बकरियाँ पहाड़ों और चट्टानों पर बच्चे देती हैं, जहाँ भोजन शायद कम और तापमान बहुत अधिक होता है। (अय्यूब 39:1) इन सब परेशानियों के बावजूद वे अपने बच्चों की अच्छी तरह से देखभाल करती हैं और उन्हें अपनी तरह फुर्ती से पहाड़ पर चढ़ने और कूदने-फाँदने में माहिर बना देती हैं। साथ ही जब कोई इनके बच्चों पर हमला करता है तो ये शेरनी की तरह उन पर टूट पड़ती हैं, और अपने बच्चों की रक्षा करती हैं। एक बार एक आदमी ने देखा कि एक नन्हा-सा बच्चा अपनी माँ के पैरों के बीच छिपा हुआ था और पहाड़ी बकरी अपने बच्चे को बचाने के लिए करीब आधे घंटे तक, एक बाज़ से लड़ती रही।

एक मसीही माँ या पत्नी भी परिवार में ऐसी ही भूमिका निभाती है। दुनिया के बदतर हालात में, उसे अपने बच्चों का पालन-पोषण करना पड़ता है। परमेश्‍वर से मिली इस ज़िम्मेदारी को वे पहाड़ी बकरी की तरह निस्वार्थ रूप और तहेदिल से पूरा करती हैं। वे बड़ी हिम्मत के साथ अपने बच्चों को आध्यात्मिक खतरों से बचाती हैं। तो सुलैमान यहाँ पहाड़ी बकरी से औरतों की तुलना करके औरतों को नीचा नहीं दिखा रहा था। इसके बजाए सुलैमान हमारा ध्यान औरतों की शालीनता और सुंदरता यानी उनके आध्यात्मिक गुणों की ओर खींच रहा था जो कि बद-से-बदतर परिस्थितियों में भी जगमगाते रहते हैं।

[फुटनोट]

a द न्यू ब्राउन-ड्राइवर-ब्रिग्स-जीनियस हिब्रू एण्ड इंग्लिश लैक्सीकन के मुताबिक यहाँ इब्रानी शब्द चॆन को “खूबसूरत” अनुवाद किया गया है इसका मतलब ‘सुंदरता और अनोखा’ भी हो सकता है।

[पेज 30, 31 पर तसवीरें]

एक मसीही माँ या पत्नी जब परमेश्‍वर से मिली ज़िम्मेदारी को पूरा करती है तो वह आध्यात्मिक गुणों की रोशनी फैलाती हैं

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