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यहोवा अपने नाम की महिमा प्रकट करता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
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12, 13. (क) किस मायने में यहोवा का कोई सहायक नहीं है? (ख) यहोवा का भुजबल कैसे उद्धार कराता है, और उसकी जलजलाहट उसे कैसे सम्हालती है?
12 यहोवा आगे कहता है: “मैं ने खोजा, पर कोई सहायक न दिखाई पड़ा; मैं ने इस से अचम्भा भी किया कि कोई सम्भालनेवाला नहीं था; तब मैं ने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और मेरी जलजलाहट ही ने मुझे सम्हाला। हां, मैं ने अपने क्रोध में आकर देश देश के लोगों को लताड़ा, अपनी जलजलाहट से मैं ने उन्हें मतवाला कर दिया, और उनके लोहू को भूमि पर बहा दिया।”—यशायाह 63:5,6.
13 कोई इंसान यह दावा नहीं कर सकता कि यहोवा के पलटा लेने का महान दिन लाने में उसने किसी तरह से मदद की है। ना ही यहोवा को अपनी इच्छा पूरी करने के लिए किसी इंसान के सहारे की ज़रूरत है।c इस काम को करने के लिए उसके भुजबल का असीम सामर्थ ही काफी है। (भजन 44:3; 98:1; यिर्मयाह 27:5) यही नहीं, उसकी जलजलाहट उसे सम्हालती है। कैसे? वह ऐसे कि यहोवा की जलजलाहट बेकाबू नहीं होती बल्कि वह धार्मिकता की खातिर क्रोध करता है। यहोवा हमेशा अपने धर्मी सिद्धांतों के मुताबिक काम करता है, इसलिए उसकी जलजलाहट उसे सम्हालती और प्रेरित करती है कि दुश्मनों के “लोहू को भूमि पर बहा” दे यानी उन्हें नीचा दिखाकर उनको मिटा दे।—भजन 75:8; यशायाह 25:10; 26:5.
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यहोवा अपने नाम की महिमा प्रकट करता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
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c यहोवा ताज्जुब करता है कि कोई उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं हुआ। यह सचमुच ताज्जुब की बात है कि यीशु की मौत के करीब 2,000 साल बाद भी, पृथ्वी के शक्तिशाली लोग आज तक परमेश्वर की इच्छा का विरोध करते हैं।—भजन 2:2-12; यशायाह 59:16.
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