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‘चार चेहरोंवाले जीवित प्राणी’ किस बात को दर्शाते हैं?सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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15. पहले दर्शन से यहेजकेल ने कौन-सी अच्छी बात जानी?
15 इस पहले दर्शन से यहेजकेल ने यहोवा के साथ अपने रिश्ते के बारे में एक ऐसी बात जानी जिससे उसे बहुत खुशी हुई होगी। वह क्या है? इसे जानने के लिए ध्यान दीजिए कि वह अपनी किताब की शुरूआत में क्या कहता है। वह कहता है कि जब वह “कसदियों के देश में” था, तो “वहाँ यहोवा का हाथ उस पर आया।” (यहे. 1:3) तो यहेजकेल को वह दर्शन “वहाँ” यानी बैबिलोन में मिला था, न कि यरूशलेम में।c इससे यहेजकेल को एहसास हुआ कि भले ही वह बैबिलोन की बँधुआई में जी रहा है और यरूशलेम और उसके मंदिर से बहुत दूर है, फिर भी वह यहोवा से दूर नहीं है और वहाँ भी उसकी उपासना कर सकता है। यहेजकेल को बैबिलोन में अपना दर्शन दिखाकर यहोवा उसे यह जता रहा था कि उसकी शुद्ध उपासना करने के लिए यहेजकेल का किसी खास जगह पर होना ज़रूरी नहीं है, न ही यह बात मायने रखती है कि वह किस हालात में है। बस यह ज़रूरी था कि यहेजकेल का दिल अच्छा हो और उसमें यहोवा की सेवा करने का जज़्बा हो।
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‘चार चेहरोंवाले जीवित प्राणी’ किस बात को दर्शाते हैं?सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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c बाइबल के एक विद्वान के मुताबिक ‘शब्द “वहाँ” से पता चलता है कि यहेजकेल कितना हैरान रह गया होगा कि परमेश्वर वहाँ यानी बैबिलोन में भी मौजूद था। उसे कितना दिलासा मिला होगा!’
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