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यहोवा हम पर ज़ाहिर करता है, “बहुत जल्द क्या-क्या होना है”प्रहरीदुर्ग—2012 | जून 15
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7. जंगली जानवर के सातवें सिर और बड़ी मूर्ति के बीच क्या ताल्लुक है?
7 जंगली जानवर के सातवें सिर और बड़ी मूर्ति के बीच क्या ताल्लुक है? ब्रिटेन और एक मायने में अमरीका भी, रोमी साम्राज्य में से निकले थे। लेकिन मूर्ति के पाँवों के बारे में क्या? ब्यौरा कहता है कि वे लोहे और मिट्टी के जोड़ से बने हैं। (दानिय्येल 2:41-43 पढ़िए।) यह ब्यौरा, उस समय के बारे में बताता है जब सातवें सिर यानी ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने शोहरत हासिल की। ठीक जैसे लोहे और मिट्टी से बना कोई ढाँचा, ठोस लोहे के बने ढाँचे से कमज़ोर होता है। उसी तरह, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति, रोम से कमज़ोर है जिससे वह निकली है। किस मायने में?
8, 9. (क) सातवीं विश्व शक्ति ने कैसे लोहे जैसी ताकत दिखायी? (ख) मूर्ति के पाँव में मिट्टी किसे दर्शाती है?
8 कई बार ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने अपने लोहे जैसी फितरत दिखायी है। जैसे, पहला विश्व युद्ध जीतकर उसने अपनी ताकत का सबूत दिया। फिर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, उसकी लोहे जैसी ताकत और भी खुलकर ज़ाहिर हुई।c युद्ध के बाद, समय-समय पर वह अपनी ऐसी फितरत दिखाता रहा है। लेकिन जब से यह विश्व शक्ति वजूद में आयी है तब से इस लोहे में मिट्टी भी मिली हुई है।
9 लंबे अरसे से यहोवा के सेवक मूर्ति के पाँव का अर्थ जानना चाहते हैं। दानिय्येल 2:41 बताता है कि लोहे और मिट्टी के जोड़ से बने पाँव एक ही “राज्य” को दर्शाते हैं न कि ढेर सारे राज्यों को। इसलिए मिट्टी, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के अंदर की कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो इसे रोमी साम्राज्य के ठोस लोहे से कमज़ोर बनाती है। दरअसल मिट्टी “राज्य के लोग” यानी आम जनता को दर्शाती है। (दानि. 2:43) ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के अधीन लोगों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठायी है। उन्होंने नागरिक अधिकार, श्रमिक संघ और एक आज़ाद देश पाने के लिए आंदोलन चलाए हैं। इस तरह आम जनता ने इस विश्व शक्ति की लोहे जैसी ताकत को कमज़ोर किया है। इसके अलावा, राजनीति को लेकर जनता के अलग-अलग विचार हैं। और जब कोई नेता कुछ वोटों से ही चुनाव जीतता है, तो उसके पास इतना अधिकार भी नहीं होता कि वह अपने वादों और नीतियों को अंजाम दे सके। इस विश्व शक्ति के हालात ठीक वैसे ही हैं जैसे दानिय्येल ने भविष्यवाणी की थी, “वह राज्य कुछ तो दृढ़ और कुछ निर्बल होगा।”—दानि. 2:42; 2 तीमु. 3:1-3.
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यहोवा हम पर ज़ाहिर करता है, “बहुत जल्द क्या-क्या होना है”प्रहरीदुर्ग—2012 | जून 15
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11 मूर्ति के पाँवों की उँगलियों की संख्या, क्या कोई खास मायने रखती है? गौर कीजिए: दूसरे दर्शनों में, दानिय्येल संख्याओं का खास तौर पर ज़िक्र करता है जैसे, अलग-अलग जानवरों के सिर पर कितने सींग हैं। ये संख्या काफी अहमियत रखती हैं। लेकिन मूर्ति के बारे में बताते वक्त दानिय्येल ने यह नहीं बताया कि उसके पाँव में कितनी उँगलियाँ हैं। इसलिए मूर्ति के हाथों की उँगलियाँ, टाँगें और पंजों की तरह, पाँव की उँगलियाँ कोई खास मायने नहीं रखतीं। मगर हाँ, दानिय्येल ने साफ तौर पर यह ज़रूर बताया कि पाँव की उँगलियाँ लोहे और मिट्टी की बनी हैं। दानिय्येल की इस बात से हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि जब “पत्थर” यानी परमेश्वर का राज, मूर्ति के पाँव से जाकर टकराएगा, तब ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ही दुनिया पर राज कर रही होगी।—दानि. 2:45.
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