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‘जो नेक हैं वे सूरज की तरह तेज़ चमकेंगे’प्रहरीदुर्ग—2010 | मार्च 15
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3. मिसाल में बताए गए आदमी के सामने कौन-सी समस्या थी और वह इसे किस तरह हल करने का फैसला करता है, समझाइए।
3 यीशु ने जो मिसाल दी वह यह है: “स्वर्ग का राज एक ऐसे आदमी की तरह है, जिसने अपने खेत में बढ़िया बीज बोया। लेकिन जब लोग रात को सो रहे थे, तो उसका दुश्मन आया और गेहूँ के बीच जंगली पौधे के बीज बोकर चला गया। जब पौधे बड़े हुए और उनमें बालें आयीं, तो जंगली पौधे भी दिखायी देने लगे। इसलिए घर-मालिक के दासों ने आकर उससे कहा, ‘मालिक, क्या तू ने अपने खेत में बढ़िया बीज न बोया था? तो फिर उसमें जंगली पौधे कहाँ से उग आए?’ मालिक ने कहा, ‘यह एक दुश्मन का काम है।’ उन्होंने उससे कहा, ‘तो क्या तू चाहता है कि हम जाकर जंगली पौधों को उखाड़ लाएँ?’ उसने कहा, ‘नहीं; कहीं ऐसा न हो कि जंगली पौधे उखाड़ते वक्त तुम उनके साथ गेहूँ भी उखाड़ लो। कटाई के वक्त तक दोनों को साथ-साथ बढ़ने दो और कटाई के दिनों में मैं काटनेवालों से कहूँगा, पहले जंगली दाने के पौधे उखाड़ लो और उन्हें जलाने के लिए गट्ठरों में बाँध दो, उसके बाद जाकर तुम गेहूँ को मेरे गोदाम में जमा करो।”—मत्ती 13:24-30.
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‘जो नेक हैं वे सूरज की तरह तेज़ चमकेंगे’प्रहरीदुर्ग—2010 | मार्च 15
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3. मिसाल में बताए गए आदमी के सामने कौन-सी समस्या थी और वह इसे किस तरह हल करने का फैसला करता है, समझाइए।
3 यीशु ने जो मिसाल दी वह यह है: “स्वर्ग का राज एक ऐसे आदमी की तरह है, जिसने अपने खेत में बढ़िया बीज बोया। लेकिन जब लोग रात को सो रहे थे, तो उसका दुश्मन आया और गेहूँ के बीच जंगली पौधे के बीज बोकर चला गया। जब पौधे बड़े हुए और उनमें बालें आयीं, तो जंगली पौधे भी दिखायी देने लगे। इसलिए घर-मालिक के दासों ने आकर उससे कहा, ‘मालिक, क्या तू ने अपने खेत में बढ़िया बीज न बोया था? तो फिर उसमें जंगली पौधे कहाँ से उग आए?’ मालिक ने कहा, ‘यह एक दुश्मन का काम है।’ उन्होंने उससे कहा, ‘तो क्या तू चाहता है कि हम जाकर जंगली पौधों को उखाड़ लाएँ?’ उसने कहा, ‘नहीं; कहीं ऐसा न हो कि जंगली पौधे उखाड़ते वक्त तुम उनके साथ गेहूँ भी उखाड़ लो। कटाई के वक्त तक दोनों को साथ-साथ बढ़ने दो और कटाई के दिनों में मैं काटनेवालों से कहूँगा, पहले जंगली दाने के पौधे उखाड़ लो और उन्हें जलाने के लिए गट्ठरों में बाँध दो, उसके बाद जाकर तुम गेहूँ को मेरे गोदाम में जमा करो।”—मत्ती 13:24-30.
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