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अंगूरों के बाग की दो मिसालेंयीशु—राह, सच्चाई, जीवन
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लेकिन बागबानों ने दासों के साथ बहुत बुरा सलूक किया और उन सबको मार डाला। यीशु बताता है, “अब मालिक के पास एक ही रह गया, उसका प्यारा बेटा। उसने आखिर में यह सोचकर उसे बागबानों के पास भेजा, ‘वे मेरे बेटे की ज़रूर इज़्ज़त करेंगे।’ मगर बागबान आपस में कहने लगे, ‘यह तो वारिस है। चलो इसे मार डालें, तब इसकी विरासत हमारी हो जाएगी।’ उन्होंने उसे पकड़ लिया और मार डाला और बाग के बाहर फेंक दिया।”—मरकुस 12:6-8.
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अंगूरों के बाग की दो मिसालेंयीशु—राह, सच्चाई, जीवन
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शास्त्री और प्रधान याजक समझ जाते हैं कि यीशु ने “यह मिसाल उन्हीं को ध्यान में रखकर दी है।” (लूका 20:19) अब वे ठान लेते हैं कि वे उसकी जान लेकर ही रहेंगे जो कि असली “वारिस” है। लेकिन अभी वे उस पर हाथ नहीं उठाते। उन्हें लोगों का डर है, क्योंकि वे यीशु को भविष्यवक्ता मानते हैं।
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