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  • क्या आप यहोवा के दिन के लिए तैयार हैं?
    प्रहरीदुर्ग—1997 | मार्च 1
    • ९. जैसा मत्ती २४:३६ में अभिलिखित है, यीशु ने कौन-सी बात स्पष्ट की?

      ९ पूर्वकथित राज्य-प्रचार कार्य और यीशु की उपस्थिति के चिन्ह के अन्य पहलू अभी पूरे हो रहे हैं। अतः, इस दुष्ट रीति-व्यवस्था का अन्त निकट है। सच है, यीशु ने कहा: “उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता; न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता।” (मत्ती २४:४-१४, ३६) लेकिन यीशु की भविष्यवाणी हमें “उस दिन और उस घड़ी” के लिए तैयार होने में मदद दे सकती है।

  • क्या आप यहोवा के दिन के लिए तैयार हैं?
    प्रहरीदुर्ग—1997 | मार्च 1
    • १४. अंततः यहोवा ने नूह से क्या कहा, और क्यों?

      १४ जब जहाज़ पूरा होने को था, नूह ने शायद सोचा हो कि जलप्रलय सन्‍निकट है, हालाँकि उसे पता नहीं था कि वह ठीक किस समय आएगा। यहोवा ने अंततः उसे बताया: “अब सात दिन बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा।” (उत्पत्ति ७:४) इसने नूह और उसके परिवार को बस इतना समय दिया कि जलप्रलय शुरू होने से पहले सब जाति के पशुओं को जहाज़ में इकट्ठा कर लें और स्वयं उसमें आ जाएँ। हमें इस व्यवस्था के विनाश के आरंभ का दिन और घड़ी जानने की ज़रूरत नहीं है; पशुओं का बचाव हमें नहीं सौंपा गया है, और प्रत्याशित मानव उत्तरजीवी पहले ही लाक्षणिक जहाज़, परमेश्‍वर के लोगों के आध्यात्मिक परादीस में आ रहे हैं।

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