आपको बपतिस्मा लेने से क्या रोकता है?
“देख यहाँ जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है?—प्रेरित ८:३६.
१. यरूशलेम और उज्जाह के बीच के मार्ग में क्या घटित हो रही थी?
यहोवा के दूत ने कहा था, और यरूशलेम और अज्जाह के बीच के बंजर मार्ग में कुछ विचारणीय बात घटित हो रही थी। शास्त्रों को पढ़ते हुए एक कूशी एक चलता रथ में बैठा हुआ था। जल्द ही एक और मनुष्य रथ के साथ-साथ दौड़ने लगा। उसने पूछा, “तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?” उस कूशी ने उत्तर दिया, “जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्यों कर समझूं?” यह मार्गदर्शन, सुसमाचारक फिलिप्पुस द्वारा दिया गया, जो दूत द्वारा भेजा गया था। ज्योंही फिलिप्पुस रथ पर सवार हुआ, वह यशायाह द्वारा लिखी एक भविष्यवाणी से आरम्भ किया और “यीशु का सुसमाचार” सुनाया।
२, ३. (अ) सुसमाचार की ओर उस कूशी की प्रतिक्रिया क्या थी? (ब) यह घटना कौनसे प्रश्नों को उठाती है?
२ मार्ग में एक स्थल पर पहुँचने पर कूशी चिल्ला उठा: “देख यहाँ जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है?” इस पर उसने रथ रोकने का आदेश दिया। दोनों मनुष्य पानी में प्रवेश किए और फिलिप्पुस ने उसे बपतिस्मा दिया। फिर यहोवा की आत्मा उस सुसमाचारक को कहीं और ले गयी और वह कूशी आनन्द मनाते हुए चला गया।—प्रेरित ८:२६-३९.
३ अगर आप यहोवा के गवाहों के साथ सम्पर्क रखते है लेकिन बपतिस्मा न लिया हो तो ये घटनाएं आपको यह पूछने के लिए प्रेरित करेंगी: वह कूशी को इतनी जल्दी बपतिस्मा क्यों दिया गया? बपतिस्मा का अनुष्ठान कैसे किया जाना चाहिए? वह किस बात का प्रतीक है? और मुझे बपतिस्मा लेने से क्या रोकता है?
बहुत जल्दी बपतिस्मा नहीं दिया गया
४. यह कूशी कौन था?
४ इसलिए कि वह कूशी “भजन करने यरूशलेम आया” था, वह एक खतनावाला धर्मान्तरित यहूदी था। वह एक ख़ोजा था लेकिन शारीरिक अर्थ में नहीं क्योंकि लैंगिक रूप से विकृत मनुष्यों को इस्राएली मण्डली से वर्जित किए जाते थे। (व्यवस्थाविवरण २३:१) उसके उदाहरण में, “खोज़ा” एक अफ़सर को सूचित करता है, क्योंकि वह ‘कूशियों की रानी कन्दाके का मन्त्री और खजांची था।’—प्रेरित ८:२७.
५. उस कूशी खोजा को इतनी जल्दी बपतिस्मा क्यों दिया जा सकता था?
५ वह कूशी अन्यजातियों में का एक मनष्य है। किन्तु, इसलिए कि वह यहूदी धर्म में परिवर्तित हो चुका था, सामान्य युग ३६ में कुरनेलियुस के समान खतनारहित गैर-यहूदियों की ओर राज्य संदेश जाने से पहले, उसे मसीह के एक शिष्य के रूप में बपतिस्मा दिया जा सकता था। एक धर्मान्तरित यहूदी होने के नाते वह परमेश्वर और उसके वचन के बारे में जानता था, भले ही उसे आध्यात्मिक मदद की जरूरत थी। इसलिए इस मनुष्य से प्रचार करने के लिए फिलिप्पुस को निर्देशित किया गया था और वह उसे गैर-यहूदियों की ओर सुसमाचार जाने से पहले बपतिस्मा दे सका।
प्राचीन मसीही बपतिस्मा
६. उस कूशी को कैसे बपतिस्मा दिया गया, और आप ऐसा क्यों कहते हैं?
६ उस कूशी को बपतिस्मा कैसे दिया गया? ‘बपतिस्मा देना’ (या अँग्रेजी में बपटाइज़) यूनानी शब्द बपटाइज़ो, से आता है जिसका अर्थ “डुबकी, या गोता लगाना” है। यही शब्द का एक रूप यूनानी सेप्टुआजेन्ट ने २ राजा ५:१४ में “डुबकी” लगाने के लिए उपयोग किया गया। और यह विचारणीय है कि वह कूशी ने तब बपतिस्मा के लिए अनुरोध किया जब वह और फिलिप्पुस एक “जल में उतर पड़े” जिसके बाद वे “जल में से निकलकर ऊपर आए।” (प्रेरित ८:३६-३९) अतः, कूशी खोजे का बपतिस्मा पानी में निमज्जित होने के द्वारा किया गया।
७. जल निमज्जन के द्वारा बपतिस्मा के लिए कौनसा पूर्वोदाहरण था?
७ यीशु खुद पानी में डुबकी लगाने के द्वारा बपतिस्मा पाया। इसलिए, यरदन नदी में उसके बपतिस्मा के बाद, ऐसे कहा गया है कि वह “पानी से ऊपर आया।” (मत्ती ३:१३, १६) वस्तुतः, बपतिस्मा के अनुष्ठान के लिए एक उचित जगह के रूप में, यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने सलिम के पास यरदन घाटी में एक स्थान चुना था। क्यों? “क्योंकि वहाँ बहुत जल था।” (यूहन्ना ३:२३) इस तरह, शास्त्रों ने बपतिस्मा जल के स्थान में प्राधिकृत किया है।
८. फरीसियों और अन्य यहूदियों के रिवाजों से हम बपतिस्मा के बारे में कौनसा निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
८ अगर हम फरीसियों और अन्य यहूदियों के रिवाजों पर विचार करेंगे तो हम कुछ युक्तियुक्त निष्कर्ष निकाल सकेंगे। सुसमाचार लेखक मरकुस ने कहा: “बाजार से आकर, जब तक स्नान [यूनानी, रॅन्टीज़ो] नहीं कर लेते, तब तक नहीं खाते, और बहुत सी बातें हैं, जो उन के पास मानने के लिए पहुँचाई गई हैं, जैसे कटोरों, और लोटों, और तांबे के बरतनों का बपतिस्मा [बपटिस्मॉस]। (मरकुस ७:३, ४, न्यू.व.) ये मनुष्य बाजार से लौटने पर खाने से पहले अपने आप पर पाखण्ड से पानी छिड़कते थे। लेकिन वे भोजन के दौरान इस्तेमाल किए जानेवाले पदार्थों को बपतिस्मा देते हैं या पानी में डुबाते हैं।
९. तरतूलियन ने बपतिस्मा के बारे में क्या कहा?
९ धर्मत्याग के आक्रमण के बाद भी बपतिस्मा के बारे में चर्च प्रवर्तक तरतूलियन (लगभग सा.यु. १६०-२३० के बीच) ने कहा: “ऐसी कुछ भी बात नहीं जो मनुष्यों के मन को इस क्रिया में जाहिर दैवी कार्यों की सरलता से अधिक निष्ठुर बनाती है जब उसकी तुलना उस परिणाम की महिमा से किया जाता है जिसकी प्रतिज्ञा की गयी है; ताकि केवल यह तथ्य ही कि इतनी बड़ी सरलता से, बिना किसी शान, बिना किसी तैयारी की विशेष नवीनता और अन्त में बिना किसी लागत के एक व्यक्ति को पानी में डुबाया जाता है और कुछ थोड़े से शब्दों का कहने के साथ छिड़का जाता है और फिर वापस ऊपर आता है, पहले से ज्यादा (या बिल्कुल ही) साफ नहीं, जिसके कारण अनन्त जीवन का परिणामी प्राप्ति और अधिक अविश्वसनीय समझा जाता है।” ध्यान दें कि तरतूलियन ने कहा, “एक व्यक्ति को पानी में डुबाया जाता है . . . और फिर वापस ऊपर आता है।”
१०. विद्वानों ने मसीही बपतिस्मा का सब से प्राचीन ढंग के बारे में क्या कहा है?
१० विद्वानों ने भी दिखाया है कि मसीहियों ने आदि में लोगों को सम्पूर्ण निमज्जन के द्वारा बपतिस्मा देते थे। एक प्रसिद्ध फ्रेंच विश्वकोश बताता है: “प्राचीन मसीहियों ने जहाँ भी पानी पाया निमज्जन के द्वारा बपतिस्मा प्राप्त किया।” और द कैथॉलिक एन्सायक्लोपीडिया बताता है: “साधारणतः प्रयोग में लाया गया सब से प्राचीन ढंग निश्चित रूप से निमज्जन था।”—खण्ड II, पृष्ठ २६१ (१९०७ संस्करण)
सिखाना और बपतिस्मा देना
११. यीशु ने अपने शिष्यों को कौनसा कार्य दिया?
११ एक व्यक्ति को बपतिस्मा देने से पहले, उसे यथार्थ ज्ञान पाना था और उस पर कार्य करना था। यह तब स्पष्ट किया गया जब मसीह ने उसके शिष्यों से कहा: “इसलिए तुम जाकर जब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी हैं, मानना सिखाओ। और देखो मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूँ।—मत्ती २८:१९, २०.
१२. “पिता के नाम से” बपतिस्मा लेने का अर्थ क्या है?
१२ “पिता के नाम से” बपतिस्मा पाने का अर्थ है कि वह बपतिस्मा पानेवाला व्यक्ति परमेश्वर का पद और अधिकार का सम्मान करें। यहोवा “सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान” सृष्टिकर्ता और सार्वभौम शासक के रूप में स्वीकृत है। (भजन ३६:९; ८३:१८; २ राजा १९:१५) ऐसा एक व्यक्ति यहोवा को उसका न्यायी, विधान-दाता और राजा के रूप में भी स्वीकार करता है।—यशायाह ३३:२२; भजन ११९:१०२; प्रकाशितवाक्य १५:३, ४.
१३. “पुत्र के नाम से” बपतिस्मा लेने का मतलब क्या है?
१३ “पुत्र के नाम से” बपतिस्मा पाने का अर्थ मसीह के पद और अधिकार को मानना और उसे उसके रूप में स्वीकार करना जिसके द्वारा परमेश्वर ने एक “छुटकारे” का प्रबन्ध किया। (१ तीमुथियुस २:५, ६) एक खराई पालक के रूप में यीशु की मृत्यु के बाद, “परमेश्वर ने उसको अति महान किया,” और जो बपतिस्मा लेना चाहते हैं, उन्हें मसीह को “परमेश्वर पिता की महिमा के लिए प्रभु” के रूप में मानना है। (फिलिप्पियों २:९-११) उन्हें यीशु को यहोवा के “विश्वासयोग्य साथी” और “राजाओं का राजा” के रूप में भी स्वीकार करना है।—प्रकाशितवाक्य १:५; १९:१६.
१४. “पवित्र आत्मा के नाम से” बपतिस्मा के लिए क्या आवश्यक है?
१४ एक व्यक्ति ‘पवित्रात्मा के नाम से’ भी बपतिस्मा पाना है। उसे यह समझना है कि पवित्र आत्मा एक व्यक्ति नहीं बल्कि परमेश्वर की सक्रिय शक्ति है जिसे सृष्टि में, बाइबल लेखकों को प्रेरित करने के लिए, और इत्यादि के लिए उपयोग किया गया। (उत्पत्ति १:२; २ शमूएल २३:१, २; २ पतरस १:२१) अगर हमें “परमेश्वर की गूढ़ बातें” समझना हो और “प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम” के दैवी फल प्रदर्शित करना हो तो यहोवा की आत्मा अत्यावश्यक होने के रूप में स्वीकार करना चाहिए। (१ कुरिन्थियों २:१०, गलतियों ५:२२, २३) यह भी मान लेनी चाहिए कि राज्य-प्रचार कार्य को जारी रखने के लिए परमेश्वर की आत्मा की जरूरत है।—योएल २:२८, २९.
बपतिस्मा किस का प्रतीक है
१५. ऐसा क्यों है कि मसीही बपतिस्मा पापों को धो नहीं डालता?
१५ यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने लोगों को पवित्र आत्मा के समर्थन के साथ निमज्जित किया। (प्रेरित १३:२४) उसने उन्हें बपतिस्मा उनके पाप धो डालने के लिए नहीं बल्कि उनके पश्चाताप का प्रतीक होने के रूप में दिया। (प्रेरित १९:४) यूहन्ना ने यीशु को भी बपतिस्मा दिया जिस ने “पाप न किया था।” (१ पतरस २:२२) और हनन्याह ने तरसुस के शाऊल को उकसाया: “उठ, बपतिस्मा ले, और [यीशु] का नाम लेकर अपने पापों को धो डाल।” (प्रेरित २२:१२-१६) इसलिए, मसीही जल निमज्जन पापों को धो नहीं डालता। बपतिस्मा नहीं, बल्कि यीशु का लोहू का बहाया जाना और “उसका नाम लेना” क्षमा को सम्भव बनाते हैं।—इब्रानियों ९:२२; १ यूहन्ना १:७.
१६. (अ) चूँकि बपतिस्मा पापों को धो नहीं डालता वह क्या सूचित करता है? (ब) जब एक व्यक्ति बपतिस्मा पाता है, तब प्रतीकात्मक रूप से क्या होता है?
१६ यद्यपि मसीही बपतिस्मा पाप को धो नहीं डालता, वह एक चिन्ह है जो सूचित करता है कि पानी में निमज्जित किए जानेवाले व्यक्ति यहोवा परमेश्वर के सामने यीशु मसीह के द्वारा एक बिनाशर्त समर्पण किया है। (मत्ती १६:२४ से तुलना करें) समर्पित करने का अर्थ है, “बता देना, समर्थन करना, अर्पित करना।” परमेश्वर को समर्पित करना उस क्रिया को सूचित करता है जिससे एक व्यक्ति को मसीह के द्वारा परमेश्वर की इच्छा करने की सहमति के द्वारा पूर्णतया अलग रखा जाता है। प्रतीकात्मक रूप से जब बपतिस्मा पानेवाला व्यक्ति पानी में अस्थायी रीति से “गाड़ा” जाता है और फिर उस में से ऊपर उठाया जाता है, वह अपने जीवन के पूर्व मार्ग के लिए मर जाता है और यहोवा की इच्छा पूर्णतया करने के लिए एक नए जीवन के मार्ग के लिए उठाया जाता है।—रोमियों ६:४-६ से तुलना करें।
१७. शिशु बपतिस्मा क्यों अनुपयुक्त है?
१७ सचमुच, बपतिस्मा एक गम्भीर कदम है। एक शिशु को बपतिस्मा देना गलत है, क्योंकि एक बच्चा समझ नहीं सकता, निर्णय नहीं ले सकता, और एक शिष्य नहीं बन सकता। (मत्ती २८:१९, २०) सामरिया में फिलिप्पुस की सेवकाई के दौरान “पुरुष और स्त्री” बपतिस्मा पाए, न कि शिशु। (प्रेरित ८:४-८, १२) बपतिस्मा उनके लिए है, जो सीखने, मानने और विश्वास करने के योग्य हैं। (यूहन्ना १७:३; प्रेरित ५:१४; १८:८; इब्रानियों ११:६) इस विषय में, इतिहासकार अगस्टस नेन्ड ने लिखा: “विश्वास और बपतिम्सा हमेशा से एक दूसरे के साथ सम्बद्ध थे; इस तरह उच्चतम रूप से सम्भावनीय यह है, . . . कि शिशु बपतिस्मा का रिवाज अज्ञात था (सा.यु. पहली सदी में)। . . . इसका पहली बार तीसरी सदी में एक प्रेरितिक रिवाज के रूप में माना जाना उसके प्रेरितिक आरम्भ के स्वीकरण के पक्ष के बदले में, उसके विरुद्ध प्रमाण देता है।”—हिस्टरी ऑफ द प्लान्टिग अन्ड ट्रेनिंग ऑफ द क्रिस्टियन चर्च बाय द अपॉसल्स (न्यू यॉक, १८६४), पृष्ठ १६२.
१८. (अ) शास्त्रीय रूप से, यहोवा के गवाहों में से एक बनने के लिए क्या जरूरी है? (ब) विश्वास का कौनसा प्रमाण सूचित करता है, कि एक व्यक्ति को बपतिस्मा दिया जा सकता है? (क) बपतिस्मा पानेवाले व्यक्तियों के लिए छुडाई मूल्य में विश्वास पर कैसे बल दिया गया है?
१८ शास्त्रों ने विश्वासियों के बपतिस्मा का बार-बार उल्लेख किया है। (प्रेरित ४:४; ५:१४; ८:१३; १६:२७-३४; १८:८; १९:१-७) तो फिर यहोवा के गवाहों में से एक बनने के लिए, एक व्यक्ति को एक विश्वासी बनना चाहिए—एक ऐसा व्यक्ति जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले। बपतिस्मा के पहले से ही ऐसा विश्वास अपने आप को, धार्मिक आचरण, यहोवा में भरोसा, राज्य प्रचार कार्य में सहभागिता, और छुड़ाई के लिए यीशु के बलिदान की स्वीकृति में प्रमाणित करता है। बपतिस्मा पानेवाले व्यक्तियों के लिए छुड़ाई मूल्य में विश्वास पर बल दिया गया है, क्योंकि वक्ता द्वारा उनसे पूछे जानेवाले दो प्रश्नों में से पहला यह है: “यीशु मसीह के बलिदान के आधार पर, क्या आपने आपके पापों का पश्चाताप किया है, और उसकी इच्छा करने के लिए यहोवा के सामने अपने आप को समर्पित किया है?” केवल तब ही जब वह व्यक्ति हाँ कहता है और यह भी समझता है कि उसका समर्पण और बपतिस्मा उसे परमेश्वर की आत्मा से निर्देशित संस्था के साथ यहोवा के गवाहों में से एक के रूप में पहचान करता है, वह सन्तोषजनक रूप से जल में निमज्जित किया जा सकता है।
प्रार्थना में समर्पण
१९. प्रार्थना में परमेश्वर को समर्पण क्यों करना चाहिए?
१९ जो बपतिस्मा लेते हैं, उन्हें परमेश्वर और मसीह में विश्वास होना चाहिए। लेकिन यहोवा के गवाह ऐसे क्यों कहते हैं, कि परमेश्वर को समर्पण प्रार्थना में किया जाना चाहिए? क्योंकि यहोवा से प्रार्थना में उसे उसके योग्य भक्ति देने का हमारा निर्णय व्यक्त करना उपयुक्त है। (व्यवस्थाविवरण ५:८, ९; १ इतिहास २९:१०-१३) स्पष्टतया, यीशु ने प्रार्थना में अपने स्वर्गीय पिता को अनन्य रूप से पवित्र सेवकाई देने की इच्छा व्यक्त की। (इब्रानियों १०:७-९) क्यों! यीशु तो बपतिस्मा लेने के समय भी “प्रार्थना कर रहा था।” (लूका ३:२१, २२) तो यह स्पष्ट है, कि परमेश्वर को समर्पण प्रार्थना में किया जाना चाहिए।
२०. यह सम्भावनीय क्यों है कि प्राचीन मसीहियों ने नए शिष्यों को प्रर्थना में परमेश्वर को समर्पण करने को प्रेरित किया?
२० स्पष्टतः प्राचीन मसीहियों ने नए शिष्यों को प्रार्थना में समर्पण करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि बाद में तरतूलियन ने कहा: “वे जो बपतिस्मा लेने ही वाले हैं, उन्हें पुनरावृत्त प्रार्थनाएं करनी चाहिए, उपवास करना है और घृटनों को टेकना है।” इससे पहले जस्टिन मार्टिर (लगभग सा.यु. १००-१६५ के बीच) ने लिखा: “जब हम मसीह के द्वारा नए किए गए तब जिस ढंग से हम ने अपने आप को परमेश्वर के लिए समर्पित किया, मैं उसका भी वर्णन करता हूँ . . . जितने भी स्वीकार करते और विश्वास करते हैं कि हम जो सिखाते और कहते हैं वह सही है और तदनुसार जीने का वादा करते हैं, उन्हें उनके पुराने पापों की क्षमा के लिए परमेश्वर से उपवास के साथ प्रार्थना करते और अनुनय-विनय करने के लिए आदेश दिया गया है, हम भी उनके साथ प्रार्थना और उपवास करते रहें।”
२१. जब आपने कुछ वर्ष पहले बपतिस्मा लिया तब अगर प्रार्थना में समर्पण करने की बात प्रतिबलित न किया हो, तब भी क्या संभाव्य है?
२१ अगर बरसों पहले जब आपको बपतिस्मा दिया गया, तब प्रार्थना में समर्पण करना प्रतिबलित न किया हो, तो यह आपके बपतिस्मा को अनिवार्यतः रद्द नहीं करता। उन दिनों में भी, निस्सन्देह उस मनुष्य के समान कई थे, जो ४० वर्ष पहले जब वह केवल एक बालक था, स्पष्ट रूप से उसका घुटना टेककर यहोवा को एक गम्भीर प्रार्थना में समर्पण करने का स्मरण करता है। और उस समय अगर एक व्यक्ति ने अपना समर्पण एक औपचारिक प्रार्थना में ना किया हो, तो भी उसने उसे एक प्रार्थनामय विषय तब बनाया जब उसके जल निमज्जन दिवस को बपतिस्मा भाषण देने के बाद बपतिस्मा पानेवाले और अन्य व्यक्तियों ने मिलकर प्रार्थना की।
कुछ लोग क्यों हिचकते हैं
२२. कुछ लोग बपतिस्मा लेने से क्यों हिचकते हैं?
२२ चूँकि यहोवा का एक समर्पित गवाह होना एक इतना धन्य विशेषाधिकार है, क्यों कुछ लोग बपतिस्मा लेने से हिचकते हैं? एक कारण सच्चे प्रेम का अभाव है जिससे, कुछ लोग परमेश्वर के वचन का पालन नहीं करते, यीशु की अगुआई को नहीं मानते और बपतिस्मा नहीं लेते। (१ यूहन्ना ५:३) निस्सन्देह, ऐसे व्यक्तियाँ जिन्होंने बपतिस्मा नहीं लिया, साधारणतः ऐसा नहीं कहते कि वे यीशु के उदाहरण का अनुकरण नहीं करेंगे या परमेश्वर का आज्ञापालन नहीं करेंगे। बल्कि, वे सांसारिक मामलों में इतने उलझे रहते हैं कि उनके पास आध्यात्मिक लक्ष्यों के लिए बहुत कम समय है। अगर यह आपकी समस्या है, तो क्या आपकी प्रवृत्तियों को, रुचियों को और आकांक्षाओं को बदलना बुद्धिमानी नहीं होगी? जो वास्तव में परमेश्वर से प्रेम करते हैं, वे संसार से भी प्रेम नहीं कर सकते। (१ यूहन्ना २:१५-१७) “धन के धोखों” के द्वारा अपने आप को एक झूठी निश्चिन्ता में बहकने न दें। (मत्ती १३:२२) सच्ची सुरक्षा केवल यहोवा परमेश्वर के साथ के एक समर्पित सम्बन्ध में पायी जा सकती है।—भजन ४:८.
२३. कुछ दूसरे यहोवा को एक समर्पण करने और उसे जल निमज्जन के द्वारा प्रकट करने से दूर क्यों रहते हैं?
२३ दूसरे परमेश्वर से प्रेम करने का दावा करते हैं लेकिन समर्पण करने से इसलिए हिचकते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस तरह वे उत्तरदायित्व से दूर रह सकेंगे और जिम्मेवार नहीं ठहराए जाएंगे। वे प्रमोदवन में जीना चाहेंगे, लेकिन अब तक वे इस विषय के बारे में बहुत कम या कुछ नहीं कर रहे हैं। (नीतिवचन १३:४) ऐसे लोग उत्तरदायित्व से दूर नहीं रह सकते क्योंकि जब उन्होंने यहोवा के वचन को सुना था, तब उन पर जिम्मेदारी आयी थी। (यहेजकेल ३३:७-९) अगर वे समर्पण करते, तो वे यह प्रदर्शित करते कि वे परमेश्वर की इच्छा को समझ रहे हैं और उसे करने के लिए उत्सुक है। उन पर एक अधिक भारी बोझ रखने के बजाय ऐसा आज्ञापालन परमेश्वर के आशीर्वाद लाएंगे, और परिणाम आनन्द का होगा क्योंकि वे, उससे प्रेम करने का उनका दावा के अनुसार आचरण कर रहे हैं।
२४. किस कारण से कई दूसरे बपतिस्मा लेने से हिचकते हैं?
२४ और दूसरे बपतिस्मा से दूर रहने का कारण, एक ऐसा विचार है, कि वे पर्याप्त रूप से शास्त्रों को स्पष्ट करना नहीं जानते। लेकिन वह कूशी खोजा एक रथ सवारी के दौरान फिलिप्पुस के साथ की गई चर्चा के बाद ही परमेश्वर के लिए उसका समर्पण प्रकट करने के लिए तैयार हुआ। निश्चय ही, वह कूशी प्रारम्भ में उन सभों के प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सका, जिन से उसने सच्चाई के बारे में कहा। लेकिन उसने जो सुना, उसके कारण उसका हृदय कृतज्ञता से परिपूर्ण हुआ, और वह भय से हिचका नहीं। “प्रेम में भय नहीं होता, बरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है।” (१ यूहन्ना ४:१८) परमेश्वर को एक व्यक्ति अपना समर्पण करने और फिर बपतिस्मा लेने के लिए, जवाबों से भरा एक सर नहीं बल्कि प्रेम से भरा एक हृदय प्रेरित करता है।—लूका १०:२५-२८.
२५. यहोवा परमेश्वर उन से जो उससे प्रेम करने का दावा करते हैं, क्या अपेक्षा करता है?
२५ अगर आप अब तक बपतिस्मा न लिया हो, तो अपने आप से पूछिए: परमेश्वर उन से, जो कहते हैं कि वे उससे प्रेम करते हैं, क्या चाहता है? वह अनन्य भक्ति चाहता है और उनकी खोज में है जो उसकी उपासना “आत्मा और सच्चाई से” करेंगे। (यूहन्ना ४:२३, २४; निर्गमन २०:४, ५; लूका ४:८) वह कूशी खोजा ने उस प्रकार की उपासना की, और जब बपतिस्मा लेने का अवसर पाया तो देर नहीं लगायी। क्या आप को, ठीक अभी, यहोवा को समर्पण एक गम्भीर प्रार्थना का विषय नहीं बनाना चाहिए और अपने आप से पूछिए, “मुझे बपतिस्मा लेने से क्या रोकता है?”
समीक्षा के प्रश्न
◻ उस कूशी खोजा को इतनी जल्दी बपतिस्मा क्यों दिया जा सकता था?
◻ प्राचीन मसीहियों के बीच में बपतिस्मा देने का क्या तरीका था?
◻ ‘पिता और पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से’ बपतिस्मा लेने का अर्थ क्या है?
◻ मसीही बपतिस्मा क्या सूचित करता है?
◻ प्रार्थना में यहोवा को क्यों समर्पण करना है?
◻ किस कारण से कुछ लोग समर्पण और बपतिस्मा से दूर रहते हैं?