प्रश्न पेटी
● चाहे वे दूसरी पुस्तक की समप्ति से पहले ही बप्तिस्मा लें, नए शिष्यों के साथ दो पुस्तकों का परिपूर्ण अध्ययन करना क्यों ज़रूरी है?
यहोवा अपनी संस्था पर नए व्यक्तियों के अन्तर्वाह से आशीष दे रहा है, जो उसकी मण्डलियों में एकत्रित हो रहे है। यह महान संचयन देखते हुए हम भी आनन्द पाते हैं। किन्तु हम समझते हैं कि इन भेड़-समान लोगों को यहोवा की सेवा करने के बारे में सीखने के लिए लगातार सहायता और आशीष की ज़रूरत है।
सच्चाई का सही ज्ञान पाने के लिए नए व्यक्तियों को मदद की आवश्यकता है। (कुलु. १:९, १०) बाइबल के मूल सिद्धान्तों के बारे में और नैतिक स्तरों, मसीही जीवन-चर्या और सम्बन्धित विषयों के बारे में बाइबल क्या सिखाती है इसकी एक अच्छी समझ प्राप्त करने में उनकी सहायता करने का हमारे पास विशेषाधिकार है। यह सच्चाई में दृढ़ता से स्थित रहने में उनकी मदद करेगी ताकि वे उन सब परीक्षाओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे जो आगे उनके सामने आ सकती हैं।
विद्यार्थियों को उनकी समझ की शक्ति में भी प्रौढ़ बनने की ज़रूरत है। (१ कुरि. १४:२०) अनुभव ने दिखाया है कि एक आध्यात्मिक रूप से प्रौढ़ मनुष्य की स्थिति तक पहुँचने के लिए एक शिक्षक के साथ व्यक्तिगत बाइबल अध्ययन सहायक है। इसलिए यद्यपि एक व्यक्ति दो पुस्तकों का अध्यन समाप्त करने से पहले ही बप्तिस्मा लेता है, विवेक यह माँग करता है कि जब तक वह दोनों पुस्तकों का अध्ययन समाप्त नहीं करता, गृह बाइबल अध्ययन जारी रहे।
बप्तिस्मा के पश्चात
यीशु ने कहा था कि हमें शिष्य बनाना चाहिए—उन्हें बप्तिस्मा देते और सिखाते हुए। (मत्ती २८:१९, २०) शिष्यों के प्रशिक्षण में अधिकतम भाग बप्तिस्मा के बाद होता है। केवल एक पुस्तक से एक व्यक्ति जो ज्ञान हासिल कर सकता है, वह सधारणतः उसके आध्यात्मिक प्रशिक्षण को पूर्ण करने के लिए काफ़ी नहीं है। सेवकाई कार्य के लिए और इन अन्तिम दिनों में यहोवा की सेवा करनेवालों पर जो दबाव आते है, उनका विरोध करने में, उसे योग्य बनाने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण की आवश्यकता है। आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने में असफलता उस विद्यार्थी को आध्यात्मिक रूप से अपने पैरों पर खड़े रहने के लिए ना-तैयार कर देगा। एक नए व्यक्ति के बप्तिस्मा के बाद, चाहे उसने दो पुस्तकों का अध्ययन समाप्त किया हो या न हो, अधिक प्रगति करने के लिए हम उसकी मदद करते रहेंगे। अध्ययन किया गया पहला प्रकाशन बुनियादी बातों पर समझ प्रदान करता है। दूसरा प्रकाशन मसीही गुणों को पूर्ण करता है। ये प्रकाशन लिव फॉरेवर पुस्तक और बाद में युनाइटेड इन वर्शिप पुस्तक या ट्रू पीस पुस्तक हो सकते हैं। अगर ये पुस्तकें उपलब्ध नहीं, दूसरों का उपयोग किया जा सकता है, जिन में समान जानकारी मौजूद हो। दूसरी पुस्तक की समाप्ति तक बाइबल अध्ययन जारी रखना यहोवा की उद्देश्यों और साथ ही उसके उच्च मसीही स्तरों और आवश्यकताओं के बारे में एक विवेकपूर्ण शिक्षण देता है। यह उस नए व्यक्ति को मसीही सिद्धान्तों का अर्थ समझने में मदद देती है और उसे विश्वास में दृढ़ रूप से स्थिर बनाता है। (कुलु. २:७) ऐसे अध्ययनों की रिपोर्ट करने के बारे में अधिक जानकारी के लिए दिसम्बर १९८७ की हमारी राज्य सेवा की प्रश्न पेटी देखें।
अवश्य, बप्तिस्मा के बाद नए व्यक्तियों से आध्यात्मिक प्रगति की अपेक्षा की जानी चाहिए। (इब्रा. ६:१-३) अधिकांश अनुभवों में दूसरी पुस्तक समाप्त करने के लिए अधिक समय नहीं लगता। इस तहर उस नए व्यक्ति को एक ठोस बुनियाद प्रदान किया जाएगा।