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  • एक अमीर अधिकारी के सवाल का जवाब
    यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
    • यीशु एक और बात कहता है, “बहुत-से जो पहले हैं वे आखिरी होंगे और जो आखिरी हैं वे पहले होंगे।”​—मत्ती 19:30.

      वे कौन हैं जो “पहले” हैं? वे यहूदियों के बड़े-बड़े लोग हैं, जैसे यह जवान अधिकारी। वह परमेश्‍वर की आज्ञाएँ मानता है, इसलिए उसे देखने पर लगता है कि वह यीशु का चेला बन जाएगा। मगर उसे अपनी दौलत से बहुत प्यार है। इस आदमी के जैसे लोग यीशु के पीछे नहीं चलते इसलिए वे “आखिरी” हो जाएँगे। दूसरी तरफ जो आम लोग हैं, उन्हें धर्म गुरु “आखिरी” या पिछड़े लोग मानते हैं। मगर आम लोग ही समझ पा रहे हैं कि यीशु की बातों में सच्चाई है और वह जीवन का रास्ता दिखा रहा है। वे आगे निकल जाएँगे और “पहले” कहलाएँगे। उन्हें स्वर्ग में यीशु के साथ राजगद्दियों पर बैठने का मौका मिलेगा और वे पूरी धरती पर राज करेंगे।

  • अंगूरों के बाग में काम करनेवालों की मिसाल
    यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
    • यीशु ने अभी-अभी पेरिया में बताया था कि “बहुत-से जो पहले हैं वे आखिरी होंगे और जो आखिरी हैं वे पहले होंगे।” (मत्ती 19:30) अब इस बात पर ज़ोर देने के लिए वह अंगूरों के बाग की मिसाल बताता है:

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