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अपराध का अन्त अब निकट है!प्रहरीदुर्ग—1990 | दिसंबर 1
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परन्तु, उन लाखों लोगों के बारे में क्या, जो पुनरुत्थान में पृथ्वी पर जीने के लिए वापस आएँगे? (प्रेरितों के काम २४:१५) मृत्यु से पहले जो उनके व्यक्तित्व और आदतें थीं, यदि वे उसी में बने रहेंगे तो क्या वे अपराध की एक नयी लहर का आरंभ नहीं करेंगे? इस बात की आशंका करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यीशु ने यह कहते हुए एक चोर को पुनरुत्थान की प्रतिज्ञा दी: “मैं तुझ से आज सच कहता हूँ, तू मेरे साथ परादीस में होगा।” (लूका २३:४३, न्यू.व.) यह अवश्य संकेत करता है कि पुनरुत्थान पानेवालों को परिवर्तन करने पड़ेंगे; नहीं तो नया संसार परादीस नहीं होता।
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वापस परादीस की ओर का मार्ग खोलनाप्रहरीदुर्ग—1990 | अप्रैल 1
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यीशु का कुकर्मी को दिया परादीस का वादा
३. (अ) सहानुभूतिशील कुकर्मी ने यीशु से क्या माँगा? (ब) कुकर्मी के निवेदन से यीशु से संबंधित उसके विश्वास के बारे में क्या स्पष्ट हुआ?
३ उस समय, यीशु के पास दो कुकर्मी खूँटों पर चढ़ाए गए थे। एक ने यीशु से उस अपमनजनक ढंग से बातें करना बंद किया था, जिस ढंग से यीशु की दूसरी ओर चढ़ाया गया चोर करता रहा। सहानुभूतिशील कुकर्मी ने मुड़कर कहा: “हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना,” इस प्रकार विश्वास व्यक्त करते हुए कि, हालाँकि यीशु उसके बाज़ू में चढ़ाया जा चुका था, फिर भी उसे भविष्य में एक राज्य मिलना नियत था। (लूका २३:४२; मरकुस १५:३२) उस बात ने प्रभु यीशु के हृदय को किस तरह छू लिया होगा! उस मैत्रीपूर्ण कुकर्मी को विश्वास था कि यीशु मसीह निर्दोष था और कि वह ऐसी कड़ी सज़ा के योग्य न था, जैसे कि सरेआम बदनाम होकर खूँटे पर चढ़ाया जाना। (लूका २३:४१) अपने निवेदन से उसने दिखाया कि वह विश्वास करता था कि यीशु को मृतावस्था से जिलाया जाता और उसे एक राज्य प्राप्त होता। कुकर्मी ने यह विश्वास भी दिखाया कि खुद उसे पुनरुत्थान मिल सकता था और कि यीशु ही उसे मृतावस्था से बुलाता और पृथ्वी पर नवीकृत जीवन देकर उस पर उपकार करता।
४. यीशु ने कुकर्मी के निवेदन का जवाब किस तरह दिया, जिस से क्या सूचित हुआ?
४ जब यीशु ने उस से कहा: “मैं तुझ से आज सच कहता हूँ; तू मेरे साथ परादीस में होगा,” उसका इशारा उस सहानुभूतिशील कुकर्मी के पुनरुत्थान की ओर था। विश्वास प्रकट करनेवाले अपराधी के लिए वह एक वास्तविक दिलासा रहा होगा। उस मनुष्य का पुनरुत्थान होने के लिए, पहले यीशु का जिलाया जाना आवश्यक था। फिर, अपनी ईश्वर-प्रदत्त पुनरुत्थान शक्ति प्रयुक्त करते हुए, यीशु मनुष्यजाति के पुनरुत्थान के दिन पर इस कुकर्मी को मृतावस्था से वापस बुला लेता।—लूका २३:४३, न्यू.व.; यूहन्ना ५:२८, २९; १ कुरिन्थियों १५:२०, २३; इब्रानियों ९:१५.
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वापस परादीस की ओर का मार्ग खोलनाप्रहरीदुर्ग—1990 | अप्रैल 1
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१७, १८. (अ) यीशु का “अन्तिम आदम” कहलाने का अर्थ क्या है? (ब) १९१४ से हो रहीं विश्व घटनाओं से क्या सूचित होता है?
१७ यीशु जानता था कि पृथ्वी पर पहले परादीस का सृजनहार उस पर परादीस दोबारा स्थापित करने और सार्वभौमिक बग़ीचे को आबाद करवाने के प्रबंध का उत्तरदायित्व डालता। १ कुरिन्थियों १५:४५, ४७ में हम पढ़ते हैं: “ऐसा ही लिखा भी है, कि ‘प्रथम मनुष्य, अर्थात् आदम, जीवित प्राणी बना’ और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना। प्रथम मनुष्य धरती से, अर्थात् मिट्टी का था; दूसरा मनुष्य स्वर्गीय है।” दूसरा आदम स्वर्ग से उतर आया और यह वही है जिसे यहोवा यहाँ पृथ्वी पर परादीस पुनःस्थापित करने के लिए काम में लाता है। इसी आधार पर प्रभु यीशु ने सहानुभूतिशील कुकर्मी से कहा: “तू मेरे साथ परादीस में होगा।” (लूका २३:४३, न्यू.व.) इस बातचीत से यह एक बार फिर प्रकट है कि परादीस “अन्तिम आदम,” महिमान्वित यीशु मसीह, के नियंत्रण में स्वर्ग के राज्य के अधीन, पृथ्वी पर स्थापित किया जाएगा।
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