परादीस को लौटने का रास्ता
परादीस के लिए मानवी लालसा और उसकी पुनःसृष्टि करने के दोनों, छोटे और बड़े प्रयासों के मद्दे-नज़र, एक व्यक्ति शायद सोचे कि अब तक तो पृथ्वी एक वास्तविक परादीस बन जाती। लेकिन ऐसा नहीं है।
इसके बजाय, मनुष्यजाति ने लालच को प्राथमिकता दी है, जो अकसर पर्यावरण और उसके जीव-जंतुओं की विविधता की क़ीमत पर हावी होता है। यह विश्वास करते हुए कि भौतिक धन-दौलत ही हावी होगी, अनेक लोगों ने सारी आशा छोड़ दी है कि यह पृथ्वी भी कभी एक अदन-समान परादीस में रूपांतरित होगी। इसके बजाय, वे परादीस के लिए अपनी एकमात्र आशा के तौर पर स्वर्ग में मरणोत्तर जीवन की ओर देखते हैं। पहले तो, यह दृष्टिकोण सूचित करता है कि अदन के लिए हमारी मानवी लालसा हमेशा के लिए विफल रहेगी और, दूसरा, कि परमेश्वर ने इस ग्रह को मानवी मूर्खता और स्वार्थ के कारण त्याग दिया है। क्या ऐसा है? भविष्य में क्या रखा है? और वह भविष्य कहाँ होगा?
परादीस—स्वर्ग में या पृथ्वी पर?
क़रीब २,००० साल पहले, अपनी बग़ल में ठोके गए पश्चातापी चोर के साथ बात करते हुए यीशु मसीह ने कहा: “तू मेरे साथ परादीस में होगा।” (लूका २३:४३, NW) क्या यीशु का यह अर्थ था की वह चोर उसके साथ स्वर्ग में जाता? जी नहीं।
उस दुष्कर्मी के मन में यह विचार भी नहीं आया होगा। क्यों नहीं? क्योंकि संभवतः वह इब्रानी शास्त्रों के लेखांशों से परीचित रहा होगा, जो उसके समय में विद्यमान थे, जैसे की भजन ३७:२९ का पहला भाग: “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे।” (तिरछे टाइप हमारे।) यीशु ने वही सच्चाई सिखायी, और घोषणा की: “धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।” (तिरछे टाइप हमारे।) (मत्ती ५:५) यह शास्त्रवचन उसके साथ मेल खाता जो सामान्यतः प्रभु की प्रार्थना कहलाती है। यह इस प्रकार है: “तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।”—मत्ती ६:९, १०.
बाइबल सिखाती है कि परमेश्वर ने स्वर्ग को नहीं, बल्कि पृथ्वी को मानव परिवार के घर के रूप में बनाया। उसका वचन कहता है कि “उस ने [पृथ्वी को] सुनसान रहने के लिये नहीं परन्तु बसने के लिये उसे रचा है।” (यशायाह ४५:१८) कितने समय के लिए? “[उस] ने पृथ्वी को उसकी नीव पर स्थिर किया है; ताकि वह कभी न डगमगाए।” (भजन १०४:५) जी हाँ, “पृथ्वी सर्वदा बनी रहती है।”—सभोपदेशक १:४.
उसकी सेवा करनेवाले अधिकांश लोगों के लिए परमेश्वर का उद्देश्य है कि इस पृथ्वी को हमेशा के लिए उनका घर बनाए। नोट कीजिए कि कैसे परमेश्वर का वचन, बाइबल इस पर टिप्पणी करती है। भजन ३७:११ पूर्वबताता है: “नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।” कितने समय के लिए? भजन ३७:२९ कहता है: “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” (तिरछे टाइप हमारे।) उस समय यह शास्त्रवचन पूरा होगा जो कहता है: “तू [परमेश्वर] अपनी मुट्ठी खोलता, और प्रत्येक प्राणी की इच्छा [“अभिलाषा,” NW] को सन्तुष्ट करता है,” अर्थात्, वह अभिलाषा जो परमेश्वर की इच्छा से मेल खाती है।—भजन १४५:१६, NHT.
उन लोगों के बारे में क्या जिनमें परमेश्वर की इच्छा पूरी करने की कोई अभिलाषा नहीं है? नीतिवचन २:२१, २२ घोषित करता है: “धर्मी लोग देश में बसे रहेंगे, और खरे लोग ही उस में बने रहेंगे। दुष्ट लोग देश में से नाश होंगे, और विश्वासघाती उस में से उखाड़े जाएंगे।”
परादीस पुनःस्थापित
अब जल्द ही, परमेश्वर का न्याय इस दुष्ट संसार के विरुद्ध कार्यान्वित किया जाएगा। (मत्ती २४:३-१४; २ तीमुथियुस ३:१-५, १३) लेकिन परमेश्वर आनेवाले विनाश से अपनी रचना के एक नए संसार में लोगों की एक “बड़ी भीड़” को बचाकर ले जाएगा।—प्रकाशितवाक्य ७:९-१७.
तब, परमेश्वर उस आनंदप्रद कार्य को मार्गदर्शित करेगा जो उसकी मानवी प्रजा के पास होगा, अर्थात् पूरी पृथ्वी को मनुष्यजाति के लिए एक परादीस घर में रूपांतरित करने का कार्य। बाइबल प्रतिज्ञा करती है: “जंगल और निर्जल देश प्रफुल्लित होंगे, मरुभूमि मगन होकर केसर की नाईं फूलेगी; . . . जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरुभूमि में नदियां बहने लगेंगी।”—यशायाह ३५:१, ६.
उस बढ़ते परादीस में, भूख, ग़रीबी, झुग्गी-झोपड़ियाँ, बेघर लोग, या अपराध-ग्रस्त क्षेत्र नहीं होंगे। ‘भूमि अन्न से भरपूर हो जाएगी।’ (भजन ७२:१६, NHT) “मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएगी।” (यहेजकेल ३४:२७) “वे घर बनाकर उन में बसेंगे; वे दाख की बारियां लगाकर उनका फल खाएंगे। ऐसा नहीं होगा कि वे बनाएं और दूसरा बसे; वा वे लगाएं, और दूसरा खाए।” (यशायाह ६५:२१, २२) “वे अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले बैठा करेंगे, और कोई उनको न डराएगा।”—मीका ४:४.
कुछ लोग स्वर्ग क्यों जाते हैं
अधिकांश लोग संभवतः स्वीकार करेंगे कि उन्हें एक पार्थिव परादीस की ललक है। यह स्वाभाविक है, क्योंकि परमेश्वर ने कभी भी उनमें स्वर्ग की लालसा नहीं डाली; वे तो सोच भी नहीं सकते कि स्वर्ग में जीवन कैसा होता है। उदाहरण के लिए, अपने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड के पादरी के साथ एक वार्तालाप में, पैट ने कहा, हालाँकि वह एक भक्त चर्च सदस्या है: “स्वर्ग जाने के बारे में तो मुझे ख़याल भी नहीं आया। मैं वहाँ नहीं जाना चाहती, और वैसे भी मैं वहाँ जाकर क्या करूँगी?”—भजन ११५:१६ से तुलना कीजिए।
सचमुच, बाइबल सिखाती है कि मनुष्यों की एक सीमित संख्या, १,४४,००० लोग स्वर्ग जाते हैं। (प्रकाशितवाक्य १४:१, ४) यह इसका कारण भी समझाती है: “उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं।” (प्रकाशितवाक्य ५:९, १०) अपने राजा, यीशु मसीह के साथ वे एक “राज्य” बनते हैं, अर्थात् पृथ्वी की नयी स्वर्गीय सरकार, जिसके लिए मसीही प्रार्थना करते हैं। यह सरकार पृथ्वी और मनुष्यजाति के समस्त पुनर्वास का संचालन करेगी।—दानिय्येल २:४४; २ पतरस ३:१३.
लेकिन, चूँकि मनुष्यों में स्वर्ग में रहने की अभिलाषा स्वाभाविक रूप से विद्यमान नहीं है, परमेश्वर की आत्मा की एक अनोखी प्रक्रिया १,४४,००० को ‘गवाही देती’ है, जिससे उन्हें ख़ास ‘ऊपरी बुलावे’ का बोध होता है। (रोमियों ८:१६, १७; फिलिप्पियों ३:१४) लेकिन, यह स्पष्ट है कि सामान्य रूप से मनुष्यजाति के लिए पवित्र आत्मा द्वारा ऐसी किसी प्रक्रिया की ज़रूरत नहीं है क्योंकि उनका शाश्वत घर एक परादीस पृथ्वी में होना है।
एक आध्यात्मिक परादीस रास्ता तैयार करता है
व्यक्ति पृथ्वी पर परादीस में अनंत जीवन के लिए कैसे योग्य बनता है? “अनन्त जीवन यह है,” यीशु ने कहा, “कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जानें।” (यूहन्ना १७:३) शांतिपूर्ण मानवी संबंधों को परमेश्वर के ज्ञान के साथ जोड़ते हुए, यशायाह ११:९ कहता है: “मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दुःख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है।”—यशायाह ४८:१८ से तुलना कीजिए।
बेशक, यह ज्ञान बस कोई ऊपरी ज्ञान नहीं है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करता है, ऐसे ईश्वरीय गुणों को बढ़ाता है, जैसे “प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम।” (गलतियों ५:२२, २३) यहोवा के साक्षी इन गुणों को विकसित करने का कड़ा प्रयास करते हैं, और इसलिए, अब भी उन्हें एक हितकर आध्यात्मिक परादीस की आशीष प्राप्त है।—यशायाह ६५:१३, १४.
उनकी आध्यात्मिक स्थिति इस संसार की स्थिति के कितने विपरीत है, जो अधर्म और भ्रष्टाचार की दलदल में और भी धँसता जा रहा है! लेकिन, जल्द ही यह दुष्ट संसार परमेश्वर द्वारा नाश किया जाएगा। इस दरमियान, यहोवा के साक्षी आपको उस आध्यात्मिक परादीस में भेंट करने—जी हाँ, उसका निरीक्षण करने—के लिए आमंत्रित करते हैं जिसका वे आनंद लेते हैं। ख़ुद अपने लिए देखिए कि अभी यीशु, अर्थात् अदृश्य स्वर्गीय राज्य का राजा उस नए संसार के भावी निवासियों को सकेत रास्ते से पार्थिव परादीस और अनंत जीवन की ओर शांत रीति से ले जा रहा है!—मत्ती ७:१३, १४; प्रकाशितवाक्य ७:१७; २१:३, ४.
[पेज 8, 9 पर तसवीर]
इस संसार के अंत के उत्तरजीवी, पृथ्वी को परादीस में रूपांतरित करने में भाग लेने का आनंद उठाएँगे