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  • यहोवा से प्यार करने से आप बपतिस्मा लेंगे
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2020
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2020
w20 मार्च पेज 2-7

अध्ययन लेख 10

यहोवा से प्यार करने से आप बपतिस्मा लेंगे

“अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रुकावट है?”—प्रेषि. 8:36.

गीत 37 दिलो-जान से यहोवा की सेवा करें

लेख की एक झलकa

1-2. प्रेषितों 8:27-31, 35-38 के मुताबिक इथियोपिया के अधिकारी ने क्यों बपतिस्मा लिया?

क्या आप बपतिस्मा लेकर मसीह का एक चेला बनना चाहते हैं? कई लोगों ने यह कदम उठाया है। किस बात ने उन्हें ऐसा करने के लिए उभारा? वे यहोवा से बहुत प्यार करते हैं और उसने उनके लिए जो भी किया है उसके लिए वे उसके एहसानमंद हैं। पहली सदी के एक आदमी की ही बात लीजिए, जो इथियोपिया की रानी के महल का एक दरबारी था।

2 जब उस अधिकारी ने शास्त्र से जाना कि उसे बपतिस्मा लेना चाहिए, तो उसने फौरन ले लिया। (प्रेषितों 8:27-31, 35-38 पढ़िए।) वह क्यों इतनी जल्दी तैयार हो गया? वह परमेश्‍वर के वचन को बहुत अनमोल समझता था। तभी तो यरूशलेम से लौटते समय वह यशायाह की किताब से कुछ पढ़ रहा था। और जब फिलिप्पुस ने उसे गवाही दी, तो वह जान पाया कि यीशु ने उसके लिए कितना कुछ किया है। उसके दिल में पहले से यहोवा के लिए प्यार था। यह हम इसलिए कह सकते हैं क्योंकि वह यहोवा की उपासना करने के लिए ही यरूशलेम गया था। शायद उसने अपना पहले का धर्म छोड़ दिया था और सच्चे परमेश्‍वर की उपासना करने के लिए यहूदियों के साथ जुड़ गया था, क्योंकि सिर्फ यहूदी राष्ट्र यहोवा को समर्पित राष्ट्र था। तो हम कह सकते हैं कि यहोवा से प्यार  होने की वजह से उस अधिकारी ने बपतिस्मा लिया और वह मसीह का चेला बना।—मत्ती 28:19.

3. बपतिस्मा लेने में क्या-क्या रुकावटें हो सकती हैं? (“आपका दिल किस मिट्टी जैसा है?” नाम का बक्स देखें।)

3 यहोवा से प्यार होगा तो आप भी बपतिस्मा लेने से खुद को रोक नहीं पाएँगे। लेकिन एक और तरह का प्यार भी है जो आपको शायद बपतिस्मा लेने से रोके।  हो सकता है आप अपने अविश्‍वासी रिश्‍तेदारों और दोस्तों से बहुत ज़्यादा प्यार करते हैं। आपको शायद चिंता होगी कि अगर आपने बपतिस्मा लिया, तो वे आपसे नफरत करने लगेंगे। (मत्ती 10:37) या शायद आपकी कुछ ऐसी आदतें हैं जिनसे परमेश्‍वर नफरत करता है। अगर आप उन आदतों के गुलाम हो चुके हैं, तो उन्हें छोड़ना आपको मुश्‍किल लग सकता है। (भज. 97:10) या शायद आप बचपन से कुछ ऐसे रीति-रिवाज़ मानते आए हैं जो झूठे धर्मों से निकले हैं। इन्हें मानने के सिलसिले में आपकी कुछ मीठी यादें भी होंगी। इसलिए इन रिवाज़ों को छोड़ना आपको बहुत मुश्‍किल लगता होगा। (1 कुरिं. 10:20, 21) तो फिर आप खुद से पूछ सकते हैं, “मुझे सबसे ज़्यादा किससे लगाव है?”

आपका दिल किस मिट्टी जैसा है?

यीशु ने मिसाल देकर बताया कि बाइबल का संदेश बीज जैसा है और लोगों का दिल अलग-अलग तरह की मिट्टी जैसा है। (लूका 8:4-8) अगर आप कुछ समय से यहोवा के साक्षियों से बाइबल सीख रहे हैं, तो क्यों न आप लूका 8:11-15 पढ़ें और खुद से पूछें, ‘मेरा दिल किस मिट्टी जैसा है?’

  • पैरों तले रौंदी गयी मिट्टी पर एक चिड़िया आ रही है।

    पैरों तले रौंदी गयी मिट्टी: इस तरह का इंसान समय निकालकर बाइबल अध्ययन की तैयारी नहीं करता। वह दूसरे कामों में इतना उलझा रहता है कि कई बार अध्ययन के लिए नहीं मिलता और सभाओं में नहीं जाता।

  • चट्टानी ज़मीन।

    चट्टानी ज़मीन: इस तरह का इंसान दोस्तों और रिश्‍तेदारों के आगे झुक जाता है। जब वे उसका विरोध करते हैं, तो वह यहोवा की आज्ञा मानना छोड़ देता है।

  • ऐसी ज़मीन जिस पर काँटे उग रहे हैं।

    काँटोंवाली ज़मीन: इस तरह का इंसान जब यहोवा के बारे में सीखता है, तो उसे अच्छा लगता है। मगर वह सोचता है कि पैसा और दौलत होने से ही खुशी मिलेगी और उसे कल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। वह नौकरी-पेशे या मन-बहलाव करने में इतना खोया रहता है कि कई बार बाइबल अध्ययन के लिए नहीं मिलता।

  • अच्छी मिट्टी जिसमें गेहूँ के कई पौधे उग रहे हैं।

    अच्छी मिट्टी: इस तरह का इंसान नियमित तौर पर बाइबल अध्ययन करता है और जो सीखता है, उस पर चलता भी है। वह हमेशा यहोवा को खुश करने की सोचता है। चाहे उसे कोई भी मुसीबत या विरोध सहना पड़े, वह दूसरों को यहोवा के बारे में बताना नहीं छोड़ता।

बाइबल से आप जो सीखते हैं उस पर चलेंगे या नहीं, यह आपके हाथ में है। जैसे मिट्टी को नरम किया जा सकता है, उससे घास-फूस उखाड़कर उसे अच्छा किया जा सकता है, उसी तरह आपका दिल भी अच्छी मिट्टी जैसा बन सकता है। आप अंदर से कैसा इंसान बनना चाहेंगे, यह आपको तय करना है।

सबसे ज़्यादा किससे प्यार करें?

4. बपतिस्मा लेने के लिए क्या ज़रूरी है?

4 शायद आपके दिल में कई बातों के लिए प्यार हो। हो सकता है कि यहोवा के साक्षियों से बाइबल सीखने से पहले ही आपके दिल में ईश्‍वर के लिए श्रद्धा या लगाव रहा हो। या शायद आप बाइबल की शिक्षाओं की और यीशु ने जो किया उसकी कदर करते हों। फिर जब आपकी साक्षियों से जान-पहचान हुई, तो आपको उनसे मिलना-जुलना अच्छा लगने लगा। लेकिन यह सब काफी नहीं है। आपको यहोवा परमेश्‍वर से प्यार होना चाहिए। तब आपका दिल आपको उभारेगा कि आप अपना जीवन उसे समर्पित करें और बपतिस्मा लें। अगर आप सबसे ज़्यादा यहोवा से प्यार करते हैं, तो उसकी सेवा करने से कोई भी बात आपको रोक नहीं पाएगी। बपतिस्मा लेने और सच्चाई की राह पर बने रहने के लिए यहोवा से प्यार होना बहुत ज़रूरी है।

5. हम किन सवालों पर चर्चा करेंगे?

5 यीशु ने कहा था कि हमें यहोवा से पूरे दिल, पूरी जान, पूरे दिमाग और पूरी ताकत से प्यार करना चाहिए। (मर. 12:30) आप क्या कर सकते हैं ताकि यहोवा के लिए आपके दिल में इतना प्यार हो? आपको इस बारे में मनन करना चाहिए कि यहोवा आपसे कितना प्यार करता है। तब आप उससे प्यार करने लगेंगे। (1 यूह. 4:19) इस लेख में आप जानेंगे कि आपको क्या-क्या करना है ताकि आपके दिल में यहोवा के लिए प्यार बढ़े और आप बपतिस्मा लें।

6. रोमियों 1:20 के मुताबिक यहोवा को जानने का एक तरीका क्या है?

6 यहोवा के बारे में सीखने के लिए उसकी सृष्टि पर ध्यान दीजिए।  (रोमियों 1:20 पढ़िए; प्रका. 4:11) पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को गौर से देखिए और सोचिए कि इनसे कैसे साबित होता है कि यहोवा बहुत बुद्धिमान है। अपने शरीर की लाजवाब रचना के बारे में जानिए। (भज. 139:14) यह भी सोचिए कि यहोवा के बनाए सूरज में कितनी ऊर्जा है! और इस तरह के कितने अरबों-खरबों तारे हैं।b (यशा. 40:26) इस तरह सृष्टि पर मनन करने से यहोवा के लिए आपके दिल में श्रद्धा बढ़ेगी। मगर यह जानना काफी नहीं कि यहोवा कितना बुद्धिमान और शक्‍तिशाली है। यहोवा के साथ एक मज़बूत रिश्‍ता कायम करने के लिए आपको और भी बहुत कुछ जानना है।

7. आपको किस बात का यकीन होना चाहिए ताकि यहोवा के लिए आपका प्यार और बढ़े?

7 आपको पूरा यकीन होना चाहिए कि यहोवा आपसे प्यार करता है। क्या आपको ऐसा लगता है कि यहोवा तो इतना महान सृष्टिकर्ता है, मैं उसके सामने क्या हूँ? अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो बाइबल की यह बात याद रखिए कि यहोवा “हममें से किसी से भी दूर नहीं है।” (प्रेषि. 17:26-28) वह ‘सबके दिलों को जाँचता है और अगर आप उसकी खोज करेंगे तो वह आपको मिलेगा।’ (1 इति. 28:9) दरअसल आप बाइबल का अध्ययन भी इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि यहोवा ने आपको अपनी तरफ खींचा है, ठीक जैसे यिर्मयाह 31:3 में लिखा है। जब आप जानेंगे कि यहोवा ने आपके लिए क्या-क्या किया है, तो आप उससे और ज़्यादा प्यार करने लगेंगे।

8. यहोवा के प्यार की कदर करने का एक तरीका क्या है?

8 यहोवा के प्यार की कदर करने का एक तरीका है, उससे प्रार्थना करना। जब आप अपनी सारी चिंताएँ उसे बताएँगे और उसके सभी उपकारों के लिए उसका धन्यवाद करेंगे, तो उसके लिए आपका प्यार और बढ़ेगा। जब आप देखेंगे कि यहोवा किस तरह आपकी प्रार्थनाओं का जवाब देता है, तो उसके साथ आपका रिश्‍ता मज़बूत होगा। (भज. 116:1) तब आपको यकीन होगा कि वह आपको अच्छी तरह जानता है। लेकिन यहोवा के करीब आने के लिए आपको जानना होगा कि उसकी सोच कैसी है और वह आपसे क्या चाहता है। यह सब जानने का एक ही तरीका है, उसके वचन बाइबल का अध्ययन करना।

एक बहन बाज़ार में खरीदारी करते वक्‍त एक लड़की को ट्रैक्ट दे रही है।

बाइबल का अध्ययन करने से ही हम जान सकते हैं कि हम कैसे परमेश्‍वर के करीब आ सकते हैं और वह हमसे क्या चाहता है (पैराग्राफ 9 देखें)c

9. बाइबल को अनमोल समझने से आप क्या करेंगे?

9 परमेश्‍वर के वचन को अनमोल जानिए।  सिर्फ बाइबल से ही आप जान सकते हैं कि यहोवा किस तरह का परमेश्‍वर है और वह आपसे क्या चाहता है। अगर आप बाइबल को अनमोल समझते हैं, तो आप हर दिन उसे पढ़ेंगे, हर हफ्ते अपने बाइबल अध्ययन की तैयारी करेंगे और आप जो सीखते हैं उसे लागू करेंगे। (भज. 119:97, 99; यूह. 17:17) क्या आपने तय किया है कि आप हर दिन कब और कितनी देर बाइबल पढ़ेंगे? और आपने जैसा सोचा है, क्या आप वैसा करते हैं?

10. बाइबल की एक खासियत क्या है?

10 बाइबल की एक खासियत यह है कि इसमें यीशु के बारे में वह बातें लिखी हैं जो लोगों ने अपनी आँखों से देखी थीं। सिर्फ बाइबल में सही-सही लिखा है कि यीशु ने आपके लिए क्या किया है। जब आप जानेंगे कि यीशु ने कैसी बातें सिखायीं और क्या-क्या किया, तो आप यीशु के दोस्त बन पाएँगे।

11. आप यहोवा के लिए अपना प्यार कैसे बढ़ा सकते हैं?

11 यीशु के लिए प्यार बढ़ाइए, तब यहोवा के लिए आपका प्यार बढ़ेगा।  वह इसलिए क्योंकि यीशु ने यहोवा के जैसे गुण बहुत अच्छी तरह दर्शाए। (यूह. 14:9) यीशु के बारे में आप जितना ज़्यादा सीखेंगे, आप यहोवा की सोच को उतनी अच्छी तरह जान पाएँगे और उसके मुताबिक काम करेंगे। सोचिए कि उसने ऐसे लोगों पर कितनी करुणा की जिन्हें लोग नीचा देखते थे, जैसे गरीबों, बीमारों और समाज के सबसे कमज़ोर लोगों पर। यह भी सोचिए कि उसकी सलाह मानने से आपको कितना फायदा होता है।—मत्ती 5:1-11; 7:24-27.

12. यीशु के बारे में सीखने से आप क्या करेंगे?

12 यीशु के लिए आपका प्यार तब और बढ़ेगा जब आप इस बारे में गहराई से सोचेंगे कि उसने आपके लिए कितनी बड़ी कुरबानी दी है ताकि आपके पापों की माफी मिले। (मत्ती 20:28) जब आप इस बात को समझेंगे कि यीशु आपके लिए अपनी जान तक देने को तैयार हो गया, तो आप अपनी गलतियों से पश्‍चाताप करेंगे और यहोवा से माफी माँगेंगे। (प्रेषि. 3:19, 20; 1 यूह. 1:9) जब यीशु और यहोवा के लिए आपका प्यार बढ़ेगा, तो आप उन लोगों से दोस्ती करना चाहेंगे जो आपकी तरह यहोवा और यीशु से प्यार करते हैं।

13. यहोवा आपको कैसा परिवार देगा?

13 उन लोगों से प्यार कीजिए जो यहोवा से प्यार करते हैं।  आपके अविश्‍वासी रिश्‍तेदार और पुराने दोस्त शायद समझ न पाएँ कि आप क्यों अपना जीवन यहोवा को समर्पित करना चाहते हैं। शायद वे आपका विरोध करें और आपसे नाता तोड़ लें। लेकिन हिम्मत मत हारिए। यहोवा आपको मसीही भाई-बहनों का एक नया परिवार देगा। उस परिवार के करीब रहने से आपको उनसे प्यार और हौसला मिलेगा जिसकी आपको बहुत ज़रूरत है। (मर. 10:29, 30; इब्रा. 10:24, 25) यह भी हो सकता है कि कुछ समय बाद आपके रिश्‍तेदार आपके साथ यहोवा की सेवा करने लगें और उसकी आज्ञा मानने लगें।—1 पत. 2:12.

14. क्या आप यहोवा के नियमों के बारे में वैसा ही महसूस करते हैं जैसा 1 यूहन्‍ना 5:3 में बताया गया है?

14 इस बात को समझिए कि यहोवा के नियम हमारे फायदे के लिए हैं और उन्हें मानिए।  यहोवा को जानने से पहले शायद आप अपने तरीके से जीते थे। लेकिन अब आप जान गए हैं कि यहोवा जो कहता है वही सही है। (भज. 1:1-3; 1 यूहन्‍ना 5:3 पढ़िए।) उदाहरण के लिए, सोचिए कि उसने पति-पत्नी, बच्चों और माता-पिताओं को क्या सलाह दी है। (इफि. 5:22–6:4) क्या इस सलाह को मानने की वजह से आपका परिवार खुश है? दोस्त चुनने के बारे में भी उसने बढ़िया सलाह दी है। क्या उसे मानने से आपको अच्छे दोस्त मिले हैं और उनकी संगति से आप अच्छी आदतें अपना सके हैं? क्या परमेश्‍वर के नियमों को मानने की वजह से आप ज़िंदगी से खुश हैं? (नीति. 13:20; 1 कुरिं. 15:33) इसमें कोई शक नहीं कि यहोवा की सलाह मानने से आपको फायदा हुआ होगा।

15. अगर आप नहीं समझ पा रहे कि यहोवा के फलाँ नियम को कैसे मानना है, तो आप क्या कर सकते हैं?

15 कभी-कभी आप शायद समझ न पाएँ कि परमेश्‍वर के फलाँ नियम को कैसे मानना चाहिए। इस मामले में यहोवा अपने संगठन के ज़रिए हमारी मदद करता है। यह संगठन बाइबल की समझ देनेवाली किताबें-पत्रिकाएँ तैयार करता है, जिन्हें पढ़ने से आप सही-गलत में फर्क कर पाएँगे। (इब्रा. 5:13, 14) इन किताबों का अध्ययन करने से आप जान पाएँगे कि यहोवा के फलाँ नियम को कब और कैसे मानना चाहिए। जब आप देखेंगे कि यहोवा का संगठन आपकी कितनी मदद करता है, तो आप ज़रूर इस संगठन से जुड़ना चाहेंगे।

16. यहोवा ने अपने लोगों को कैसे व्यवस्थित किया है?

16 यहोवा के संगठन के बारे में और जानिए और उसके करीब रहिए।  यहोवा ने अपने लोगों को अलग-अलग मंडलियों में व्यवस्थित किया है। उसका बेटा यीशु इन सारी मंडलियों का मुखिया है। (इफि. 1:22; 5:23) यीशु ने परमेश्‍वर के काम को संगठित करने के लिए “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” को ठहराया है। (मत्ती 24:45-47) यह दास कुछ अभिषिक्‍त भाइयों से बना है। उन्हें यह ज़िम्मेदारी दी गयी है कि वे आपको सच्चाई का ज्ञान दें और यहोवा के करीब रहने में आपकी मदद करें। विश्‍वासयोग्य दास अपनी ज़िम्मेदारी बहुत अच्छी तरह निभाता है और कई तरीकों से आपकी मदद करता है। जैसे, प्राचीनों के ज़रिए। (यशा. 32:1, 2; इब्रा. 13:17; 1 पत. 5:2, 3) ये काबिल चरवाहे आपकी खातिर बहुत मेहनत करते हैं, ताकि आप सच्चाई में मज़बूत बने रहें और आपको हौसला मिलता रहे। वे एक और ज़रूरी काम में आपकी मदद करते हैं। वह है, दूसरों को यहोवा के बारे में सिखाना।—इफि. 4:11-13.

17. रोमियों 10:10, 13, 14 के मुताबिक हम क्यों दूसरों को यहोवा के बारे में बताते हैं?

17 दूसरों को यहोवा से प्यार करना सिखाइए।  यीशु ने अपने चेलों को आज्ञा दी थी कि वे दूसरों को यहोवा के बारे में सिखाएँ। (मत्ती 28:19, 20) यह काम हमें सिर्फ एक फर्ज़ जानकर नहीं करना चाहिए, बल्कि यहोवा से प्यार होने की वजह से करना चाहिए। जब आपके दिल में यहोवा के लिए प्यार बढ़ेगा, तो आप दूसरों को यहोवा के बारे में बताने से खुद को रोक नहीं पाएँगे। आप प्रेषित पतरस और यूहन्‍ना की तरह महसूस करेंगे, जिन्होंने कहा था, “हम उन बातों के बारे में बोलना नहीं छोड़ सकते जो हमने देखी और सुनी हैं।” (प्रेषि. 4:20) किसी को सच्चाई सिखाने से जो खुशी मिलती है, वह शायद ही किसी और काम से मिले! ज़रा सोचिए, जब फिलिप्पुस ने इथियोपिया के उस अधिकारी को शास्त्र की अच्छी समझ दी और उस अधिकारी ने बपतिस्मा लिया, तो फिलिप्पुस को कितनी खुशी हुई होगी। दूसरों को प्रचार करने से आपको भी यह खुशी मिल सकती है और प्रचार करना दिखाएगा कि आप यहोवा का एक साक्षी बनना चाहते हैं। (रोमियों 10:10, 13, 14 पढ़िए।) जब आप उस हद तक तरक्की कर लेंगे, तो आप भी इथियोपिया के अधिकारी की तरह कहेंगे, “अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रुकावट है?”—प्रेषि. 8:36.

18. अगले लेख में किन सवालों का जवाब दिया जाएगा?

18 बपतिस्मा लेना आपकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा फैसला होगा। इसलिए यह फैसला लेने से पहले आपको इस बारे में काफी कुछ जानना चाहिए। बपतिस्मे के बारे में आपको क्या पता होना चाहिए? बपतिस्मे के पहले और बाद में आपको क्या करना चाहिए? इन सवालों का जवाब अगले लेख में दिया जाएगा।

आपका जवाब क्या होगा?

  • हमें खासकर क्यों यहोवा की सेवा करनी चाहिए? आप ऐसा क्यों कहते हैं?

  • हम यहोवा से प्यार करना कैसे सीख सकते हैं?

  • लूका 8:11-15 में बतायी मिसाल पर मनन करने से हमें क्या फायदा होगा?

गीत 2 यहोवा तेरा नाम

a कुछ लोगों के दिल में यहोवा के लिए प्यार तो है मगर वे बपतिस्मा लेने से झिझकते हैं, क्योंकि वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो इस लेख से जानिए कि आप क्या-क्या कर सकते हैं ताकि आप बपतिस्मे के लिए तैयार हों।

b सृष्टि की कुछ और चीज़ों के बारे में जानने के लिए ये ब्रोशर पढ़िए: वॉज़ लाइफ क्रिएटेड?  और जीवन की शुरूआत, पाँच सवाल—जवाब पाना ज़रूरी। 

c तसवीर के बारे में: एक बहन खरीदारी करते समय एक लड़की को ट्रैक्ट दे रही है।

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