हर्ष से पूरित हो जाइए
“चेले हर्ष से और पवित्र आत्मा से पूरित होते रहे।”—प्रेरितों १३:५२, न्यू.व.
१. (अ) हर्ष किस तरह का फल है? (ब) कौनसे हर्षमय प्रबंध के लिए परमेश्वर की स्तुति की जानी चाहिए?
हर्ष! इस मसीही गुण को पौलुस के आत्मा के फलों के वर्णन में केवल प्रेम के बाद ही, द्वितीय स्थान पर सूचिबद्ध किया गया है। (गलतियों ५:२२-२५, न्यू.व.) और वह हर्ष किस बात से उत्पन्न होता है? यह उस सुसमाचार से उत्पन्न होता है जो परमेश्वर के स्वर्गदूत ने १,९०० से अधिक वर्ष पहले विनम्र चरवाहों को सुनाया था: “देखो, मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ जो सब लोगों के लिए होगा, कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिए एक उद्धारकर्त्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।” फिर स्वर्गदूतों का एक दल प्रकट हुआ और वे उस स्वर्गदूत के साथ परमेश्वर की स्तुति हर्षमय रूप से करने लगे और यह कहने लगे: “ऊँचे से ऊँचे स्थान में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्ति हो।”—लूका २:१०-१४.
२, ३. (अ) यह क्यों उचित था कि परमेश्वर अपने पहलौठे को मनुष्यजाति का उद्धारक बनने के लिए भेजे? (ब) जब वह पृथ्वी पर था, यीशु ने और किन किन तरीक़ों से परमेश्वर के उद्देश्यों को पूरा किया?
२ मनुष्यों के प्रति यहोवा की सदभावना इससे व्यक्त की गयी है कि उन्होंने प्रभु मसीह के ज़रिए उद्धार का प्रबंध किया है। परमेश्वर का यह पहलौठा सच्ची बुद्धिमानी का मूर्तरूप है और सृष्टि के समय अपने पिता के बारे में यह कहते उसका वर्णन किया गया है: “फिर मैं उनके साथ एक पक्की और निश्चयात्मक कारीगर-सा बन गया, फिर दिन-ब-दिन मैं प्रसन्नचित्त हुआ, उसके सामने हर प्रसंग पर खुश रहता था; उसकी फलवंत पृथ्वी में खुश होता था, हाँ, मनुष्यों के पुत्रों में मेरी खुशी होता था।”—नीतिवचन ८:३०, ३१; रॉदरहॅम.
३ इसलिए, यह उचित था कि यहोवा इस पुत्र को, जो मनुष्यों में इतनी प्रसन्नता लेता था, मनुष्यजाति का उद्धारकर्त्ता बनने के लिए भेज दे। और इससे परमेश्वर की महिमा किस तरह होती? इससे उन्हें अपने शानदार उद्देश्य को पूरा करने का मार्ग खुल जाता कि पृथ्वी को धर्मी तथा शान्ति-प्रिय मानवों से भर दें। (उत्पत्ति १:२८) इसके अलावा, जब वह पृथ्वी पर था, तब यह पुत्र, यीशु, कड़ी से कड़ी परीक्षा में दर्शाता कि एक परिपूर्ण मनुष्य वफ़ादारी से यहोवा का सर्वश्रेष्ठ प्रभु होने के नाते आज्ञापालन कर सकता है, और इस प्रकार उसने अपने पिता की अपनी सृष्टि पर की जानेवाली न्यायपूर्ण सत्ता को उचित सिद्ध किया। (इब्रानियों ४:१५; ५:८, ९) यीशु के वफ़ादार आचरण से सभी सच्चे मसीहियों के लिए एक आदर्श दिया गया है, कि वे उसके पदचिह्नों पर ध्यान से चलें।—१ पतरस २:२१.
४. यीशु की सहनशीलता के परिणाम स्वरूप कौनसा हर्ष मिलता है, और इससे हमें किस तरह प्रोत्साहित होना चाहिए?
४ यीशु ने अपने पिता की इच्छानुसार इस प्रकार करने में अत्याधिक हर्ष पाया, और वह भी और अधिक हर्ष पाने की आशा में, जैसा कि प्रेरित पौलुस इब्रानियों १२:१, २ में सूचित करता है: “आओ, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्त्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिस ने उस आनन्द के लिए जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके, खम्भे का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दहिने जा बैठा।” (न्यू.व.) यह किस प्रकार का हर्ष है? यह वह हर्ष है जो यीशु को न केवल अपने पिता के नाम के पवित्रीकरण और मनुष्यजाति को मृत्यु से छुड़ाने में मिलता है, परन्तु जो उसे एक राजा और महायाजक के रूप में राज्य करने में मिलता है, जब वह आज्ञाकारी मनुष्यों को एक परादीस पृथ्वी पर अन्तहीन जीवन फिर से देगा।—मत्ती ६:९; २०:२८; इब्रानियों ७:२३-२६.
५. यीशु के “भाई” कौन हैं, और वे कौनसे अनन्य हर्ष में हिस्सेदार बन जाते हैं?
५ जी हाँ, परमेश्वर के पुत्र ने मनुष्यजाति की सेवा करने में हमेशा हर्ष पाया है। और उसे ख़राई रखनेवाले मानवों के एक दल को चुनने के लिए अपने पिता के साथ काम करने का हर्ष मिला है, जिन्हें वह अपने “भाई” कहता है और जो मरने पर स्वर्ग में पुनरुत्थित किए जाते हैं। ये लोग यीशु के साथ एक अनन्य आनन्द के हिस्सेदार बनते हैं। इन्हें “धन्य और पवित्र” कहा जाता है, और वे “परमेश्वर और मसीह के याजक होंगे और वे उसके साथ हज़ार वर्ष तक राज्य करेंगे।”—इब्रानियों २:११; प्रकाशितवाक्य १४:१, ४; २०:६.
६. (अ) राजा अपनी “अन्य भेड़ों” को कौनसा हर्षमय निमंत्रण देता है? (ब) इन में से अनेक भेड़ आज कौनसे विशेषाधिकार का आनन्द उठाते हैं?
६ इसके अतिरिक्त, “अन्य भेड़ों” की एक बड़ी भीड़, जिन्हें शासन करनेवाला राजा अपने अनुमोदन के दहिने हाथ की ओर अलग करता है, यह निमंत्रण प्राप्त करती है: “हे मेरे पिता के धन्य लोगो, आओ, उस राज्य के अधिकरी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिए तैयार किया हुआ है।” (यूहन्ना १०:१६; मत्ती २५:३४) यह क्या ही हर्षमय विशेषाधिकार है! जो लोग राज्य के पार्थिव क्षेत्र के अधिकारी होंगे, उन में से अनेक लोग अब अभिषिक्त लोगों के साथ ज़िम्मेदारी के नियतकार्य स्वीकार कर रहे हैं, उसी तरह जैसे यहोवा ने पूर्वबतलाया था: “परदेशी आ खड़े होंगे और तुम्हारी भेड़-बकरियों को चराएँगे और विदेशी लोग तुम्हारे हरवाहे और दाख की बारी के माली होंगे; पर तुम यहोवा के याजक कहलाओगे, वे तुम को हमारे परमेश्वर के सेवक कहेंगे।” ये सभी परमेश्वर के भविष्यवक्ता के साथ मिलकर कहते हैं: “मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊँगा, मेरा प्राण परमेश्वर के कारण मगन रहेगा; क्योंकि उस ने मुझे उद्धार के वस्त्र पहिनाए” हैं।—यशायाह ६१:५, ६, १०.
७. यह “दिन” जो १९१४ से चल रहा है, बहुत ही ख़ास क्यों है?
७ हम अब एक बहुत ही ख़ास दिन में जी रहे हैं। १९१४ से यह मसीह के एक स्वर्गीय राजा के रूप में शासन करने का दिन रहा है, जिसका वर्णन भजन ११८:२४, २५ में किया गया है: “आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है, हम इस में मगन और आनन्दित हों। हे यहोवा, बिनती सुन, उद्धार कर! हे यहोवा, बिनती सुन, सफलता दे!” यह वह दिन है जिसकी पराकाष्ठा तब होगी जब यहोवा बाबेलोनी धर्म को मृत्युदण्ड देंगे और १,४४,००० भाईयों से बननेवाली मसीह की दुल्हन को अपने स्वर्गीय राजा के साथ एक कर देंगे। परमेश्वर के सभी लोग इस पर “आनन्दित और मगन” होंगे। वे उस समय भी आनन्द मनाएँगे जब उनके मसीही राजा आरमागेड़ोन के दौरान अपनी वफ़ादार राष्ट्र को बचाने के लिए लड़ेंगे, ताकि वे अपनी धर्मी नयी दुनिया में प्रवेश कर सकें। (प्रकाशितवाक्य १९:१-७, ११-१६) क्या यहोवा सफलता देते हैं, जब उनके लोग इस हर्षमय आशा को घोषित करते हैं? निम्नलिखित रिपोर्ट व्याख्या देगा।
सार्वभौम विस्तार
८. (अ) १९९१ यरबुक ऑफ जेहोवाज़ विट्नेसिज़ में दिए रिपोर्ट में पवित्र आत्मा के साथ-साथ हर्ष को किस तरह दर्शाया गया है? (ब) इस रिपोर्ट की कुछ विशिष्टताएँ क्या हैं?
८ यहोवा के आधुनिक समय के गवाह ‘पवित्र आत्मा की सामर्थ से आशा में बढ़ते गए हैं।’ (रोमियों १५:१३) यह १९९१ यरबुक ऑफ जेहोवाज़ विट्नेसिज़ में दिए चार्ट से दिखायी देता है, जहाँ १९९० की राज्य सेवा के सार्वभौम रिपोर्ट को विस्तार में दिया गया है। क्षेत्र में ४०,१७,२१३ सक्रिय सेवकों का एक नया शिखर देखकर हम कितना आनन्द करते हैं! यह पिछले दस वर्षों में ७७ प्रतिशत की बढ़ती को सूचित करता है, जैसे-जैसे भेड़ों का एकत्र किया जाना पूरी दुनिया में २१२ देशों में तेज़ी से आगे बढ़ता जाता है। १५ वर्षों बाद, बपतिस्मा के आँकड़ों ने फिर से एक नए शिखर को छूआ—३,०१,५१८! अनेक सम्मेलनों में बपतिस्मा के आँकड़े असाधारण रूप से ज़्यादा थे, ख़ास तौर से उन सम्मेलनों में जहाँ पूर्वी यूरोप से आए गवाह उपस्थित हुए थे। उन में से अनेक नौजवान व्यक्ति थे, जिस से वह समाजवादी दावा झूठा सिद्ध हुआ कि धर्म बूढ़ों के साथ साथ मर जाता।
९. (अ) माता-पिता द्वारा यथासमय दिए जानेवाले प्रशिक्षण से कौनसा आनन्दित परिणाम प्राप्त हो रहा है? (ब) कौनसे स्थानीय या अन्य अनुभव इस बात को साबित कर रहे हैं?
९ ढेर सारे नौजवान व्यक्ति भजन ३२:११ के आह्वान की ओर अनुकूल प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं: “हे धर्मियों, यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मनवालों आनन्द से जयजयकार करो!” ऐसा प्रतीत होता है कि अनेक माता-पिता अपने नन्हें-मुन्नों को “बचपन से” सिखाने की सलाह पर अमल कर रहे हैं। (२ तीमुथियुस ३:१५) अल्पवयस्क बच्चों के लिए तैयार किए गए साहित्य और कॅस्सेट टेपों का अच्छा उपयोग किया जा रहा है। जब ये बच्चे पाठशाला में दाख़िल होते हैं, वे जल्द ही एक उत्तम गवाही देना शुरु करते हैं, उदाहरण के तौर पर उस आठ-वर्षीया जापानी लड़की के जैसे, जिसने बयान किया: “गरमी की छुट्टियों के बाद, अपनी शिक्षिका के पास जाकर मैं ने उस से पूछा: ‘क्या छुट्टियों के दौरान आप अपने पिता के क़ब्र पर गयी थीं?’ उसने जवाब दिया: ‘हाँ, मेरे पिता एक बहुत ही स्नेहशील व्यक्ति थे और मैं हर वर्ष उनके क़ब्र पर जाती हूँ।’ मैंने कहा: ‘अगर आप बाइबल का अभ्यास करेंगी और परमेश्वर के शिक्षण को पालन करेंगी, तो आप अपने प्रेममय पिता को एक पार्थिव परादीस में मिल सकेंगी।’ फिर मैं ने उसे माय बुक ऑफ बाइबल स्टोरीज़ दे दी। अब हमारी शिक्षिका हर हफ़्ते दोपहर के भोजन के समय पूरी कक्षा को इस किताब से एक अध्याय पढ़ती हैं।”
१०. यंग पीपल आस्क किताब से कौनसा भला उद्देश्य पूरा हुआ है, और कुछेक उदाहरण क्या हैं?
१० किशोरावस्था के तरुण-तरुणियों ने क्वेस्चनस् यंग पीपल आस्क—आंसर्स् दॅट वर्क नामक पुस्तक का अच्छा उपयोग किया है, दोनों, अपने वैयक्तिक अभ्यास में और अन्य तरुणों को गवाही देने में। माता-पिताओं ने भी इस किताब का मूल्यांकन किया है। स्विट्ज़रलैंड की एक बहन ने सहायक पायनियर बनने के लिए अपना नाम लिखवाया और उसने अपने बच्चे के सहपाठियों के माता-पिता से मिलने का निश्चय किया। इस से अनेक माता-पिताओं के साथ बढ़िया विचार-विमर्श करने का मौक़ा मिल गया, और २० किताबें (अधिकांशतः यंग पीपल आस्क) तथा २७ पत्रिकाएँ उनको दे दी गयीं। जब ट्रिनिडॅड की एक स्कूल-जानेवाली लड़की ने पाठशाला में अपनी शिक्षिका को यह किताब दी, तब उसकी माँ ने इस पर अधिक कार्य किया और शिक्षक-वर्ग के ३६ सदस्यों में उसने २५ कापियाँ वितरित कीं। अगले महीने में भी उसने कार्य किया और उन माता-पिताओं पर ख़ास ध्यान दिया जिन्हें वह व्यक्तिगत रूप से जानती थी, और उसने ९२ अधिक किताबें दे दीं तथा नए गृह बाइबल अभ्यास शुरु किए। कोरिया में एक माध्यमिक पाठशाला की एक शिक्षिका ने ऐसे विषयों पर छोटे भाषण देने में यंग पीपल आस्क किताब का उपयोग किया, जैसे कि “मैं अपने अंक कैसे बढ़िया बना सकता हूँ?” तथा “मैं अपने शिक्षक के साथ अच्छे संबंध कैसे स्थापित कर सकता हूँ?” और फिर उसने किताब पेश की। विद्यार्थियों ने ३९ प्रतियाँ स्वीकार करने के बाद, कुछ माता-पिता शिकायत करने लगे। लेकिन हेडमास्टर-साहब ने एक प्रति की जाँच करके, उसे “उत्तम” घोषित किया, और खुद अपनी बेटी के लिए एक प्रति मँगवायी।
सबसे उत्तम शिक्षण
११, १२. इस वास्तविकता के कुछ सबूत क्या हैं कि वॉच टावर संस्था के प्रकाशन सबसे उत्तम शिक्षण देते हैं?
११ हमारी पत्रिकाओं के शैक्षिक मूल्य की क़दर अनेक लोग करते हैं, उदाहरणतः उस अमरीकी पाठशाला के जैसे, जिसने अपनी कक्षाओं में उपयोग करने के लिए अवेक! पत्रिका के जुलाई २२, १९९० अंक (जिस में क्रॅक की लत पर खुलासा किया गया था) की १,२०० प्रतियाँ मँगवायीं। इसके अतिरिक्त, पाठशाला में यहोवा के गवाहों के बच्चों के अनुकरणीय आचरण से एक उत्तम प्रभाव पड़ता रहता है। थायलैंड की एक कक्षा में, जहाँ बहुत शोरगुल हो रहा था, शिक्षिका ने ११ वर्षीय राचा को कक्षा के सामने बुलाया और यह कहकर उसके आचरण के कारण उसकी प्रशंसा की: “क्यों न तुम सभी इसे एक मिसाल के तौर से लें? वह अपनी पढ़ाई में अध्यवसायी है और शिष्ट है।” फिर उसने यह भी कहा: “ख़ैर, मेरे ख़याल से अपने आचरण को बेहतर बनाने के लिए तुम्हें राचा के जैसे यहोवा का एक गवाह बनना होगा।”—नीतिवचन १:८; २३:२२, २३ से तुलना करें।
१२ डॉमिनिकन् रीपब्लिक् से एक तरुण बहन लिखती है: “जब मैं चार साल की थी, मैं एक धार्मिक पूर्व-प्राथमिक शाला से स्नातक उपाधि प्राप्त करनेवाली थी, जहाँ मैं ने पढ़ना लिखना सीखा था। एक उपहार के तौर से, मैं ने उस नन को, जो मेरी शिक्षिका थी, आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं नामक किताब दी और उस में यह संदेश लिखा: ‘मैं बहुत ही आभारी हूँ कि आप ने मुझे पढ़ना लिखना सिखाया। मेरी इच्छा है कि आप भी मेरे विश्वास को समझें और इस पृथ्वी पर, जब इसे एक परादीस बना दिया जाएगा, सर्वदा जीने की मेरी आशा को अपना लें।’ इस के लिए मुझे पाठशाला से निकाल दिया गया। आठ साल बाद यह शिक्षिका मुझे फिर से मिल गयीं। उसने बताया कि किस तरह, पादरी के अत्याधिक विरोध के बावजूद भी, वह उस किताब को पढ़ सकी थीं। वह अब राजधानी में रहने लगीं, जहाँ वह किसी गवाह के साथ बाइबल का अभ्यास कर सकी थीं। ‘शुद्ध भाषा’ ज़िला सम्मेलन में मेरे साथ उसका भी बपतिस्मा हो रहा था।” जैसे कि भविष्यवाणी की गयी है, बुद्धि “बालकों के मुँह से” भी आ सकती है!—मत्ती २१:१६; भजन ८:१, २.
१३. किस तरह अनेक किशोर-किशोरियाँ सुलैमान की सलाह की ओर प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं, और यह पूरी दुनिया के रिपोर्ट में किस तरह प्रकट है?
१३ सुलैमान ने प्रोत्साहक सलाह दी: “हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, अपने जवान पुरुषत्व के दिनों में मगन रह; अपने मन के बताए हुए रास्तों पर . . . चल।” (सभोपदेशक ११:९, न्यू.व.) यहोवा के गवाहों के इतने सारे बच्चों को इन शब्दों पर अमल करते देखना तथा उन्हें यहोवा के लिए पूरे-समय की सेवा में बितायी ज़िन्दगी के लिए तैयारी करने हेतु अपनी किशोरावस्था का उपयोग करते देखना और पाठशाला से उपाधि प्राप्त करते ही उन्हें इस सबसे शानदार पेशे में प्रवेश करते देखना एक आह्रादक बात है। पायनियरों के वर्ग तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं, और पिछले साल ८,२१,१०८ व्यक्तियों ने रिपोर्ट किया। बेथेल में सेवा करनेवाले ११,०९२ भाई-बहनों के साथ, यह संख्या कुल प्रचारकों के २१ प्रतिशत लोगों को सूचित करती है!
१४. हमारी बहने क्या योगदान दे रही है, और वे कौनसी प्रशंसा के क़ाबिल हैं?
१४ यह दिलचस्पी की बात है कि अनेक देशों में, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरीका में, कुल पायनियर प्रचारकों के क़रीब ७५ प्रतिशत व्यक्ति बहने हैं, जिस से भजन ६८:११ के शब्दों की पुष्टि होती है: “यहोवा स्वयं आज्ञा देता है; शुभ समाचार सुनानेवाली औरतें एक बड़ी सेना हैं।” (न्यू.व.) हमारी बहनों की प्रशंसा की जानी चाहिए कि वे क्षेत्र कार्य का अधिकांश हिस्सा पूरा कर रही हैं। गृह बाइबल अध्ययनों में उनके कुशलतापूर्वक सिखाने से अनेक लोग सच्चाई की ओर लाए गए हैं, और विवाहित बहनें, जो मण्डली की कई ज़िम्मेदारियाँ उठानेवाले अपने पति का वफ़ादारी से समर्थन करती हैं, उनकी भी हार्दिक रूप से प्रशंसा की जानी चाहिए।—नीतिवचन ३१:१०-१२; इफिसियों ५:२१-२५, ३३.
बाइबल अभ्यास फलता-फूलता है
१५. (अ) विश्व भर की रिपोर्ट में सूचिबद्ध किए गए कुछेक देशों ने गृह बाइबल अध्ययन कार्य में किस तरह अत्युत्तम कार्य किया है? (ब) आप कौनसे अनुभव बता सकते हैं, यह दिखाने के लिए कि बाइबल अध्ययन किस हद तक फलवान् हो सकते हैं?
१५ बाइबल अध्ययन कार्य उन्नति कर रहा है, और पूरी दुनिया में हर महीने में औसतन ३६,२४,०९१ जगहों में अध्ययन लिए जा रहे हैं। बाइबल की सच्चाई से लोगों के व्यक्तित्व बदल सकते हैं, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया से आनेवाला यह रिपोर्ट दिखाता है। जनवरी १९८७ के प्रारंभिक हिस्से में, चोरी और जालसाज़ी के लिए २५-महीने की जेल सज़ा काटने के बाद एक आदमी को ऑस्ट्रेलिया से निकालकर न्यू ज़ीलैंड में निर्वासित किया गया। उसे नशीली पदार्थों की लत थी और १७ से अधिक वर्षों तक उसने उनका व्यापार भी किया था। अगले साल उसकी पत्नी यहोवा के गवाहों के साथ बाइबल का अभ्यास करने लगी, और जैसे जैसे उसका ज्ञान बढ़ता गया, वैसे वैसे उसने उसके आचरण में एक उल्लेखनीय परिवर्तन को ग़ौर किया। वह एक बेहतर पत्नी और माँ बन गयीं। उसकी पत्नी के बल देने पर, वह जून १९८९ में एक सर्किट सभा में उपस्थित हुआ। उसने अब एक गृह बाइबल अध्ययन स्वीकार किया, और उसके दिखाव-बनाव तथा जीवन-शैली में बड़े परिवर्तन नज़र आने लगे। परिवार के पूरे सात सदस्य सभाओं में उपस्थित होने लगे। जनवरी १९९० में उसने एक ऐसे व्यक्ति के तौर से बपतिस्मा लिया, जिसने इफिसियों ४:१७-२४ में दी गयी पौलुस की अत्युत्तम सलाह पर अमल किया था।
१६. (अ) १९९० के स्मरण समारोह की रिपोर्टें हर्ष का एक स्रोत किस प्रकार हैं? (ब) कौनसा आग्रह दिखाना आवश्यक है, और मदद करने के लिए हमने कैसा प्रयास करना चाहिए?
१६ मंगलवार, अप्रैल १०, १९९० पर मनाए गए स्मरण समारोह में ९९,५०,०५८ लोगों की रेकार्ड उपस्थिति इस वर्ष की रिपोर्ट का एक उत्कृष्ट वैशिष्ट्य है। २१२ देशों में से ७० से ज़्यादा देशों ने ऐसी उपस्थिति की रिपोर्ट की जो उनके प्रचारकों की शिखर संख्या से तिगुणा ज़्यादा थी! उदाहरण के लिए, पाबंदियों के बावजूद, सात आफ्रीकी देशों ने, जिनके प्रचारकों की सम्मिलित शिखर संख्या ६२,७१२ है, रिपोर्ट किया कि स्मरण समारोह में २,०४,३५६ लोग उपस्थित हुए। कलह-ग्रस्त लाइबीरिया के १,९१४ प्रचारकों ने आनन्द किया जब स्मरण समारोह में ७,८११ लोग उपस्थित हुए। हेटी ने, जिस में प्रचारकों की शिखर संख्या ६,४२७ है, ३६,५५१ लोगों की उपस्थिति रिपोर्ट की। माइक्रोनीशिया के बिखरे हुए द्वीपों पर रहनेवाले ८८६ प्रचारकों ने ३,९५८ की उपस्थिति रिपोर्ट की। स्री लंका के १,२९८ प्रचारकों ने ४,५२१ की रिपोर्ट की, और ज़ाम्बिया में, जिस में ७३,७२९ प्रचारक हैं, ३,२६,९९१ लोग स्मरण समारोह में उपस्थित हुए, जिसका अनुपात इस प्रकार है कि ज़ाम्बिया की जनसंख्या के २५ लोगों के लिए एक गवाह है। सार्वभौम रिपोर्ट फिर से प्रकट करती है कि ऐसे लाखों निष्कपट लोग हैं जो भेड़शाले में एकत्र किए जाने के लिए रुके हुए हैं। लेकिन केवल निष्कपटता ही काफ़ी नहीं है। क्या हम अपने गृह बाइबल अध्ययन कार्य को बढ़ाकर उसकी योग्यता को बेहतर बना सकते हैं, और साथ ही स्मरण समारोह में उपस्थित होनेवालों की अधिक संख्या को दृढ़ विश्वास विकसित करने की मदद कर सकते हैं? हम चाहते हैं कि वे यहोवा की स्तुति करने में हमारे सक्रिय साथी बनें। उनकी जानें बिल्कुल इसी पर र्निभर हैं!—भजन १४८:१२, १३; यूहन्ना १७:३; १ यूहन्ना २:१५-१७.
हर्ष की संपूर्णता
१७. अपने हर्ष को सुरक्षित रखने के हमारे दृढ़निश्चय को सबल करने के लिए किन पहली-सदी के आदर्शों से मदद हो सकती है?
१७ हमारे सम्मुख चाहे जो भी परीक्षाएँ हों, आइए हम अपने हर्ष को सुरक्षित रखने के लिए दृढ़निश्चित रहें। शायद हमें स्तिफनुस के जैसे इतनी कड़ी परीक्षा का सामना नहीं करना पड़े, फिर भी उसके आदर्श से हमारा बल बढ़ सकता है। जब उस पर आरोप लगाया गया, वह अपना हर्षमय धैर्य बनाए रख सका। उसके शत्रुओं ने देखा कि “उसका मुखड़ा स्वर्गदूत का सा” है। उसकी कठिन परीक्षा में परमेश्वर उसका साथ देता रहा। वह निडरता से गवाही देता रहा, चूँकि शहीद की मौत मरने तक वह “पवित्र आत्मा से पूरित” था। अपने प्रचार कार्य में जब पौलुस और बरनबास अन्यजातियों की ओर मुड़ गए, तब ये लोग भी “आनन्दित हुए, और यहोवा के वचन की बड़ाई करने लगे।” उत्पीड़न फिर से शुरु हो गया। लेकिन विश्वास करनेवाले इस से नहीं डरे। “चेले हर्ष से और पवित्र आत्मा से पूरित होते रहे।” (प्रेरितों ६:१५; ७:५५; १३:४८-५२, न्यू.व.) हमारे शत्रु हमारे साथ चाहे जो करें, ज़िन्दगी में हमारी दैनिक परीक्षाएँ चाहे जो हों, हमें अपने पवित्र आत्मा के हर्ष को निरुत्साह होने नहीं देना चाहिए। पौलुस सलाह देता है: “आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो।”—रोमियों १२:१२.
१८. (अ) नयी यरूशलेम क्या है, और परमेश्वर की प्रजा को उसके साथ आनन्दित क्यों होना चाहिए? (ब) “नया आकाश और नयी पृथ्वी” मनुष्यजाति को किस रीति से आशीष देंगे?
१८ वह आशा कितनी बढ़िया है! अपने सभी लोगों को यहोवा कहते हैं: “देखो, मैं नया आकाश और नयी पृथ्वी उत्पन्न करता हूँ; और पहली बातें स्मरण न रहेंगी और सोच विचार में भी न आएँगी। इसलिए जो मैं उत्पन्न करने पर हूँ, उसके कारण तुम हर्षित हो और सदा सर्वदा मगन रहो।” प्रभु मसीह के साथ साथ “नयी यरूशलेम” (जो कि अब परमेश्वर के स्वर्गीय संगठन, “ऊपर की यरूशलेम,” की राजधानी है) और पृथ्वी पर नयी दुनिया का समाज मनुष्यजाति के लिए अत्याधिक हर्ष लाएँगे। (गलतियों ४:२६) मानवी मृतकों का पुनरुत्थान, मानवी पूर्णता में अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए सभी आज्ञाकारी लोगों का उत्थान, और एक परादीस पृथ्वी पर उपयोगी, उमंग भरा अनन्तकालीन जीवन—यह क्या ही शानदार आशा और विजयोल्लास करने का कारण है! चूँकि स्वयं यहोवा ‘यरूशलेम के कारण मगन, और अपनी प्रजा के हेतु हर्षित’ होते हैं, इसलिए उनका भविष्यवक्ता परमेश्वर की प्रजा को एक और आह्वान देता है: “हे यरूशलेम से सब प्रेम रखनेवालो, उसके साथ आनन्द करो, और उसके कारण मगन हो; . . . उसके साथ हर्षित हो।” (यशायाह ६५:१७-१९; ६६:१०; प्रकाशितवाक्य १४:१; २०:१२, १३; २१:२-४) ऐसा हो कि हम हर्ष और पवित्र आत्मा से सदा पूरित रहें, जैसे-जैसे हम प्रेरित पौलुस की इस सलाह का अनुपालन करते रहें: “प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूँ, आनन्दित रहो!”—फिलिप्पियों ४:४.
हमारे हर्ष को संक्षिप्त में बयान करना:
◻ यीशु ने हमारे लिए हर्षमय सहनशीलता का कैसा आदर्श छोड़ा है?
◻ दो समर्पित समूहों के पास हर्ष करने के कौनसे कारण हैं?
◻ आज जवान और बूढ़े, सच्चाई में किस प्रकार उल्लसित हो रहे हैं?
◻ १९९० के रिपोर्ट का पुनःनिरीक्षण करने के बाद, हम क्या पाते हैं—इस प्रार्थना का जवाब किस प्रकार दिया जा रहा है कि “हे यहोवा, बिनती सुन, सफलता दे”?
◻ संपूर्ण हर्ष कब और किस प्रकार हासिल होगा?
[पेज 25 पर तसवीरें]
यहोवा के स्वर्गदूत ने प्रभु मसीह के जन्म की इस प्रकार घोषणा की, कि यह “बड़े आनन्द का सुसमाचार” है