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  • क्या आप जानते थे?
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2015
w15 10/1 पेज 13

क्या आप जानते थे?

पुराने ज़माने में सिलबट्टे कैसे होते थे?

पुराने ज़माने में अनाज पीसने के लिए चक्की या सिलबट्टे का इस्तेमाल किया जाता था। सिलबट्टे से आटा पीसना लगभग सभी घरों में औरतों और घर के नौकरों का रोज़ का काम था। सिलबट्टे की आवाज़ पुराने ज़माने की गलियों में अकसर सुनायी दिया करती थी।—निर्गमन 11:5; यिर्मयाह 25:10.

सिलबट्टे से कुछ पीसते हुए एक आदमी की मूर्ति, जो मिस्र में पायी गयी

मिस्र में पुराने ज़माने के जो चित्र और मूर्तियाँ पायी गयीं हैं, उनसे हम समझ सकते हैं कि सिलबट्टे का कैसे इस्तेमाल किया जाता था। वे जिस सिल का इस्तेमाल करते थे, वह बीच में से थोड़ा दबा हुआ होता था। अनाज पीसने के लिए एक व्यक्‍ति घुटनों के बल बैठकर दोनों हाथों से बट्टा पकड़ता था और उसे सिल पर रखकर आगे-पीछे घिसता था। एक पत्रिका बताती है कि उस ज़माने में बट्टे का वज़न 2 से 4 किलो का होता था। अगर इसका हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता, तो किसी की जान भी जा सकती थी।—न्यायियों 9:50-54.

उस ज़माने में अनाज पीसना एक घराने के लिए इतना ज़रूरी था कि पवित्र शास्त्र में एक कानून दिया गया था कि उधार देनेवाला व्यक्‍ति कर्ज़दार की चक्की गिरवी नहीं रख सकता। वह कानून यह था कि जब कोई किसी को उधार देता है तो वह गिरवी में उसके हाथ की चक्की या चक्की का ऊपरी पाट ज़ब्त न करे, क्योंकि ऐसा करना उसकी रोज़ी-रोटी छीनना है।—व्यवस्थाविवरण 24:6. ▪ (w15-E 07/01)

जब पवित्र शास्त्र में कहा गया है कि एक व्यक्‍ति किसी की “गोद में” है, तो उसका क्या मतलब है?

आखिरी बार जब यीशु ने अपने शिष्यों के साथ खाना खाया, तब यूहन्‍ना यीशु के सीने के सबसे पास बैठा है

पवित्र शास्त्र में बताया है कि यीशु अपने पिता की “गोद में या सीने के पास सबसे करीब” है। (यूहन्‍ना 1:18, फुटनोट) ये शब्द ज़ाहिर करते हैं कि यीशु परमेश्‍वर के बहुत करीब है और उस पर परमेश्‍वर की मंज़ूरी है। दरअसल इन शब्दों को पुराने ज़माने में यहूदियों के एक रिवाज़ को ध्यान में रखकर लिखा गया था, जिसे वे खाना खाते वक्‍त मानते थे।

जब यीशु धरती पर था, तब यहूदी लोग खाने की मेज़ के चारों तरफ बैठकर खाना खाते थे। लोगों का मुँह मेज़ की तरफ होता था और वे अपने बाएँ हाथ की कोहनी से तकिए पर टेक लगाते थे। इस तरह बैठने से उनका दायाँ हाथ खाली रहता था, ताकि वे खा सकें। एक किताब बताती है कि सभी लोग अपनी बायीं तरफ टेक लगाते थे, इसलिए एक आदमी का सिर उसके पीछे बैठे आदमी की छाती के पास होता था और इसलिए पवित्र शास्त्र में कहा गया है कि वह दूसरे व्यक्‍ति की “गोद में या सीने के पास सबसे करीब” बैठता था।

परिवार के मुखिया या मेज़बान के सीने के सबसे पास बैठना एक बहुत बड़े सम्मान की बात समझी जाती थी। इसलिए उस शाम जब यीशु अपने शिष्यों के साथ खाना खा रहा था, तो यूहन्‍ना यीशु के सीने के सबसे पास बैठा, क्योंकि यीशु उससे “प्यार करता था।” और इसी वजह से यूहन्‍ना “यीशु की छाती की तरफ झुककर” उससे सवाल पूछ सका।—यूहन्‍ना 13:23-25; 21:20. ▪ (w15-E 07/01)

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