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“मुझे इसीलिए भेजा गया है”मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
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19, 20. यीशु ने कौन-सी मिसाल देकर समझाया कि प्रचार काम जल्द-से-जल्द किया जाना है?
19 तीसरा तरीका, यीशु ने प्रचार काम को सबसे ज़रूरी समझा। सूखार शहर के बाहर कुँए के पास सामरी स्त्री से हुई यीशु की बातचीत को याद कीजिए। यीशु के प्रेषितों को लगा कि उस समय खुशखबरी सुनाने की कोई खास ज़रूरत नहीं थी, यह काम बाद में भी किया जा सकता था। लेकिन यीशु ने उनसे कहा: “तुम कहते हो न कि फसल की कटाई के लिए अभी चार महीने बाकी हैं? देखो! मैं तुमसे कहता हूँ: अपनी आँखें उठाओ और खेतों पर नज़र डालो कि वे कटाई के लिए पक चुके हैं।”—यूहन्ना 4:35.
20 यीशु ने यह मिसाल उस वक्त के मौसम को ध्यान में रखते हुए दी। यह शायद किस्लेव (नवंबर/दिसंबर) का महीना था। जौ की कटाई निसान 14 को फसह के पर्व के दिन से शुरू होती थी और उसमें अभी चार महीने बाकी थे। इसलिए इस वक्त किसानों को कटाई की कोई हड़बड़ी नहीं थी, बहुत समय बाकी था। लेकिन यहाँ यीशु फसल की नहीं बल्कि लोगों की बात कर रहा था। कई लोग मसीह की बात सुनने, सीखने, उसका चेला बनने और वह शानदार आशा पाने के लिए तैयार थे जो यहोवा ने इंसानों के लिए रखी है। यह ऐसा था मानो यीशु इन लाक्षणिक खेतों को देख सकता था और जानता था कि फसल पक चुकी है और लहलहा रही है, जो इस बात की निशानी थी कि उसकी कटाई का वक्त आ गया है। यही सही वक्त था और यह काम जल्द-से-जल्द किया जाना था! यही वजह थी कि जब एक शहर के लोगों ने यीशु को अपने यहाँ रोकने की कोशिश की, तो उसने उनसे कहा: “मुझे दूसरे शहरों में भी परमेश्वर के राज की खुशखबरी सुनानी है, क्योंकि मुझे इसीलिए भेजा गया है।”—लूका 4:43.
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