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  • मसीह के साथ विश्‍वासघात
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यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
jy अध्या. 124 पेज 284-पेज 285 पैरा. 1
यीशु पतरस को डाँट रहा है, क्योंकि उसने मलखुस का कान काट दिया है। सैनिक यीशु को गिरफ्तार करने के लिए तैयार हैं

अध्याय 124

मसीह के साथ विश्‍वासघात

मत्ती 26:47-56 मरकुस 14:43-52 लूका 22:47-53 यूहन्‍ना 18:2-12

  • यहूदा यीशु के साथ विश्‍वासघात करता है

  • पतरस एक आदमी का कान काट देता है

  • यीशु को गिरफ्तार कर लिया जाता है

रात काफी बीत चुकी है। प्रधान याजकों ने यहूदा से कहा था कि अगर वह यीशु को पकड़वाएगा, तो वे उसे 30 चाँदी के सिक्के देंगे। इसलिए यहूदा प्रधान याजकों और फरीसियों की एक बड़ी भीड़ को लेकर यीशु को ढूँढ़ने निकल पड़ा है। उनके साथ कई रोमी सैनिक और एक सेनापति भी है और वे सब हथियार लिए हुए हैं।

यहूदा को यह भीड़ कहाँ से मिली? जब यीशु ने फसह के खाने के बाद यहूदा को जाने के लिए कहा, तो यहूदा शायद सीधे प्रधान याजकों के पास गया। (यूहन्‍ना 13:27) फिर प्रधान याजकों ने पहरेदारों और सैनिकों की एक टोली इकट्ठी की। यहूदा इन सबको लेकर पहले उस कमरे में गया होगा जहाँ यीशु और उसके प्रेषितों ने फसह मनाया था। जब यीशु वहाँ नहीं मिला, तो उन्होंने किदरोन घाटी पार की और इस बाग की तरफ चल पड़े। इस भीड़ के पास हथियारों के अलावा दीपक और मशालें भी हैं। उन्होंने ठान लिया है कि वे यीशु को ढूँढ़कर ही रहेंगे।

यहूदा इस पूरी टोली को लेकर जैतून पहाड़ चढ़ता है। उसे पक्का मालूम है कि यीशु कहाँ मिलेगा। पिछले हफ्ते तकरीबन हर दिन यीशु और उसके प्रेषित बैतनियाह से यरूशलेम और यरूशलेम से बैतनियाह जाया करते थे और रास्ते में गतसमनी बाग में थोड़ी देर रुककर आराम करते थे। यहूदा जानता है कि यीशु ज़रूर यहीं होगा। लेकिन सैनिक यीशु को पहचानेंगे कैसे? उन्होंने शायद यीशु को पहले कभी नहीं देखा था। ऊपर से यह रात का वक्‍त है और यीशु इस बाग में जैतून के पेड़ों के बीच में कहीं होगा। इसलिए यहूदा उन्हें यीशु को पहचानने की एक निशानी बताता है: “जिसे मैं चूमूँगा, वही है। उसे गिरफ्तार कर लेना और सावधानी से ले जाना।”—मरकुस 14:44.

यहूदा टोली को लेकर बाग के अंदर तक जाता है। जब वह यीशु और प्रेषितों को देखता है, तो वह सीधे यीशु के पास जाकर कहता है, “नमस्कार, रब्बी!” फिर वह यीशु को प्यार से चूमता है। यीशु उससे कहता है, “तू यहाँ किस इरादे से आया है?” (मत्ती 26:49, 50) फिर यीशु खुद अपने सवाल का जवाब देता है, “यहूदा, क्या तू इंसान के बेटे को चूमकर उसे पकड़वा रहा है?” (लूका 22:48) यीशु इस धोखेबाज़ से और कुछ नहीं कहता।

फिर यीशु लोगों की भीड़ से कहता है, “तुम किसे ढूँढ़ रहे हो?” वे कहते हैं, “यीशु नासरी को।” यीशु बिना डरे कहता है, “मैं वही हूँ।” (यूहन्‍ना 18:4, 5) उन्हें समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा है। वे पीछे हट जाते हैं और ज़मीन पर गिर पड़ते हैं।

यीशु चाहता तो मौका देखकर भाग सकता था, क्योंकि रात के अँधेरे में कोई उसे पकड़ नहीं पाता। मगर यीशु ऐसा नहीं करता, बल्कि उनसे फिर से पूछता है कि वे किसे ढूँढ़ रहे हैं। वे कहते हैं, “यीशु नासरी को।” तब वह कहता है, “मैं तुमसे कह चुका हूँ कि मैं वही हूँ। अगर तुम मुझे ढूँढ़ रहे हो, तो इन्हें जाने दो।” इस मुश्‍किल घड़ी में भी यीशु को वह बात याद है जो उसने पहले कही थी कि वह चेलों में से एक को भी नहीं खोना चाहता। (यूहन्‍ना 6:39; 17:12) यीशु ने वाकई अपने सभी वफादार प्रेषितों की हिफाज़त की है। और उसने उनमें से एक को भी नहीं खोया, सिवाय ‘विनाश के बेटे’ यानी यहूदा के। (यूहन्‍ना 18:7-9) अब वह भीड़ से भी यही कहता है कि वे चेलों को जाने दें।

अब सैनिक यीशु की तरफ बढ़ते हैं। प्रेषित समझ जाते हैं कि वे उसे पकड़ लेंगे, इसलिए वे उससे पूछते हैं, “प्रभु, क्या हम उन पर तलवार चलाएँ?” (लूका 22:49) यीशु के कुछ बोलने से पहले पतरस मलखुस नाम के आदमी पर तलवार चला देता है जिससे उसका दायाँ कान कट जाता है। यह आदमी महायाजक का एक दास है।

यीशु मलखुस का कान छूकर उसे ठीक कर देता है। फिर वह पतरस को एक ज़रूरी सीख देता है: “अपनी तलवार म्यान में रख ले, इसलिए कि जो तलवार उठाते हैं वे तलवार से ही नाश किए जाएँगे।” यीशु गिरफ्तार होने के लिए तैयार है। वह कहता है कि अगर वह पकड़ा नहीं जाएगा, तो ‘शास्त्र में लिखी बात कैसे पूरी होगी कि यह सब होना ज़रूरी है?’ (मत्ती 26:52, 54) वह कहता है, “पिता ने जो प्याला मुझे दिया है, क्या वह मुझे नहीं पीना चाहिए?” (यूहन्‍ना 18:11) यीशु परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करना चाहता है, फिर चाहे उसे मरना पड़े।

यीशु भीड़ से पूछता है, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ लेकर मुझे गिरफ्तार करने आए हो, मानो मैं कोई लुटेरा हूँ? मैं हर दिन मंदिर में बैठकर सिखाया करता था, फिर भी तुमने मुझे हिरासत में नहीं लिया। मगर यह सब इसलिए हुआ है ताकि भविष्यवक्‍ताओं ने जो लिखा है वह पूरा हो।”—मत्ती 26:55, 56.

फिर सैनिकों की टोली और सेनापति और यहूदियों के पहरेदार यीशु को पकड़ लेते हैं और उसे बाँध देते हैं। यह देखकर प्रेषित भाग जाते हैं। मगर “एक नौजवान” भीड़ में ही रह जाता है और यीशु के पीछे-पीछे जाने लगता है। (मरकुस 14:51) यह शायद मरकुस नाम का चेला है। लोग उसे पहचान लेते हैं और उसे पकड़ने की कोशिश करते हैं, मगर वह उनसे बचकर भाग जाता है। तब उसका मलमल का कपड़ा छूट जाता है।

  • यहूदा यीशु को ढूँढ़ने गतसमनी बाग क्यों जाता है?

  • यीशु को बचाने के लिए पतरस क्या करता है? यीशु उससे क्या कहता है?

  • किस बात से पता चलता है कि यीशु परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करना चाहता है?

  • जब प्रेषित भाग जाते हैं, तो कौन रह जाता है? इसके बाद क्या होता है?

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