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बड़े-बड़े लोगों के सामने पौलुस की साहसपूर्ण गवाहीप्रहरीदुर्ग—1998 | सितंबर 1
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सबसे पहले पौलुस अग्रिप्पा को अपने उस अतीत के बारे में बताता है जब वह मसीहियों को सताया करता था। “मैं . . . [जबरन] यीशु की निन्दा करवाता था,” उसने कहा। “बाहर के नगरों में भी जाकर उन्हें सताता था।” फिर पौलुस उस असाधारण दर्शन के बारे में बताता है, जिसमें पुनरुत्थित यीशु उससे पूछता है: “तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है।”a—प्रेरितों २६:४-१४.
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बड़े-बड़े लोगों के सामने पौलुस की साहसपूर्ण गवाहीप्रहरीदुर्ग—1998 | सितंबर 1
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a अभिव्यक्ति “पैने पर लात मारना” साँड की उस हरकत का वर्णन करता है जब वह धारदार छड़ पर लात मारता है जिसका इस्तेमाल साँड को हाँकने और उसे रास्ता दिखाने के लिए किया जाता है। उसी तरह मसीहियों को सताने से खुद शाऊल को ही हानि होती क्योंकि वह उन लोगों के विरुद्ध लड़ रहा था जिनके पीछे परमेश्वर का हाथ था।
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