वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • “परमेश्‍वर भेदभाव नहीं करता”
    ‘परमेश्‍वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
    • 1-3. पतरस दर्शन में क्या देखता है? दर्शन का मतलब समझना हमारे लिए क्यों ज़रूरी है?

      ईसवी सन्‌ 36 का साल है। पतझड़ का मौसम है और दोपहर का वक्‍त है। पतरस याफा शहर में एक घर की छत पर प्रार्थना कर रहा है। यह घर समुंदर किनारे है। वह कुछ दिनों से इस घर में मेहमान है। घर का मालिक शमौन, चमड़े का काम करता है। बहुत कम यहूदियों को चमड़े का काम करनेवालों के घर ठहरना गवारा होता।a पतरस का इस घर में रुकना दिखाता है कि उसके दिल में कोई भेदभाव नहीं है। वह जानता है कि परमेश्‍वर यहोवा भेदभाव नहीं करता और उसकी नज़र में हर इंसान बराबर है। फिर भी उसे परमेश्‍वर के इस गुण के बारे में बहुत जल्द एक अहम सीख मिलनेवाली है।

  • “परमेश्‍वर भेदभाव नहीं करता”
    ‘परमेश्‍वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
    • a चमड़े का काम करनेवाले जानवरों की खालों से चमड़ा तैयार करते थे। इसके लिए वे जानवरों की लाशें छूते थे और कुछ घिनौनी चीज़ें भी इस्तेमाल करते थे, जैसे कुत्ते का मल वगैरह। इसलिए कुछ यहूदी उन्हें नीची नज़र से देखते थे। यहूदी नहीं चाहते थे कि चमड़े का काम करनेवाले मंदिर में कदम रखें। यही नहीं, उन्हें शहर की सरहद से कम-से-कम 20 मीटर की दूरी पर अपना व्यापार करना होता था। शायद इसी वजह से शमौन का घर लोगों की बस्ती से दूर “समुंदर के किनारे” था।​—प्रेषि. 10:6.

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें