हमें दूसरों का कर्ज़ चुकाना है
प्रेरित पौलुस को प्रचार करने के अपने फर्ज़ का एहसास था। वह जानता था कि यहोवा ने अपने बेटे के अनमोल लहू के ज़रिए हर तरह के इंसानों को बचाने का रास्ता तैयार किया है। (1 तीमु. 2:3-6) इसलिए पौलुस ने कहा: “मैं यूनानियों और अन्यभाषियों का और बुद्धिमानों और निर्बुद्धियों का कर्जदार हूं।” पौलुस ने पूरी लगन से दिन-रात मेहनत की, ताकि वह दूसरों को सुसमाचार सुनाकर उनके कर्ज़ से मुक्त हो।—रोमि. 1:14, 15.
2 पौलुस की तरह, आज मसीही भी हर मौके पर अपने पड़ोसियों को सुसमाचार सुनाने की कोशिश करते हैं। नेकदिल लोगों को ढूँढ़ निकालने का यह काम जल्द-से-जल्द किया जाना है क्योंकि “भारी क्लेश” तेज़ी से नज़दीक आ रहा है। ऐसा हो कि लोगों के लिए सच्चा प्यार हमें पूरे जोश से प्रचार का यह काम करने का बढ़ावा दे जिससे लोगों की जान बचती है।—मत्ती 24:21; यहे. 33:8.
3 अपना कर्ज़ चुकाना: लोगों तक पहुँचने का हमारा सबसे खास तरीका है, घर-घर का प्रचार। जिन इलाकों में बहुत-से लोग हमें घर पर नहीं मिलते, वहाँ घरों का सही रिकॉर्ड रखने और दूसरे वक्त पर उन घरों में दोबारा जाने से हम और ज़्यादा लोगों से मिल पाएँगे। (1 कुरि. 10:33) हम बिज़नेस इलाके में, सड़क पर, पार्क में, गाड़ी खड़ी करने की जगहों पर और फोन के ज़रिए और भी कई लोगों तक सुसमाचार पहुँचा सकते हैं। हम खुद से यह सवाल पूछ सकते हैं: ‘क्या मैं प्रचार करने का हर तरीका अपनाकर जीवन का संदेश दूसरों तक पहुँचाने की पूरी कोशिश कर रहा हूँ?’—मत्ती 10:11.
4 एक पायनियर बहन को हर घड़ी अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास रहता था कि उसे अपने इलाके के सब लोगों तक सुसमाचार पहुँचाना ज़रूरी है। उसके इलाके में एक घर था जो हमेशा बंद रहता था और उसमें कोई नहीं मिलता था। मगर एक दिन जब यह पायनियर बहन उस घर के सामने से गुज़री, तो उसने देखा कि जिस घर पर हमेशा ताला मिलता था उसके सामने कार खड़ी है। बहन प्रचार नहीं कर रही थी, मगर वह यह मौका गँवाना नहीं चाहती थी। उसने उस घर के दरवाज़े की घंटी बजायी। एक आदमी बाहर आया और उस पहली बातचीत के बाद वह बहन अपने पति के साथ कई बार उस आदमी से वापसी भेंट करने गयी। आखिरकार, उसने बाइबल अध्ययन शुरू किया और आज वह एक बपतिस्मा-शुदा भाई है। वह, उस बहन का एहसान मानता है जिसने दूसरों को प्रचार करने का अपना कर्ज़ चुकाने की ज़रूरत समझी।
5 आज वक्त बहुत तेज़ी से निकलता जा रहा है और अंत बहुत पास आता जा रहा है। इसलिए यही वक्त है जब हमें प्रचार में जी-जान से मेहनत करके दूसरे इंसानों की तरफ अपना कर्ज़ चुकाना है।—2 कुरि. 6:1, 2.