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  • सफल माता-पिता कैसे बन सकेंगे
    प्रहरीदुर्ग—1989 | अगस्त 1
    • तीमुथियुस की माँ और नानी ने यह निश्‍चित किया कि जो विचार उसे बालकपन से प्रभावित कर रहे थे, वे उनके वैयक्‍तिक विचार नहीं, बल्कि वे जानते थे कि उसे उद्धार के लिए बुद्धिमान बनाने वाली शिक्षाएं यहोवा की है। मसीही प्रेरित पौलुस द्वारा तीमुथियुस को लिखी हुई चिट्ठी बताती है: “पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखी हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था? और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्‍वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।”​—२ तीमुथियुस ३:१४, १५.

  • सफल माता-पिता कैसे बन सकेंगे
    प्रहरीदुर्ग—1989 | अगस्त 1
    • निस्सन्देह, तीमुथियुस ने इस पर भी विचार किया कि उसकी माँ और नानी किस प्रकार के व्यक्‍तियाँ थे​—सचमुच आत्मिक व्यक्‍तियाँ। वे स्वार्थी लक्ष्यों के लिए उसे धोखा नहीं देंगे या सच्चाई को विकृत नहीं करेंगे; ना ही वे पाखण्डी थे। इसलिए उसने जो बातें सीखीं, उसके बारे में तीमुथियुस को कोई सन्देह नहीं था। और इस में कोई शक नहीं कि एक सक्रिय मसीही के रूप में उसका प्रौढ़ जीवन उसकी विश्‍वासी माता के हृदय को आनन्दित किया होगा।

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