हम यहोवा को प्रतिदान कैसे देंगे?
जब कोई व्यक्ति, शायद हमारे फ़ायदे के लिए कुछ करके, हम में असली, स्नेहिल दिलचस्पी लेता है तो हम कैसी प्रतिक्रिया दिखाते हैं? दयालुता और उदारता दिखाने पर, आम तौर पर एक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है, है ना? तो फिर, हमें दिखायी उसकी निरन्तर प्रेममय-कृपा के लिए, हमारे परमेश्वर, यहोवा, के प्रति हमारी भावनाएँ कैसी हैं?
प्रतिदिन के व्यस्त जीवन के दबावों की वजह से चूँकि हम हर काम जल्द करने पर मजबूर किए जाते हैं, यहोवा की उपकारिता की पहले से अपेक्षा करना, और कभी-कभी इस तरह भी बरताव करना मानो हम वास्तव में आभारी ही नहीं, कितना आसान है। इसलिए, थोड़े समय के लिए रुककर भजनकार के सवाल पर मनन करने से हम भली-भाँति करेंगे: “यहोवा ने मेरे जितने उपकार किए हैं, उनका बदला मैं उसको क्या दूँ?” (भजन ११६:१२) हम किन-किन तरीक़ों से प्रतिक्रिया दिखाएँगे?
यहोवा के उपकार
यहोवा के उपहार, उनके वचन, बाइबल के बिना हम कितने भटके हुए होते! बीती सदियों के साहसी पुरुष और स्त्रियों ने इस किताब की एक प्रति पास रखने और पढ़ने के लिए अपनी जान को ख़तरे में डाला, और हम यह धीरे-धीरे समझ सके हैं कि ऐसा क्यों था। परमेश्वर के लोग प्रेरित वचन के लिए हमेशा आभारी रहे हैं, यह जानते हुए कि यह “उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म में शिक्षा देने के लिए” कितना लाभदायक है।—२ तीमुथियुस ३:१६, न्यू.व.
बहरहाल, हम जानते हैं कि “हर एक भले काम के लिए लैस होने के लिए” हमें बाइबल के सिर्फ़ दिमाग़ी-ज्ञान से कुछ ज़्यादा ही प्राप्त करने की आवश्यकता है। (२ तीमुथियुस ३:१७, न्यू.व.) परमेश्वर की पवित्र आत्मा की शक्ति से हमें अपने जीवन में लाभ मिलता है और यहोवा के भविष्यद्वक्ता यशायाह के ज़रिए, उनकी आकर्षक अभिव्यक्तियों से इस वास्तविकता की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट किया जाता है: “और अब प्रभु यहोवा ने और उसकी आत्मा ने मुझे भेज दिया है। यहोवा जो तेरा छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है, ‘मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुझे तेरे लाभ के लिए शिक्षा देता हूँ, और जिस मार्ग में तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूँ। भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के नाईं होता।” (यशायाह ४८:१६-१८) अपने वचन के साथ-साथ, अपनी पवित्र आत्मा के द्वारा, यहोवा हमारे लाभ के लिए हमें मार्ग दिखाते हैं और उसका परिणाम, शान्ति और धार्मिकता है।
इसके अतिरिक्त, यहोवा की सक्रिय शक्ति हमारे लाभ के लिए प्रभावशाली रूप से इसलिए कार्य करती है कि एक ढ़ाँचा, एक पार्थिव संगठन खड़ा कर दिया गया है, जिसके ज़रिए पवित्र आत्मा कार्य करती है। १ कुरिन्थियों के अध्याय १२ में, पौलुस मसीही कलीसिया की तुलना एक शरीर से करता है और सातवें आयत में कहता है: “किन्तु सब को लाभ पहँचाने के लिए हर एक को आत्मा का प्रकटीकरण दिया गया है।” (न्यू.व.) वह आगे दिखाता है कि कैसे परमेश्वर के पार्थिव संगठन का भाग होने से हमें लाभ होता है।
इन शब्दों को लिखने के लगभग पाँच वर्ष बाद, उसने इफिसुस की मण्डली को अपना पत्र लिखा जिस में उसने उस पार्थिव प्रबंध से जुड़े रहने के लाभों के विषय पर विस्तार से बताया। हालाँकि जो उसने कहा, वह प्रारंभ में अभिषिक्त मसीहियों पर लागू हुआ, क्या आज “बड़ी भीड़” के सदस्य भी ‘सेवकाई के काम के लिए पुनर्समंजित’ नहीं किए जा रहे हैं? क्या वे ‘आगे को बालक नहीं’ बल्कि आत्मिक रूप से ‘पूर्ण विकसित मनुष्य’ होकर, विश्वास में स्थिर रहकर और ‘प्रेम से सब बातों में उस में, जो सिर है, अर्थात् मसीह में बढ़ते’ नहीं जा रहे हैं? (प्रकाशितवाक्य ७:९; इफिसियों ४:१२-१६, न्यू.व.) हम सभी के पास आभारी होने के लिए अच्छे कारण हैं।
मसीही मण्डली के साथ विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास की पहचान होती है, जिनका काम, हमें आध्यात्मिक रूप से भोजन देना, यहोवा के उपकारों का एक और प्रमाण है। (मत्ती २४:४५, ४६) अब हम स्वामी की मौजूदगी के पूर्वकथित समय में जी रहे हैं। क्या “दास” अपना काम कर रहा है? “अन्तिम दिनों” की निराशा के बावजूद क्या हम आशापूर्ण हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी में एक सार्थक उद्देश्य है? (२ तीमुथियुस ३:१-५; रोमियों ५:५; १ तीमुथियुस ४:१०) जी हाँ! और हमारी आशा केवल संभावनाओं पर नहीं बल्कि विश्वास पर बनी हुई एक दृढ़ धारणा है, जो कि ठोस प्रमाण पर आधारित है।—इब्रानियों ११:१.
तो फिर, प्रकट रूप से, यहोवा, हमारे महान् उपकारक ने हमें इतना कुछ दिया है, जिसके लिए हमें आभारी होना चाहिए। तर्कसंगत रूप से सवाल यह उठता है:
मैं यहोवा को प्रतिदान में क्या दूँगा?
पहले, हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि यहोवा को हमारी किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं। यह वही हैं जो कहते हैं, “चाँदी तो मेरी है, और सोना भी मेरा ही है,” और इसी तरह “हज़ारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं।” (हाग्गै २:८; भजन ५०:१०; अय्यूब ४१:११) इसका अर्थ यह है कि हम किसी भी तरह यहोवा का अनुग्रह “ख़रीद” नहीं सकते; फिर भी हमें उसे स्वेच्छा से भेंट देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। (१ इतिहास २९:१४ से तुलना करें।) लेकिन, हमें यहोवा को दान देने की अनुमति मिलने के लिए कुछ शर्तें हैं।
“मैं क्या लेकर यहोवा के सम्मुख आऊँ? और क्या लेकर ऊपर रहनेवाले परमेश्वर के सामने झुकूँ? क्या मैं होमबलि के लिए एक-एक वर्ष के बछड़े लेकर उसके सम्मुख आऊँ? क्या यहोवा हज़ारों मेढ़ों से, वा तेल की लाखों नदियों से प्रसन्न होगा? क्या मैं अपने अपराध के प्रायश्चित्त में अपने पहिलौठे को वा अपने पाप के बदले में अपने जन्माए हुए किसी को दूँ? हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है। और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ विनम्रता से चले?”—मीका ६:६-८, न्यू.व.
इस से हम यह सीखते हैं कि यहोवा की माँगें हमेशा उचित, हमेशा साध्य हैं। इसके अतिरिक्त, यीशु ने वह पूर्वापेक्षा सूचित की कि यहोवा और अपने संगी मनुष्य, दोनों के साथ हमारा रिश्ता ठीक होना चाहिए ताकि हमारी भेंट स्वीकार की जाएँ। (मत्ती ५:२३, २४) चूँकि सही आधार प्रस्तुत किया गया है, हम अब समझ सकते हैं कि यहोवा को कुछ देने के लिए हम सब के पास कुछ न कुछ है, जिस से हम उसकी उत्तमता की क़दर दिखा सकते हैं।
हमारे पास जो कुछ है, उसका हम उपयोग कैसे कर सकते हैं?
हालाँकि इस के लिए समय, प्रयत्न और कुछ हद तक पैसों की आवश्यकता होती है, फिर भी प्रचार कार्य में यहोवा का प्रतिनिधित्व करना क्या ही खास अनुग्रह है! यह स्तुतिरूपी बलिदान एक ऐसी बात है जो हम सब यहोवा को दे सकते हैं। इसके बारे में एक पायनियर बुज़ुर्ग, जिनके तीन छोटे बच्चे हैं, ऐसा महसूस करते हैं:
“पूरे-समय की सेवा में भाग लेने का खास अनुग्रह किसी भी निजी त्याग—और इससे अधिक—के योग्य है, इसलिए कि यह हमारे स्वर्गीय पिता की प्रशंसा करने का सबसे अधिक प्रभावशाली तरीक़ा है। साथ ही, इस से मैं कुछ हद तक उनकी अनर्जित कृपा के लिए उनका शुक्रिया अदा कर सकता हूँ जो उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से दिखायी है।”
उनकी पत्नी कहती है: “अपने पति को पायनियर सेवा करने में सहायता देना वास्तव में एक खास अनुग्रह है। इससे पूरा परिवार सेवा में अधिकाधिक हिस्सा ले सकता है, और यहोवा के प्रेममय हाथ को हमारे लिए आत्मिक और भौतिक रूप से प्रबंध करते हुए देखना, हम में उनकी स्तुति और भी अधिक करने की चाह पैदा करता है।”
वॉच टावर सोसाइटी ने सौ से अधिक वर्षों से बाइबल और बाइबल साहित्य स्वैच्छिक रूप से बाँटा है और इन्हें १९२० से अपने ही छापाखानों में छापा है। हमारे पास आज जितने प्रकाशन हैं, उन्हें तैयार करने में बेथेल में काम करनेवाले स्वयंसेवकों और साथ ही उन्हें प्रचारित करने के लिए मण्डली के प्रचारकों और पायनियरों का समय और कोशिश, वस्तुतः, अत्यावश्यक प्रचार कार्य में एक अतिरिक्त दान बन गया है।—मत्ती २४:१४.
और, आर्थिक रूप से स्थिर देशों के मसीहियों को यह जानकर खुशी होती है कि अपने देश में वॉच टावर सोसाइटी की शाखा को भेजे गए पैसों के रूप में उनके कृपालु दान से संसार के दूसरे भागों में उनके कई भाई प्रचार कार्य और शिष्य बनाने के कार्य में अपना पूरा समय बिता सकते हैं। इन स्वैच्छिक अभिदानों से वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड् के मिशनरियों, ‘सर्किट’ तथा ज़िला अध्यक्षों, और खास पायनियरों को सेवा करते रहने में सहायता होती है।
शायद आपके लिए बेथेल में या अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक निर्माण कर्मचारी कार्यक्रम के एक सदस्य के तौर से सेवा करना नामुमकिन हो। परन्तु हो सकता है कि आप के पास पैसे हों जिससे उन लोगों की सहायता हो सके जो यह कार्य कर रहे हैं, पर जिनके पास खुद को बरकरार रखने के लिए “अतिरिक्त” पैसें न हों। अतः, एक उपयोगी समकरण हो सकता है, जैसा कि २ कुरिन्थियों ८:१४ में वर्णन किया गया है। ऐसे अभिदानों के साथ आनेवाली चिट्ठियों में एक वयोवृद्ध बहन ने निम्नलिखित चिट्ठी में लिखा:
“मैं उन सभी आशीर्वादों के लिए बहुत आभारी हूँ, जो यहोवा मुझे देते हैं, और मैं निर्माण योजनाओं और संगठन के लिए निरन्तर प्रार्थना करती हूँ।”
एक और बहन ने कहा: “मैं चाहती हूँ कि इस छोटी सी रक़म से कुछ अच्छा धर्मशासित कार्य हो, बजाय इसके कि यह पैसा बैंक में रखा रहे जो कि जल्द ही ख़त्म होनेवाला है!”
एक भाई ने अपने आप को इन शब्दों में व्यक्त किया: “यहोवा का हमें यह सलाह देना कि हम अपनी सम्पत्ति उनकी महिमा के लिए उपयोग करें, शैतान के दुष्ट रीति-व्यवस्था के ‘तीसरे पक्ष,’ लालची व्यापार से हमारे लिए वास्तव में एक सुरक्षा है। मैं इस मौक़े का फ़ायदा उठाना चाहूँगा यह कहने के लिए कि मैं कितना खुश हूँ कि जो वृद्धि यहोवा दे रहे हैं, उसकी तेज़ी को बढ़ाने में कुछ दान मेरा भी है, और मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मेरा इस्तेमाल किया जाना संभव बनाया।”
बूढ़ों और जवानों से उपहार
उन बुज़ुर्गों के विश्वासी दृढ़निश्चय के बारे में पढ़ना प्रोत्साहक है, जो हालाँकि इस रीति-व्यवस्था के अन्त तक बचने की आशा रखते हैं, फिर भी एक उचित वसीयत बनाकर यह निश्चित करते हैं, कि अगर उनकी मृत्यु हो जाए, तो राज्य के कार्य को फ़ायदा हो। ऐसे वसीयतकर्ताओं की उत्तम मनोवृत्ति के विषय में टिप्पणी करनेवाले निष्पादकों से प्राप्त कुछेक अभिव्यक्तियों में ये शामिल हैं:
“हर एक के प्रति बहुत ही दयालु व्यक्ति, उसने अपनी सारी ज़िन्दगी . . . यहोवा और उनकी सृष्टि से प्रेम रखा।”
“राज्य के हित हमेशा ही उसकी पहली चिन्ता थी।”
“उसने ७० वर्ष की विश्वसनीय सेवा के बाद अपना स्वर्गीय इनाम हासिल किया . . . वह हमेशा अपनी संपत्ति का उपयोग करके सच्चाई को आगे बढ़ाना चाहता था।”
जवानों से पत्र मिलने से भी हम आनन्दित होते हैं, जो यहोवा के काम के लिए अपनी भौतिक वस्तुएँ इस्तेमाल करने के लिए दृढ़संकल्प हैं। ब्रिटेन में सोसाइटी के कार्यालय में प्राप्त एक चिट्ठी एक पाठशाला जानेवाली प्रचारक से थी। उसने बताया कि एक निबन्ध प्रतियोगिता में उसने प्रथम पुरस्कार जीता था। उसने इनाम की सारी रक़म साथ भेज दी थी। “मसीही वचनबद्धता” के विषय पर अपने निबन्ध के लिए चूँकि सोसाइटी के प्रकाशन ही एकमात्र विषय-सूत्र था, इसलिए उसे लगा कि वह रक़म सही-सही यहोवा की ही थी।
यह पूछने के बाद कि वह यहोवा को क्या प्रतिदान देगा, भजन ११६ का लेखक आगे आयत १३ और १४ में यह कहता है: “मैं उद्धार का कटोरा उठाकर, यहोवा से प्रार्थना करूँगा, मैं यहोवा के लिए अपनी मन्नतें सभों की दृष्टि में प्रगट रूप से उसकी सारी प्रजा के सामने पूरी करूँगा।” यहोवा के पुत्र के ज़रिए प्राप्त उद्धार के मूल्यवान उपहार की क़दर करते हुए, भजनकार की तरह, हम भी उनसे प्रार्थना करने और उनसे अपने वादे पूरा करने के लिए प्रेरित होते हैं।
यहोवा ने हम पर इतने उपकार किए हैं, और प्रत्यर्पण में हम जो कुछ भी करें, उसकी तुलना में वह कम ही है। तो फिर, कितना उचित है कि कृतज्ञता की एक अभिव्यक्ति के तौर से, हम हर तरीक़े से, जो कुछ कर सकते हैं, करें! “मैं तुझ को धन्यवादबलि चढ़ाऊँगा, और यहोवा से प्रार्थना करूँगा।”—भजन ११६:१७.
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कुछ लोग राज्य कार्य के लिए कैसे दान करते हैं
▫ उपहार: पैसों के रूप में दिए गए स्वैच्छिक दान सीधे वॉच टावर बाइबल ॲन्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ पेनसिल्वेनिया, २५ कोलंबिया हाइट्स, ब्रुक्लिन, न्यू यॉर्क ११२०१, या संस्था की स्थानीय शाखा कार्यालय में भेजे जा सकते हैं। संपत्ति, जैसा कि ज़मीन-जायदाद, गहने या अन्य कीमती चीज़ों को भी दान में दिया जा सकता है। इन अभिदानों के साथ एक संक्षिप्त पत्र में यह बता देना चाहिए कि यह पूर्ण रूप से दिया हुआ अभिदान है।
▫ शर्तबन्द-दान प्रबंध: वॉच टावर सोसाइटी को पैसे ट्रस्ट में रखे जाने के लिए दिया जा सकता है, इस शर्त पर, कि निजी आवश्यकता पड़ने पर इसे दानकर्ता को लौटा दिया जाएगा।
▫ बीमा: जीवन बीमा पॉलिसियों या रिटायरमेंट/पेंशन योजना में वॉच टावर सोसाइटी का नाम लाभग्राही के रूप में दिया जा सकता है। सोसाइटी को ऐसे प्रबंधों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।
▫ ट्रस्टें: बैंक के जमा खातों को सोसाइटी के लिए ट्रस्ट में रखे जा सकते हैं। अगर ऐसा किया जाए, तो कृपया संस्था को सूचित करें। शेयर, ऋणपत्र और जायदाद भी एक ऐसे प्रबंध के अंतर्गत दान किया जा सकता है, कि दानकर्ता अपने जीवनकाल में उस से लाभ उठाए। इस पद्धति से वसीयत प्रमाणपत्र का ख़र्च और अनिश्चय दूर किया जा सकता है, जबकि यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि मृत्यु होने पर संपत्ति सोसाइटी को मिलेगी।
▫ वसीयतें: एक क़ानूनी रूप से बनाए गए वसीयतनामे के द्वारा संपत्ति या पैसा वॉच टावर सोसाइटी को उत्तरदान में दी जा सकती है। वसीयतनामे की एक प्रतिलिपि संस्था को भेजनी चाहिए।
इन मामलों के बारे में अधिक जानकारी और सलाह के लिए, The Treasurer’s Office, Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania, 25, Columbia Heights, Brooklyn, New York 11201 को या संस्थे के स्थानीय शाखा कार्यालय को लिखें।