वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • क्या आप में सेवा करने की योग्यता है?
    प्रहरीदुर्ग—1991 | मई 1
    • १६. (अ) आदतों में संतुलित होने के लिए क्या ज़रूरी है? (ब) एक प्राचीन आत्म-संयम कैसे बनाए रख सकता है?

      १६ स्वभाव में संतुलित; संयमी। (१ तीमुथियुस ३:२; तीतुस १:८) प्राचीन को बुरी आदतों का दास नहीं, बल्कि संतुलित होना चाहिए। परीक्षाओं का सामना करते वक़्त, अगर वह इस भजनकार के समान प्रार्थना करता है, संतुलन बनाए रखने के लिए परमेश्‍वर उसकी मदद करेंगे: “मेरे हृदय का क्लेश बढ़ गया है, तू मुझ को मेरे दुःखों से छुड़ा ले।” (भजन २५:१७) एक अध्यक्ष को परमेश्‍वर की आत्मा के लिए भी प्रार्थना करनी चाहिए और उसके फल प्रदर्शित करने चाहिए, जिस में आत्म-संयम शामिल है। (लूका ११:१३; गलतियों ५:२२, २३) अपने विचारों, बात-चीत और कार्यों पर नियंत्रण रखना एक प्राचीन को मण्डली के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते वक़्त ज़्यादती करने से बचे रख सकता है।

  • क्या आप में सेवा करने की योग्यता है?
    प्रहरीदुर्ग—1991 | मई 1
    • १९. सत्कारशील होने के कारण एक प्राचीन क्या करता है?

      १९ सत्कारशील। (१ तीमुथियुस ३:२; तीतुस १:८, न्यू.व.) एक प्राचीन ‘पहुनाई करने में लगे रहता’ है। (रोमियों १२:१३; इब्रानियों १३:२) ‘सत्कारशील’ के लिए उपयोग किए गए यूनानी शब्द का अर्थ अक्षरशः “अजनबियों से प्रेम रखना” है। इस तरह, वह सत्कारशील प्राचीन मसीही सभाओं में नए व्यक्‍तियों का स्वागत करता है, और ग़रीबों में वह उतनी ही रुचि दिखाता है जितना कि वह भौतिक रीति से अमीर लोगों में प्रकट करता है। मसीहियत के हित में यात्रा करनेवालों की ओर वह सत्कारशील है और उन्हें उस प्रकार विदा करता है, “जिस प्रकार परमेश्‍वर के लोगों के लिए उचित है।” (३ यूहन्‍ना ५-८) सचमुच, एक प्राचीन विशेषकर अपने सह-विश्‍वासियों की ओर, उनकी ज़रूरतों के अनुसार और जैसे उसकी परिस्थितियाँ अनुमति देती हैं, वैसे सत्कारशीलता प्रकट करता है।—याकूब २:१४-१७.

  • क्या आप में सेवा करने की योग्यता है?
    प्रहरीदुर्ग—1991 | मई 1
    • २३. (अ) “भलाई से प्रेम करनेवाले” की आप क्या परिभाषा देंगे? (ब) धर्मी होने का क्या अर्थ है?

      २३ भलाई से प्रेम करनेवाला; धर्मी। (तीतुस १:८, न्यू.व.) प्राचीन के रूप में योग्य बनने के लिए, एक पुरुष को भलाई से प्रेम करना और धर्मी होना चाहिए। भलाई से प्रेम करनेवाला यहोवा की दृष्टि में जो भला है उससे प्रेम करता है, दयामय और सहायक कार्य करता है, और दूसरों की भलाई की क़दर करता है। (लूका ६:३५; प्रेरितों ९:३६, ३९ से तुलना करें; १ तीमुथियुस ५:९, १०) धर्मी होने का अर्थ है, परमेश्‍वर के नियमों और स्तरों के अनुरूप होना। अन्य बातों के अलावा, ऐसा पुरुष निष्पक्ष है और अपने मन में धर्मी, पवित्र और सद्‌गुणी बातों को रखता है। (लूका १:६; फिलिप्पियों ४:८, ९; याकूब २:१-९) चूँकि भलाई धार्मिकता से इस संबंध में भिन्‍न है कि यह न्याय की माँग के परे है, भलाई का एक प्रेमी दूसरों के लिए आवश्‍यकता से अधिक भलाई करता है।—मत्ती २०:४, १३-१५; रोमियों ५:७.

      २४. वफ़ादार होने में क्या ज़रूरी है?

      २४ वफ़ादार। (तीतुस १:८, न्यू.व.) जो पुरुष प्राचीन बनने के योग्य है, वह परमेश्‍वर की ओर अपनी अटूट भक्‍ति बनाए रखता और ईश्‍वरीय नियम के अधीन रहता है, चाहे उसकी ख़राई की परीक्षा किसी भी तरह क्यों न हो। वह वही करता है जिसकी उससे यहोवा अपेक्षा रखते हैं, और इस में एक वफ़ादार राज्य उद्‌घोषक के रूप में कार्य करना शामिल है।—मत्ती २४:१४; लूका १:७४, ७५; प्रेरितों ५:२९; १ थिस्सलुनीकियों २:१०.

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें