बाइबल का दृष्टिकोण
प्रतिनियुक्त मातृत्व—क्या यह मसीहियों के लिए है?
प्राचीन रोमी कवि हॉरस, प्रतिनियुक्त मातृत्व के बारे में कुछ नहीं जानता था जब उसने लिखा: “यदि एक व्यक्ति प्रशंसनीय है तो इस बात का कोई महत्त्व नहीं कि उसने किस माता-पिता से जन्म लिया है।” सतरहवीं-शताब्दी के फ्रांसीसी लेखक की सूक्ति, “यदि सद्गुण नहीं तो जन्म व्यर्थ है,” भी प्रतिनियुक्त जन्म की धारणा के एक क़ानूनी दलदल बनने से बहुत पहले कलमबंद की गई थी। लेकिन, जैसा कि मेरी टॉम ने मिस (Ms.) पत्रिका में रिपोर्ट किया, नई प्रजनक टैक्नोलॉजी के साथ, “डिम्ब की उत्पादिका, भ्रूण से बच्चा बनने के ऊष्मायित्र (इन्क्यूबेटर), और बच्चे के जन्म के बाद उसकी देखभाल करनेवाली के कार्यों को” दो या तीन “माताओं” में विभाजित किया जा सकता है। “सद्गुण” और “महत्त्व” का प्रश्न अस्पष्ट और जटिल हो गया है।
प्रतिनियुक्त माताओं का प्रयोग करने का रिवाज़ १९७० के मध्य-दशक के दौरान संसार के परदे पर उभरा, जिससे ऐसी सामाजिक, नैतिक, और क़ानूनी समस्याएँ खड़ी हो गईं जिनका सामना पहले कभी नहीं किया गया था। प्रजनन के इस अपारंपरिक तरीक़े का लाभ उठाने के लिए कुछ अनुर्वर दंपति उत्सुक थे। दूसरी ओर, डॉक्टरों, वकीलों, और विधायकों ने प्रजनन-क्षमता की बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ-साथ चलने का संघर्ष किया है। उन्होंने नीतिशास्त्रीय और नैतिक प्रश्नों को सम्बोधित करने के लिए मुख्य बातों को निर्धारित करने की कोशिश की है।
प्रतिनियुक्त मातृत्व क्या है?
प्रतिनियुक्त, या किराये पर मातृत्व का अर्थ है एक स्त्री का कृत्रिम रूप से गर्भाधान कराने के द्वारा दूसरी स्त्री के लिए बच्चा उत्पन्न कराना। तथाकथित पारंपरिक प्रतिनियुक्ति तब होती है जब प्रतिनियुक्त माता को उस दंपति के पति के शुक्राणु के साथ कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा गर्भधारण कराया जाता है जिन्होंने उसे किराये पर लिया है। इस प्रकार प्रतिनियुक्त माता बच्चे की जननिक माता होती है। गर्भावधि प्रतिनियुक्ति का अर्थ है कि पत्नी का डिम्ब और पति का शुक्राणु कोख के बाहर एक प्रक्रिया में मिलते हैं जिसे परखनली (इन-वाइट्रो) निषेचन कहा जाता है, और इससे परिणित भ्रूण को प्रतिनियुक्त माता के गर्भाशय में गर्भावधि के लिए डाल दिया जाता है।
प्रतिनियुक्त मातृत्व में वृद्धि क्यों? एक कारण है कि, उच्च-तकनीकी विज्ञान ने स्त्रियों को बच्चे पैदा करने में मदद देने के लिए अनेक तरीक़े खोज निकाले हैं। दंपतियों को एक बच्चे की तीव्र इच्छा हो सकती है, फिर भी अनुर्वरता, असुविधा, या गोद लेने के लिए बहुत कम स्वस्थ बच्चे होने के कारण, उन्हें एक बच्चा नहीं मिल सकता। इसलिए एक बच्चा पाने के लिए वे एक दूसरे व्यक्ति का शरीर किराए पर लेते हैं। क्योंकि इसमें बहुत पैसा लगता है, प्रतिनियुक्ति का वर्णन निंदात्मक शब्दों में किया गया है, जैसे कि “अनैच्छिक ग्प्तालामी और दासता” और “ग़रीब की प्रजनन-क्षमता की खान खाली करना।”
अमरीका में, न्यू जरसी सर्वोच्च न्यायालय ने अमीरों द्वारा ग़रीबों के शोषण की सम्भावना को स्वीकार किया और प्रतिनियुक्ति के एक मामले में कहा: “संक्षिप्त में, इसके बजाय कि धन जो कुछ ख़रीद सकता है उसे वह ख़रीदने की अनुमति दी जाए, चाहे वह श्रम, प्रेम, या जीवन ही क्यों न हो, समाज कुछ मान्यताओं को ज़्यादा महत्त्वपूर्ण समझता है।” फ्राँस के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रतिनियुक्त मातृत्व स्त्री के शरीर का दुष्प्रयोग है और कि “मानव शरीर को उधार पर, या किराए पर नहीं दिया जाना चाहिए, और न ही बेचा जाना चाहिए।”
प्रतिनियुक्ति के साथ समस्याएँ
प्रतिनियुक्ति के साथ बहुत-सी समस्याएँ आती हैं। एक है अप्रिय क़ानूनी लड़ाइयों की सम्भावना, यदि बच्चे को जन्म देनेवाली स्त्री उसे रखना चाहती है। वह बच्चा किसका है, उस स्त्री का जो जन्म देती है या उस स्त्री का जो डिम्ब प्रदान करती है? सो बच्चे का जन्म, जो सामान्यतः ख़ुशी का समय होता है, कभी-कभी क़ानूनी लड़ाइयों का कारण बन जाता है। एक और समस्या: कुछ स्त्रियाँ जो प्रतिनियुक्त माताएँ बनने के लिए राज़ी हो जाती हैं, किराये के बच्चे के विकास और जन्म के साथ-साथ अपनी भावनाओं को बदलता हुआ पाती हैं। कुछ महीने पहले तय की गई बात को स्वीकार करना ज़्यादा मुश्किल होता जाता है। माँ और उसके अन्दर बच्चे के बीच एक शक्तिशाली बंधक रिश्ता बन रहा है। एक प्रतिनियुक्त माता, जिसे इस बंधन का पूर्वाभास नहीं था, बच्चे को सौंपने के बारे में अपनी भावनाओं को स्पष्ट करती है: “यह ऐसा था मानो कोई मर गया हो। मेरा शरीर मेरी बच्ची के लिए रो रहा था।”
और, ऐसे जन्म का प्रतिनियुक्त माता के दूसरे बच्चों पर, उस परिवार पर जो बच्चे को स्वीकार करता है, और स्वयं उस बच्चे पर कौन-से दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकते हैं? या तब क्या होगा यदि प्रतिनियुक्त माता द्वारा उत्पन्न बच्चे में जन्म से ही नुक्स हो? क्या पिता बच्चे को लेने के लिए बाध्य है? यदि नहीं, तो बच्चे के भरण-पोषण का खर्च कौन उठाता है? और एक इनसे भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण प्रश्न, प्रतिनियुक्त मातृत्व के विषय में परमेश्वर का क्या दृष्टिकोण है?
क्या प्रतिनियुक्त मातृत्व विवाह के लिए आदर दिखाता है?
परमेश्वर का वचन हमें बताता है कि वह विवाह को पवित्र समझता है। उदाहरण के लिए, इब्रानियों १३:४ कहता है: “विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और [विवाह का, NW] बिछौना निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।”a परमेश्वर सभी मसीहियों से अपेक्षा करता है कि विवाह को आदर की बात समझें और उसको वैसा ही बनाए रखें। विवाह को क्या कलंकित करता है? व्यभिचार, जो विवाह से पहले ही उसका निरादर कर सकता है, और परस्त्रीगमन, जो विवाह के बाद उसका निरादर करता है।
क्या प्रतिनियुक्त मातृत्व विवाह के लिए आदर दिखाता है और विवाह का बिछौना निष्कलंक रखता है? सरल शब्दों में कहें तो, नहीं। पारंपरिक प्रतिनियुक्ति में स्त्री के गर्भाधान के लिए दिए गए शुक्राणु की ज़रूरत होती है। बाइबल का दृष्टिकोण लैव्यव्यवस्था १८:२० (NW), में पाया जा सकता है, जो कहता है: “तू अपने भाईबन्धु की स्त्री को अपना स्राव शुक्र के रूप में देकर अशुद्ध न हो जाना।” मैथुन द्वारा गर्भाधान और दिए गए शुक्राणु को कृत्रिम रूप से गर्भाशय में डालने के द्वारा गर्भाधान के बीच भेद करने का कोई बाइबलीय आधार नहीं है। इसलिए, दोनों ही मामलों में, व्यभिचार या परस्त्रीगमन किया गया है जब स्त्री के क़ानूनी पति को छोड़ और किसी नर द्वारा गर्भाधान होता है।
गर्भावधि प्रतिनियुक्ति के विषय में क्या? यह भी विवाह के बिछौने को कलंकित करती है। यह सच है कि, निषेचित डिम्ब पति और उसकी पत्नी के मिलन का परिणाम होगा, लेकिन उसके बाद इसे दूसरी स्त्री की कोख में डाला जाता है और, वास्तव में उसे गर्भवती बनाता है। यह गर्भ प्रतिनियुक्त स्त्री और स्वयं उसके पति के बीच लैंगिक सम्बन्धों का परिणाम नहीं है। अतः, अब उसके जननांग उसके अपने पति को छोड़ किसी दूसरे द्वारा प्रयोग किए जा रहे हैं। यह बाइबल के नैतिक सिद्धान्तों के अनुरूप नहीं है कि एक स्त्री स्वयं अपने पति को छोड़ किसी दूसरे के लिए बच्चा पैदा करे। (व्यवस्थाविवरण २३:२ से तुलना कीजिए.) प्रतिनियुक्त स्त्री के पति को छोड़ किसी और पुरुष के लिए उसके जननांग का प्रयोग करना उचित नहीं होगा। यह विवाह के बिछौने का अनुचित प्रयोग है। अतः, प्रतिनियुक्त मातृत्व मसीहियों के लिए नहीं है।
[फुटनोट]
a संदर्भ कार्य न्यू टेस्टामेंट वर्ड स्टडीज़ (New Testament Word Studies) दिखाता है कि इब्रानियों १३:४ में ‘[विवाह के, NW] बिछौने’ का अर्थ है कि न सिर्फ़ विवाह की स्थिति को, बल्कि विवाह के प्रयोग को भी निष्कलंक रखना चाहिए।
[पेज 27 पर चित्र का श्रेय]
Pastel by Mary Cassatt, The Metropolitan Museum of Art, Gift of Mrs. Ralph J. Hines, 1960. (60.181)