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  • पाठकों के प्रश्‍न
    प्रहरीदुर्ग—2001 | अक्टूबर 1
    • प्रेरित पौलुस ने पहली सदी के इब्रानी मसीहियों को लिखा: ‘जान लो कि परमेश्‍वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। क्योंकि जिस ने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, वह भी परमेश्‍वर की नाईं अपने कामों को पूरा करके विश्राम किया है [“अपने कार्यों से विश्राम कर चुका,” NHT]। सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें।’—इब्रानियों 4:9-11.

  • पाठकों के प्रश्‍न
    प्रहरीदुर्ग—2001 | अक्टूबर 1
    • इब्रानियों की किताब में पौलुस की कही बात पर एक बार फिर से गौर करें। उसने कहा “कि परमेश्‍वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है,” और उसने अपने संगी मसीहियों को उकसाया कि वे “उस विश्राम में प्रवेश करने” की पूरी-पूरी कोशिश करें। तो इससे पता चलता है कि जब पौलुस ने ये शब्द लिखे तब परमेश्‍वर के विश्राम का ‘सातवाँ दिन’ चल रहा था, जिसकी शुरूआत करीब 4,000 साल पहले हुई थी। यह विश्राम आज भी जारी है और तभी खत्म होगा जब ‘सब्त के दिन के प्रभु,’ यीशु मसीह के हज़ार साल का राज्य खत्म होगा और मानवजाति और पृथ्वी के लिए परमेश्‍वर का मकसद पूरा होगा।—मत्ती 12:8; प्रकाशितवाक्य 20:1-6; 21:1-4.

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