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  • क्या ईश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनता है?

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  • क्या ईश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनता है?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2021
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2021
wp21 अंक 1 पेज 5-7
एक लड़की मुस्कुरा रही है।

“परमेश्‍वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।”​—याकूब 4:8

क्या ईश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुनता है?

क्या आपने कभी सोचा है कि ईश्‍वर हमारी सुनता भी है या नहीं? कई लोगों के मन में यही सवाल आता है, खास तौर से तब जब ईश्‍वर से बार-बार बिनती करने के बाद भी उनकी समस्याओं का हल नहीं निकलता। क्या इसका मतलब है कि ईश्‍वर हमारी प्रार्थनाओं को अनसुना कर देता है? नहीं, ऐसा नहीं है। पवित्र शास्त्र में लिखा है कि जब हम सही तरह से प्रार्थना करते हैं, तो ईश्‍वर हमारी ज़रूर सुनता है। आइए देखें कि हम क्यों इस बात पर यकीन कर सकते हैं।

ईश्‍वर हमारी सुनता है।

“हे प्रार्थना के सुननेवाले, सब किस्म के लोग तेरे पास आएँगे।”​—भजन 65:2.

कुछ लोगों को लगता है कि उनकी प्रार्थना सुननेवाला कोई नहीं। इसके बावजूद वे प्रार्थना करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें मन की शांति मिलती है। लेकिन प्रार्थना सिर्फ दिल हलका करने का ज़रिया नहीं है। शास्त्र में लिखा है, ‘यहोवाa उन सबके करीब रहता है जो सच्चे दिल से उसे पुकारते हैं। वह उनकी मदद की पुकार सुनता है।’​—भजन 145:18, 19.

हम पक्का यकीन रख सकते हैं कि जो यहोवा परमेश्‍वर को सच्चे मन से पुकारते हैं, वह उनकी ज़रूर सुनता है। वह कहता है, “तुम मुझे पुकारोगे, मेरे पास आकर मुझसे प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूँगा।”​—यिर्मयाह 29:12.

ईश्‍वर चाहता है कि हम उससे प्रार्थना करें।

एक बच्ची खिलौनों से खेल रही है और उसका पिता उसके पास बैठा है।

“प्रार्थना में लगे रहो।”​—रोमियों 12:12.

शास्त्र में लिखा है, “लगातार प्रार्थना करते रहो।” इसमें यह भी लिखा है, “हर मौके पर प्रार्थना करते रहो।” इससे साफ पता चलता है कि परमेश्‍वर यहोवा चाहता है कि हम उससे बात करें।​—1 थिस्सलुनीकियों 5:17; इफिसियों 6:18.

ईश्‍वर क्यों चाहता है कि हम उससे बात करें? ज़रा एक उदाहरण पर ध्यान दीजिए। एक बच्चा अपने पापा के पास दौड़कर आता है और उनसे कहता है, “पापा, पापा, मेरी मदद कर दो न प्लीज़!” पिता जानता है कि बच्चे को क्या चाहिए, फिर भी बच्चे के मुँह से ये शब्द सुनकर उसे बहुत खुशी होती है। वह देख सकता है कि बच्चा उससे बहुत प्यार करता है और उसे भरोसा है कि पापा उसकी मदद करेंगे, तभी तो वह उनके पास दौड़कर आया है। वैसे ही जब हम परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना करते हैं, तो उसे बहुत खुशी होती है। वह देख सकता है कि हम उससे प्यार करते हैं और हमें उस पर भरोसा है, इसीलिए हम उससे मदद माँग रहे हैं।​—नीतिवचन 15:8; याकूब 4:8.

ईश्‍वर को आपकी बहुत परवाह है।

एक बिज़नेसमैन सीढ़ियों पर बैठा है और परेशान-सा लग रहा है। बगल में एक बक्सा है जिसमें उसकी कुछ चीज़ें रखी हैं जिन्हें वह ऑफिस में इस्तेमाल करता था।

“अपनी सारी चिंताओं का बोझ उसी पर डाल दो क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।”​—1 पतरस 5:7.

ईश्‍वर हमसे बहुत प्यार करता है और हमारी परवाह करता है। वह अच्छी तरह जानता है कि हम पर क्या बीत रही है और वह हमारी मदद करना चाहता है। इसलिए वह चाहता है कि हम अपने दिल की हर बात उसे बताएँ।

बीते ज़माने में ईश्‍वर का एक भक्‍त था, जो हमेशा उसे पुकारता था और उसे अपने दिल का हाल बताता था। उस भक्‍त का नाम था दाविद। (भजन 23:1-6) ईश्‍वर दाविद से बहुत प्यार करता था और उसने हमेशा उसकी बिनतियाँ सुनीं। (प्रेषितों 13:22) ईश्‍वर को हमारी भी बहुत परवाह है और वह हमारी सुनने के लिए बेताब रहता है।

“मैं यहोवा से प्यार करता हूँ क्योंकि वह मेरी आवाज़ सुनता है”

कई साल पहले ईश्‍वर के एक भक्‍त ने अपनी कविता में ये शब्द कहे थे। वह ईश्‍वर को अपना दोस्त मानता था और उसे पूरा यकीन था कि वह उसकी सुनता है। इस बात से उसे मुश्‍किलों का सामना करने की हिम्मत मिली।​—भजन 116:1-9.

जब हमें इस बात का पक्का यकीन होता है कि ईश्‍वर हमारी सुनता है, तो हम उससे बात करने से पीछे नहीं हटते। ज़रा पेद्रो नाम के एक आदमी पर ध्यान दीजिए, जो उत्तरी स्पेन में रहता है। एक सड़क दुर्घटना में उसके 19 साल के बेटे की मौत हो गयी थी। जब यह हादसा हुआ, तो पेद्रो पूरी तरह टूट गया। उसने परमेश्‍वर से दिल खोलकर और बार-बार प्रार्थना की। वह कहता है, “परमेश्‍वर यहोवा ने इस बुरे वक्‍त में मेरे दोस्तों के ज़रिए मुझे और मेरी पत्नी को सहारा दिया।”

एक आदमी किसी अपने को खोने की वजह से बहुत दुखी है। उसके हाथ में एक फोटो है और उसके दोस्त उसे तसल्ली दे रहे हैं।

कई बार ईश्‍वर हमें दोस्तों के ज़रिए तसल्ली देता है

हालाँकि प्रार्थना करने से उनका बेटा वापस नहीं आ गया, लेकिन इससे पेद्रो और उसके परिवार को बहुत हिम्मत मिली। उसकी पत्नी मारिया कारमेन कहती है, “प्रार्थना करने से मैं अपना गम सह पायी। मैं जानती थी कि परमेश्‍वर अच्छी तरह समझता है कि मुझ पर क्या बीत रही है, क्योंकि जब मैं परमेश्‍वर यहोवा से प्रार्थना करती थी तो मेरा दिल हलका हो जाता था और मुझे मन की शांति मिलती थी।”

इन उदाहरणों से पता चलता है कि ईश्‍वर सच में लोगों की प्रार्थनाएँ सुनता है। लेकिन यह भी सच है कि ईश्‍वर सभी प्रार्थनाएँ नहीं सुनता। इसकी वजह क्या है कि ईश्‍वर कुछ प्रार्थनाएँ सुनता है और कुछ नहीं? 

a परमेश्‍वर का नाम यहोवा है।​—भजन 83:18.

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