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झूठे उपदेशकों से सावधान!प्रहरीदुर्ग—1997 | सितंबर 1
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३. बीते समय में क्या हुआ था जो पतरस बताता है कि फिर होगा?
३ अपने भाइयों से भविष्यवाणी की ओर ध्यान देने का आग्रह करने के बाद पतरस कहता है: “जिस प्रकार उन लोगों में [प्राचीन इस्राएल में] झूठे भविष्यद्वक्ता थे उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे।” (२ पतरस १:१४–२:१) प्राचीन समय में परमेश्वर के लोगों को सच्ची भविष्यवाणी सुनाई गई थी, लेकिन उन्हें झूठे भविष्यवक्ताओं के भ्रष्ट उपदेशों से भी जूझना पड़ा। (यिर्मयाह ६:१३, १४; २८:१-३, १५) यिर्मयाह ने लिखा, “परन्तु यरूशलेम के नबियों में मैं ने ऐसे काम देखे हैं, जिन से रोंगटे खड़े हो जाते हैं, अर्थात् व्यभिचार और पाखण्ड।”—यिर्मयाह २३:१४.
४. झूठे उपदेशक विनाश के योग्य क्यों हैं?
४ मसीही कलीसिया में झूठे उपदेशक जो करेंगे उसका वर्णन करते हुए पतरस कहता है: “[वे] नाश करने वाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे और उस स्वामी [यीशु मसीह] का जिस ने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे और अपने आप को शीघ्र विनाश में डाल देंगे।” (२ पतरस २:१; यहूदा ४) ऐसे प्रथम-शताब्दी पाखण्ड का अंतिम परिणाम मसीहीजगत है जिस तरह हम उसे आज पाते हैं। पतरस बताता है कि क्यों झूठे उपदेशक पूर्ण रीति से विनाश के योग्य हैं: “बहुतेरे उन की नाईं लुचपन करेंगे, जिन के कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की जाएगी।”—२ पतरस २:२.
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झूठे उपदेशकों से सावधान!प्रहरीदुर्ग—1997 | सितंबर 1
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झूठी शिक्षाओं को अंदर लाना
६. झूठे उपदेशकों को क्या प्रेरित करता है और वे जो चाहते हैं, उसे वे कैसे पाने की कोशिश करते हैं?
६ झूठे उपदेशक अपने भ्रष्ट विचार जिस तरह अंदर लाते हैं, उसे ध्यान में रखना हमारे लिए बुद्धिमानी की बात होगी। पतरस पहले कहता है कि वे ऐसा चुप-चाप, या अस्पष्ट, चालाक तरीक़े से करते हैं। वह आगे कहता है: “वे लोभ के लिये बातें गढ़कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएंगे।” झूठे उपदेशक स्वार्थी अभिलाषाओं से प्रेरित होते हैं, जैसे कि द यरूशलेम बाइबल (अंग्रेज़ी) के इस अनुवाद में ज़ोर दिया गया है: “वे कपटी बातचीत से तुम्हें अपने लिए मोल लेने की उत्साहपूर्वक कोशिश करेंगे।” उसी प्रकार जेम्स् मोफॆट का अनुवाद (अंग्रेज़ी) यहाँ कहता है: “अपनी कामुकता में वे चालाक तर्कों से तुम्हारा अनुचित लाभ उठाएँगे।” (२ पतरस २:१, ३) झूठे उपदेशकों के कथन आध्यात्मिक रूप से अचेत व्यक्ति को शायद ठीक लगे, लेकिन उनके शब्द ध्यानपूर्वक चुने गए हैं ताकि वे लोगों को ‘मोल ले’ सकें और लुभानेवाले के स्वार्थी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रलोभित कर सकें।
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