हमारी प्रस्तावना को भेंट से जोड़ लेना
इस महीने जब आप आपके प्रस्तुतीकरण को तैयार कर रहे हैं, पहले आप आपके इलाके में लोगों द्वारा सामना किए गए प्रमुख समस्याओं पर ग़ौर करना चाहेंगे और फिर अगस्त के दौरान पेश किए जानेवाले ब्रोशरओं से कथनों को चुनें जो व्यावहारिक, शास्त्रीय हल के तरफ संकेट करते हैं।
२ कई क्षेत्रों में, लोग बढ़ती हुई बेरोज़गारी और उच्च निर्वाह-व्यय पर चिन्तित होंगे। अगर आप ऐसा परिस्थिति का सामना करते हैं, तो आप समस्या का ज़िक्र विशेष रूप से अपने प्रस्तावना में कर सकते हैं।
आप कह सकते हैं:
▪“सब को रोज़गार और घर का प्रबन्ध निश्चित कर लेने के लिए क्या किया जा सकता है इसके बारे में हम हमारे पड़ोसियों से बात कर रहे हैं। क्या आप यक़ीन करते हैं कि मानवी शासन पर इसे पूरा करने की प्रत्याशा तर्कसंगत है? [गृहस्थ की प्रतिक्रिया के लिए समय दें.] ऐसा एक व्यक्ति है जो जानते हैं कि कैसे इन समस्याओं का हल किया जा सकता है, यशायाह ६५:२१-२३ में उनकी आश्वासन देनेवाली प्रतिज्ञा पर ध्यान दें। [पढ़िए.] हमारे प्रोत्साहन की ख़ातिर हमारे सृष्टिकर्ता ने इस प्रतिज्ञा को लिखवाया, और क्या इन कठिन समयों में हम सब को इसकी ज़रूरत नहीं है?”—rs, पृष्ठ ११.
३ आपके प्रस्तुतीकरण के इस पल पर आप हमारी समस्याएँ ब्रोशर से दिए सामग्री को जोड़ सकते हैं। उदाहरण के लिए, पृष्ठ ४ के परिच्छेद २ में आम मनुष्य द्वारा सामना किए गए अनेक समस्याओं का ज़िक्र किया गया है। अधिकांश लोग व्यक्तिगत तौर पर इन में से एक या दो समस्याओं का अनुभव कर रहे होंगे। गृहस्थ का ध्यान पृष्ठ ५ पर निर्दिष्ट किया जा सकता है जहाँ मास्टरजी आनंद से कहते हैं: “हमारे परिवार को यक़ीन है कि एक व्यक्ति हैं जो हमारी समस्याओं का हल जल्द ही करनेवाले हैं।” पृष्ठ ६ पर परिच्छेद २ में मास्टरजी के टिप्पणियों की ओर संक्षिप्त में निर्देश करें, यह दिखाते हुए कि यहोवा ने वादा किया है कि वे एक परिवर्तन ले आएँगे। ब्रोशर को पेश करने के बाद, आप यह कहकर समाप्त कर सकते हैं कि परमेश्वर कैसे हमारी समस्याओं को हल करनेवाले हैं इस पर ग़ौर करने के लिए आप जल्द ही वापस आना पसंद करेंगे।
४ जब आप “देख!” ब्रोशर पेश कर रहे हैं, घर का प्रबन्ध और रोज़ग़ारी की धारणा कैसे सभी के लिए है यह दिखलाने के लिए क्यों न ब्रोशर के पहले और पिछले आवरण-पृष्ठ के चित्र को दिखलाएँ। आप इसे खोल सकते हैं ताकि गृहस्थ सारा चित्र को एक वक़्त पर देख सकेगा। आपने अभी पढ़ा हुआ शास्त्रपद से इसे जोड़ लें, यह बताते हुए कि यह परमेश्वर के वादा का पूरा होने के बाद की स्थितियों को बख़ूबी से चित्रित करता है।
अगर आप “शासन” ब्रोशर पेश कर रहे हैं, आप कह सकते हैं:
▪“यीशु ने हमें परमेश्वर के राज्य आने और उनकी इच्छा जैसे स्वर्ग में होती है वैसे पृथ्वी पर होने के लिए प्रार्थना करना सिखाया। क्या आप सोचते हैं कि अगर परमेश्वर की इच्छा यहाँ हुई, तो पृथ्वी असल में एक परादीस हो जाएगी?” गृहस्थ के जवाब देने के बाद, प्रकाशितवाक्य २१:३-५ प्रस्तुत करके पढ़ें।
५ फिर पृष्ठ ३ पर दिए प्रारंभिक परिच्छेद से कई चुने हुए हिस्से पढ़ें। यह कथन पर ग़ौर करें: “राज्य के द्वारा, परमेश्वर बहुत जल्द युद्धों, भुखमरी, बीमारियों, और जुर्म का अन्त करेगा।” गृहस्थ को पूछें कि इन समस्याओं में से वह किसे सबसे गंभीर महसूस करता है।
६ युवजन भी प्रभावकारी रूप से राज्य संदेश को, बुज़ुर्गों को भी, प्रस्तुत कर सकते हैं।
यशायाह ६५:२१-२३ को पेश करने में, युवजन कह सकते हैं:
▪“मैं जानता हूँ कि एक बुज़ुर्ग होने के नाते आप मुझ से ज़्यादा ज़िंदगी में तजुर्बेकार हैं, पर यह शास्त्रपद हम सब को तसल्ली देता है।”
७ किसी भी जगह में दिए गए साहित्य, जिस में दिए गए ख़ास ब्रोशर या पत्रिका भी सम्मिलित है, का एक सावधानीपूर्वक रेकॉर्ड रखने में निश्चित रहें। जब आप दिलचस्पी को बढ़ाने के लिए दोबारा आते हैं यह मालूमात आप के लिए आवश्यक होगा।