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  • हमें दूसरों का कर्ज़ चुकाना है
    राज-सेवा—2005 | जुलाई
    • हमें दूसरों का कर्ज़ चुकाना है

      प्रेरित पौलुस को प्रचार करने के अपने फर्ज़ का एहसास था। वह जानता था कि यहोवा ने अपने बेटे के अनमोल लहू के ज़रिए हर तरह के इंसानों को बचाने का रास्ता तैयार किया है। (1 तीमु. 2:3-6) इसलिए पौलुस ने कहा: “मैं यूनानियों और अन्यभाषियों का और बुद्धिमानों और निर्बुद्धियों का कर्जदार हूं।” पौलुस ने पूरी लगन से दिन-रात मेहनत की, ताकि वह दूसरों को सुसमाचार सुनाकर उनके कर्ज़ से मुक्‍त हो।—रोमि. 1:14, 15.

      2 पौलुस की तरह, आज मसीही भी हर मौके पर अपने पड़ोसियों को सुसमाचार सुनाने की कोशिश करते हैं। नेकदिल लोगों को ढूँढ़ निकालने का यह काम जल्द-से-जल्द किया जाना है क्योंकि “भारी क्लेश” तेज़ी से नज़दीक आ रहा है। ऐसा हो कि लोगों के लिए सच्चा प्यार हमें पूरे जोश से प्रचार का यह काम करने का बढ़ावा दे जिससे लोगों की जान बचती है।—मत्ती 24:21; यहे. 33:8.

      3 अपना कर्ज़ चुकाना: लोगों तक पहुँचने का हमारा सबसे खास तरीका है, घर-घर का प्रचार। जिन इलाकों में बहुत-से लोग हमें घर पर नहीं मिलते, वहाँ घरों का सही रिकॉर्ड रखने और दूसरे वक्‍त पर उन घरों में दोबारा जाने से हम और ज़्यादा लोगों से मिल पाएँगे। (1 कुरि. 10:33) हम बिज़नेस इलाके में, सड़क पर, पार्क में, गाड़ी खड़ी करने की जगहों पर और फोन के ज़रिए और भी कई लोगों तक सुसमाचार पहुँचा सकते हैं। हम खुद से यह सवाल पूछ सकते हैं: ‘क्या मैं प्रचार करने का हर तरीका अपनाकर जीवन का संदेश दूसरों तक पहुँचाने की पूरी कोशिश कर रहा हूँ?’—मत्ती 10:11.

      4 एक पायनियर बहन को हर घड़ी अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास रहता था कि उसे अपने इलाके के सब लोगों तक सुसमाचार पहुँचाना ज़रूरी है। उसके इलाके में एक घर था जो हमेशा बंद रहता था और उसमें कोई नहीं मिलता था। मगर एक दिन जब यह पायनियर बहन उस घर के सामने से गुज़री, तो उसने देखा कि जिस घर पर हमेशा ताला मिलता था उसके सामने कार खड़ी है। बहन प्रचार नहीं कर रही थी, मगर वह यह मौका गँवाना नहीं चाहती थी। उसने उस घर के दरवाज़े की घंटी बजायी। एक आदमी बाहर आया और उस पहली बातचीत के बाद वह बहन अपने पति के साथ कई बार उस आदमी से वापसी भेंट करने गयी। आखिरकार, उसने बाइबल अध्ययन शुरू किया और आज वह एक बपतिस्मा-शुदा भाई है। वह, उस बहन का एहसान मानता है जिसने दूसरों को प्रचार करने का अपना कर्ज़ चुकाने की ज़रूरत समझी।

      5 आज वक्‍त बहुत तेज़ी से निकलता जा रहा है और अंत बहुत पास आता जा रहा है। इसलिए यही वक्‍त है जब हमें प्रचार में जी-जान से मेहनत करके दूसरे इंसानों की तरफ अपना कर्ज़ चुकाना है।—2 कुरि. 6:1, 2.

  • तरक्की करनेवाले बाइबल अध्ययन चलाना
    राज-सेवा—2005 | जुलाई
    • तरक्की करनेवाले बाइबल अध्ययन चलाना

      भाग 11: वापसी भेंट करने में विद्यार्थियों की मदद करना

      जब बाइबल विद्यार्थी प्रचार में जाने लगता है, तो वह ज़रूर ऐसे लोगों से मिलेगा जो सुसमाचार में दिलचस्पी दिखाएँगे। मगर घर-मालिक की दिलचस्पी बढ़ाने और असरदार तरीके से वापसी भेंट करने में हम इस नए प्रचारक की कैसे मदद कर सकते हैं?

      2 वापसी भेंट की तैयारी पहली मुलाकात से ही शुरू होती है। विद्यार्थी को उकसाइए कि जिससे वह बात करता है, उसमें सच्ची दिलचस्पी दिखाए। (फिलि. 2:4) धीरे-धीरे उसे सिखाइए कि वह कैसे घर-मालिक को अपने विचार बताने के लिए उकसा सकता है, फिर वे जो कहते हैं उसे ध्यान से सुन सकता है और उन बातों को याद रख सकता है जिनके बारे में घर-मालिक ने चिंता ज़ाहिर की है। पहली मुलाकात में जब कोई दिलचस्पी दिखाता है, तो नए प्रचारक को उस मुलाकात के बारे में ज़रूरी जानकारी लिखने को कहिए। उसकी मदद कीजिए कि उसी जानकारी के मुताबिक वह आगे की चर्चाओं के लिए तैयारी करे।

      3 वापसी भेंट के लिए तैयारी: पहली मुलाकात में जो बातचीत हुई थी उसे दोहराइए और विद्यार्थी को दिखाइए कि राज्य संदेश का ऐसा खास पहलू कैसे चुने जिस पर बात करना घर-मालिक को अच्छा लगेगा। (1 कुरि. 9:19-23) विद्यार्थी के साथ एक छोटी-सी पेशकश तैयार कीजिए जिसमें बाइबल से एक आयत पढ़ी जाए और अध्ययन के लिए इस्तेमाल होनेवाले साहित्य में से एक पैराग्राफ पढ़ा जाए। इसके अलावा, चर्चा के आखिर में घर-मालिक से पूछने के लिए एक सवाल भी तैयार कीजिए ताकि अगली मुलाकात का आधार बन सके। नए प्रचारक को दिखाइए कि कैसे हर मुलाकात में वह घर-मालिक को परमेश्‍वर के वचन का और ज़्यादा ज्ञान दे सकता है।

      4 इसके अलावा, अगर आप अपने विद्यार्थी को वापसी भेंट में बातचीत शुरू करने का एक आसान-सा तरीका सिखाएँगे तो इससे उसे काफी मदद मिलेगी। घर-मालिक को नमस्ते करने के बाद, विद्यार्थी कह सकता है: “पिछली बार मुझे आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा। आज मैं आपको बाइबल से इस बारे में बताने आया हूँ कि [विषय बताइए]।” नए प्रचारक को यह भी बताइए कि अगर घर-मालिक के बजाय कोई और दरवाज़े पर आता है, तो उसे क्या कहना चाहिए।

      5 वापसी भेंट करने में मेहनत कीजिए: अपने विद्यार्थी को बढ़ावा दीजिए कि वह दिलचस्पी दिखानेवाले सभी लोगों से जल्द-से-जल्द दोबारा मिलने की एक अच्छी मिसाल कायम करे। हो सकता है, लोगों से उनके घर पर मिलने के लिए हमें बार-बार उनके पास जाना पड़े। विद्यार्थी को सिखाइए कि कैसे वापसी भेंट के लिए वक्‍त तय करना है। साथ ही, उसे यह समझने में भी मदद दीजिए कि तय किए गए वक्‍त पर दोबारा जाना कितना ज़रूरी है। (मत्ती 5:37) नए प्रचारक को सिखाइए कि भेड़ समान लोगों को ढूँढ़ने और उनकी दिलचस्पी बढ़ाने में उनके साथ कैसे कोमलता और आदर से पेश आना है, साथ ही उन्हें लिहाज़ दिखाना है।—तीतु. 3:2.

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