हम सब यहोवा को कुछ दे सकते हैं
क्या आप जानते हैं कि इंसान भी परमेश्वर को कुछ दे सकता है? हाबिल ने अपने मवेशी में से सबसे बढ़िया भेड़-बकरियाँ चुनकर यहोवा को बलि चढ़ायी थीं। उसी तरह नूह और अय्यूब ने भी यहोवा को कुछ बलिदान चढ़ाए थे। (उत्प. 4:4; 8:20; अय्यू. 1:5) यह सच है कि इन बलिदानों से यहोवा धनवान नहीं हो गया, क्योंकि सबकुछ तो उसी का है। मगर हाँ, इन बलिदानों से यह ज़रूर ज़ाहिर हुआ कि उन वफादार इंसानों को परमेश्वर से गहरा प्यार था। आज हम अपना समय, ताकत और साधनों का इस्तेमाल करके यहोवा को “स्तुतिरूपी बलिदान” चढ़ा सकते हैं।—इब्रा. 13:15.
2 समय: प्रचार में हिस्सा लेने के लिए गैर-ज़रूरी कामों से समय ‘मोल लेना’ (NW) क्या ही काबिले-तारीफ बात होगी! (इफि. 5:15, 16) अगर हम अपने शेड्यूल में थोड़ा फेरबदल करें, तो हम साल में एक या उससे ज़्यादा महीनों के लिए सहयोगी पायनिर सेवा कर सकते हैं। या फिर हम प्रचार में जितना वक्त बिताते हैं उससे थोड़ा ज़्यादा वक्त बिता सकते हैं। जैसे कि अगर हम हर हफ्ते प्रचार में और आधा घंटा बिताएँ, तो हम महीने में करीब दो घंटे ज़्यादा प्रचार कर पाएँगे!
3 ताकत: अगर हम चाहते हैं कि प्रचार काम के लिए हमारे पास काफी ताकत हो, तो हमें ऐसे मनोरंजन और नौकरी-पेशे से दूर रहना होगा, जो हमें थका देते हैं। वरना हम यहोवा को अपना सर्वोत्तम नहीं दे पाएँगे। इसके अलावा, हमें ऐसी चिंताओं से भी बचे रहने की ज़रूरत है, जो भारी बोझ बनकर हमारे मन को ‘दबा’ सकती हैं। और अगर हमारा मन दब जाए, तो हमारी वह सारी ताकत खत्म हो सकती है, जो हम परमेश्वर की सेवा में लगा सकते हैं। (नीति. 12:25) लेकिन तब क्या जब हमारे पास चिंता करने के वाजिब कारण होते हैं? तब भी अच्छा होगा कि हम “अपना बोझ यहोवा पर डाल” दें।—भज. 55:22; फिलि. 4:6, 7.
4 साधन: हम प्रचार काम को आगे बढ़ाने के लिए अपने साधन भी लगा सकते हैं। पौलुस ने अपने संगी मसीहियों को उकसाया कि वे अलग से “कुछ अपने पास रख छोड़ा” करें, ताकि ज़रूरतमंदों को देने के लिए उनके पास कुछ-न-कुछ हो। (1 कुरि. 16:1, 2) उसी तरह, हम भी नियमित तौर पर अलग से थोड़ा पैसा जमा कर सकते हैं, ताकि हम अपनी कलीसिया की ज़रूरतों को पूरा करने और दुनिया-भर में हो रहे प्रचार काम के लिए दान दे सकें। हम दिल से जो देते हैं, फिर चाहे वह थोड़ा ही क्यों न हो, यहोवा उसकी कदर करता है।—लूका 21:1-4.
5 यहोवा ने हमें बहुत कुछ दिया है। (याकू. 1:17) इसलिए हम अपना एहसान ज़ाहिर करने के लिए उसकी सेवा में अपना समय, ताकत और साधन इस्तेमाल करते हैं। नतीजा, यहोवा का दिल बाग-बाग हो जाता है, “क्योंकि [वह] ख़ुशी से देने वाले को प्यार करता है।”—2 कुरि. 9:7, हिन्दुस्तानी बाइबल।