गीत 5
मसीह, हमारा आदर्श!
1. सा-गर से भी गह-रा
है प्यार य-हो-वा का
बे-टे यी-शु का कि-या ब-लि-दान।
वो जी-वन की रो-टी
मन्-ना के ही जै-सी,
मि-टे भूख सब-की, मि-ले जी-वन दान।
2. सि-खा-या यी-शु ने
दु-आ में हम माँ-गें,
हो नाम य-हो-वा का पा-वन स-दा।
‘जल्द ते-रा राज आ-ए,
इच्-छा पू-री क-रे;
ह-में दिन भर की रो-टी भी दे-ना।’
3. ख़ुश-बू सच्-चा-ई की
यी-शु ने फै-ला-ई,
मा-यूस दि-लों में उ-मं-गें जा-गीं।
हम भी राज की ख़-बर
फै-ला-एँ-गे अ-गर
बर-सें-गी हम पे आ-शी-षें याह की।
(मत्ती 6:9-11; यूह. 3:16; 6:31-51; इफि. 5:2 भी देखिए।)