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fg पाठ 13 सवाल 1-4

पाठ 13

दुनिया के धर्मों का क्या होगा?

1. क्या सभी धर्म अच्छे हैं?

एक आदमी बाइबल पढ़ रहा है

सभी धर्मों में नेक लोग होते हैं। परमेश्‍वर उन पर ध्यान देता है और उनकी परवाह करता है। लेकिन दुख की बात है कि धर्म के नाम पर बहुत-से बुरे काम किए जाते हैं। (2 कुरिंथियों 4:3, 4; 11:13-15) खबरों में हम सुनते हैं कि कई धर्मों ने आतंकवाद, दंगों और युद्धों का साथ दिया है। कई धर्मों ने तो बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करनेवालों को भी पनाह दी है। परमेश्‍वर पर विश्‍वास करनेवाले नेक लोगों को यह सब देखकर कितना दुख होता है!—मत्ती 24:3-5, 11, 12 पढ़िए।

सच्चे धर्म की शिक्षाओं से परमेश्‍वर की महिमा होती है। दूसरी ओर, झूठे धर्म की शिक्षाएँ बाइबल पर आधारित नहीं होतीं और परमेश्‍वर को बदनाम करती हैं। मिसाल के लिए, झूठा धर्म परमेश्‍वर के बारे में और मरे हुओं की हालत के बारे में लोगों को गलत शिक्षाएँ देता है। लेकिन यहोवा चाहता है कि लोग उसके बारे में सच्चाई जानें।—यहेजकेल 18:4; 1 तीमुथियुस 2:3-5 पढ़िए।

2. धर्मों का क्या होनेवाला है?

परमेश्‍वर उन धर्मों के झाँसे में नहीं आता, जो उससे प्यार करने का दावा तो करते हैं मगर असल में शैतान की दुनिया से प्यार करते हैं। (याकूब 4:4) पुराने ज़माने में बैबिलोन नाम का एक शहर था, जहाँ नूह के ज़माने में आए जलप्रलय के बाद झूठे धर्म की शुरूआत हुई थी। उसी के नाम पर बाइबल में सब झूठे धर्मों को “महानगरी बैबिलोन” कहा गया है। बहुत जल्द परमेश्‍वर ऐसे धर्मों का नाश कर देगा जो लोगों को गुमराह करते हैं और उन्हें तकलीफ देते हैं।—प्रकाशितवाक्य 17:1, 2, 5, 16, 17; 18:8 पढ़िए।

लेकिन यहोवा उन नेक लोगों को नहीं भूला है जो आज झूठे धर्मों में फँसे हैं। वह पूरी दुनिया से ऐसे लोगों को इकट्ठा कर रहा है और उन्हें सच्चाई की राह पर चलना सिखा रहा है।—मीका 4:2, 5 पढ़िए।

3. नेक लोगों को क्या करना चाहिए?

मसीही सभा के बाद लोग बात कर रहे हैं

सच्चा धर्म लोगों को एक कर रहा है

यहोवा को उन लोगों की परवाह है जो भले हैं और जो सच्चाई से प्यार करते हैं। वह उनसे कहता है कि वे जल्द-से-जल्द झूठे धर्म से निकल आएँ। जो परमेश्‍वर से प्यार करते हैं, वे उसे खुश करने के लिए अपनी ज़िंदगी में बदलाव करने को तैयार रहते हैं।—प्रकाशितवाक्य 18:4 पढ़िए।

पहली सदी में जब नेक लोगों ने प्रेषितों से बाइबल की शिक्षाएँ सुनीं, तो उन्होंने खुशी से इन्हें कबूल किया। यहोवा से उन्होंने ज़िंदगी जीने का एक नया तरीका सीखा। वे समझ सके कि उनकी ज़िंदगी का एक मकसद है, साथ ही उन्हें भविष्य के लिए एक आशा भी मिली। पहली सदी के ये लोग हमारे लिए एक मिसाल हैं क्योंकि उन्होंने यहोवा को अपनी ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा अहमियत दी।—1 थिस्सलुनीकियों 1:8, 9; 2:13 पढ़िए।

जो झूठे धर्म को छोड़ देते हैं, उन्हें यहोवा अपनी उपासना करनेवालों के परिवार का सदस्य बनाना चाहता है। अगर आप उसके प्यार-भरे न्यौते को कबूल करें, तो आप उसके दोस्त बन सकते हैं और हमेशा की ज़िंदगी भी पा सकते हैं।—मरकुस 10:29, 30; 2 कुरिंथियों 6:17, 18 पढ़िए।

4. परमेश्‍वर पूरी धरती पर लोगों को खुशी कैसे देगा?

यह वाकई एक खुशखबरी है कि परमेश्‍वर झूठे धर्मों को खत्म करनेवाला है। दुनिया-भर में लोग झूठे धर्मों के चंगुल से आज़ाद हो जाएँगे। झूठा धर्म फिर कभी लोगों को गुमराह नहीं करेगा, ना ही उनमें फूट डालेगा। लोगों में एकता होगी क्योंकि वे सभी एक सच्चे परमेश्‍वर की उपासना करेंगे।—प्रकाशितवाक्य 18:20, 21; 21:3, 4 पढ़िए।

ज़्यादा जानकारी के लिए बाइबल हमें क्या सिखाती है? नाम की किताब के अध्याय 15 और 16 देखिए।

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