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लोगों से करें प्यार​—सिखाने को रहें तैयार
lmd पाठ 4

बातचीत शुरू करने के लिए

पौलुस आदर से राजा अग्रिप्पा, राज्यपाल फेस्तुस और बिरनीके से बात कर रहा है। उसके एक हाथ में ज़ंजीर बँधी है जिसका दूसरा सिरा सैनिक के हाथों में बँधा है।

प्रेषि. 26:2, 3

पाठ 4

नम्र रहिए

सिद्धांत:  “नम्रता से दूसरों को खुद से बेहतर समझो।”​—फिलि. 2:3.

पौलुस ने क्या किया?

पौलुस आदर से राजा अग्रिप्पा, राज्यपाल फेस्तुस और बिरनीके से बात कर रहा है। उसके एक हाथ में ज़ंजीर बँधी है जिसका दूसरा सिरा सैनिक के हाथों में बँधा है।

वीडियो: पौलुस ने राजा अग्रिप्पा को गवाही दी

1. वीडियो देखिए या प्रेषितों 26:2, 3 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों के बारे में सोचिए:

  1. क. पौलुस ने राजा अग्रिप्पा से जिस तरह बात की, उससे कैसे पता चलता है कि वह नम्र था?

  2. ख. पौलुस ने खुद पर ध्यान खींचने के बजाय कैसे यहोवा और शास्त्र की तरफ ध्यान खींचा?​—प्रेषितों 26:22 देखिए।

पौलुस से हम क्या सीखते हैं?

2. जब हम नम्र रहते हैं और आदर से बात करते हैं, तो लोगों को हमारी बात सुनना ज़्यादा अच्छा लगता है।

पौलुस की तरह हमें क्या करना है?

3. सामनेवाले को नीचा मत दिखाइए। ऐसे बात मत कीजिए जैसे आपको सबकुछ पता है और उसे कुछ भी नहीं। आदर से बात कीजिए।

4. बाइबल पर ध्यान खींचिए। बाइबल में दी सच्चाइयाँ लोगों के दिल को छू जाती हैं। इसलिए बाइबल की कोई बात बताइए। लोगों को पता चलना चाहिए कि आप जो सिखा रहे हैं वह बाइबल से है। इस तरह बाइबल पर उनका विश्‍वास बढ़ेगा।

5. शांति से बात कीजिए। अपनी बात मनवाने पर अड़े मत रहिए। हमें किसी से बहस नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, हमें शांत रहना चाहिए और बात बढ़ने से पहले वहाँ से चले जाना चाहिए। (नीति. 17:14; तीतु. 3:2) शांत रहकर बात करने से हो सकता है सामनेवाला बाद में हमसे बात करने के लिए राज़ी हो जाए।

ये भी देखें

रोमि. 12:16-18; 1 कुरिं. 8:1; 2 कुरिं. 3:5

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