वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w21 फरवरी पेज 14-19
  • मंडली में प्राचीनों को क्या अधिकार दिया गया है?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • मंडली में प्राचीनों को क्या अधिकार दिया गया है?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2021
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • बहनों के बारे में हमारी सोच कैसी होनी चाहिए?
  • क्या मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं?
  • क्या परिवार के मुखिया और प्राचीन के अधिकार में कोई फर्क है?
  • मंडली के मुखिया यीशु का आदर कीजिए
  • “हर आदमी का सिर मसीह है”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2021
  • अपनी मसीही बहनों का खयाल रखिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2020
  • यहोवा के जैसे बनें, बहनों के साथ अच्छे से पेश आएँ
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2024
  • पाठकों के प्रश्‍न
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2002
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2021
w21 फरवरी पेज 14-19

अध्ययन लेख 7

मंडली में प्राचीनों को क्या अधिकार दिया गया है?

‘मसीह अपने शरीर यानी मंडली का सिर है और उसका उद्धारकर्ता है।’—इफि. 5:23.

गीत 137 वफादार स्त्रियाँ, मसीही बहनें

लेख की एक झलकa

1. यहोवा के परिवार में एकता क्यों है?

हमें इस बात की खुशी है कि हम यहोवा के परिवार का हिस्सा हैं। इस परिवार में शांति और एकता है। लेकिन इसकी वजह क्या है? एक वजह यह है कि यहोवा ने हम पर जिन्हें अधिकार दिया है, हम उनका आदर करने की पूरी कोशिश करते हैं। यहोवा के ठहराए इस इंतज़ाम का हम जितना ज़्यादा साथ देंगे, उतना हम अपने बीच एकता बनाकर रख पाएँगे।

2. इस लेख में हमें किन सवालों के जवाब मिलेंगे?

2 इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि यहोवा ने मंडली में किसे अधिकार दिया है। हम इन सवालों के जवाब भी जानेंगे: मंडली में यहोवा ने बहनों को क्या काम दिया है? क्या मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं? परिवार के मुखिया को अपने बीवी-बच्चों पर जो अधिकार है, क्या वही अधिकार प्राचीनों को भाई-बहनों पर है? सबसे पहले आइए जानें कि बहनों के बारे में हमारी सोच कैसी होनी चाहिए।

बहनों के बारे में हमारी सोच कैसी होनी चाहिए?

3. मसीही बहनों के लिए हम अपनी कदर और कैसे बढ़ा सकते हैं?

3 मंडली में हमारी बहनें अपने-अपने परिवार की देखभाल करने, प्रचार करने और भाई-बहनों की मदद करने में बहुत मेहनत करती हैं। हम इन बहनों की दिल से कदर करते हैं। अगर हम इस बात पर गौर करें कि यहोवा और यीशु स्त्रियों को किस नज़र से देखते हैं, तो बहनों के लिए हमारी कदर और बढ़ जाएगी। हम प्रेषित पौलुस से भी सीख सकते हैं कि बहनों के साथ हमें किस तरह पेश आना चाहिए।

4. बाइबल से कैसे पता चलता है कि यहोवा स्त्री और पुरुष में फर्क नहीं करता?

4 बाइबल से पता चलता है कि यहोवा स्त्री और पुरुष में फर्क नहीं करता।  इसमें लिखा है कि यहोवा ने पहली सदी में पुरुषों के साथ-साथ स्त्रियों पर भी अपनी पवित्र शक्‍ति उँडेली। इससे वे हैरतअंगेज़ काम कर सके जैसे, अलग-अलग भाषाएँ बोल सके। (प्रेषि. 2:1-4, 15-18) यहोवा ने स्त्री-पुरुष, दोनों को यीशु के साथ राज करने के लिए चुना है। (गला. 3:26-29) स्त्रियों को भी धरती पर हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी। (प्रका. 7:9, 10, 13-15) स्त्री और पुरुष दोनों को प्रचार करने और सिखाने का काम सौंपा गया है। (मत्ती 28:19, 20) अगर हम प्रेषितों की किताब पढ़ें, तो वहाँ प्रिस्किल्ला के बारे में बताया गया है। उसने अपने पति अक्विला के साथ अपुल्लोस की मदद की, जो बहुत पढ़ा-लिखा था। उन्होंने उसे शास्त्र के बारे में और अच्छी तरह समझाया।​—प्रेषि. 18:24-26.

5. लूका 10:38, 39, 42 से कैसे पता चलता है कि यीशु स्त्रियों का आदर-सम्मान करता था?

5 यीशु ने स्त्रियों का आदर-सम्मान किया।  यीशु के दिनों में फरीसी स्त्रियों को नीची नज़रों से देखते थे, लोगों के सामने उनसे बातचीत नहीं करते थे और शास्त्र के बारे में तो बिलकुल भी बात नहीं करते थे। लेकिन यीशु फरीसियों के जैसा नहीं था। वह शास्त्र की बातें न सिर्फ आदमियों को बल्कि औरतों को भी सिखाता था।b (लूका 10:38, 39, 42 पढ़िए।) जब यीशु अलग-अलग जगह प्रचार करने गया, तो कुछ स्त्रियाँ भी उसके साथ थीं। (लूका 8:1-3) मरे हुओं में से जी उठने के बाद, उसने स्त्रियों को यह सम्मान दिया कि वे उसके चेलों को उसके ज़िंदा होने की खबर दें।​—यूह. 20:16-18.

6. हम क्यों कह सकते हैं कि पौलुस स्त्रियों का आदर करता था?

6 प्रेषित पौलुस ने स्त्रियों का आदर किया।  उसने तीमुथियुस को सलाह दी कि वह “बुज़ुर्ग औरतों को माँ और कम उम्र की औरतों को बहनें” समझकर उनके साथ व्यवहार करे। (1 तीमु. 5:1, 2) बेशक पौलुस ने तीमुथियुस की बहुत मदद की जिससे उसका विश्‍वास मज़बूत हुआ। लेकिन पौलुस यह भी जानता था कि इसमें तीमुथियुस की माँ और नानी का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने उसे बचपन से सच्चाई सिखायी थी। (2 तीमु. 1:5; 3:14, 15) जब पौलुस ने रोम की मंडली को चिट्ठी लिखी, तो उसने बहनों का नाम लेकर उन्हें नमस्कार किया। इन बहनों ने यहोवा की सेवा में जो मेहनत की थी, उस पर पौलुस ने न सिर्फ ध्यान दिया, बल्कि खुलकर उनकी तारीफ भी की।​—रोमि. 16:1-4, 6, 12; फिलि. 4:3.

7. हम किन सवालों पर चर्चा करेंगे?

7 जैसा हमने अभी जाना, बाइबल में ऐसा कहीं नहीं सिखाया गया है कि स्त्रियों का दर्जा आदमियों से कम है। हमारी बहनें हम सबके लिए एक आशीष हैं। मंडली में शांति और एकता बनाए रखने में वे प्राचीनों की बहुत मदद करती हैं। लेकिन फिर भी कुछ सवाल उठते हैं। जैसे, यहोवा क्यों चाहता है कि बहनें कुछ मौकों पर अपना सिर ढकें? भाइयों को मंडली में प्राचीन और सहायक सेवक बनाया जाता है, तो क्या इसका यह मतलब है कि मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं?

क्या मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं?

यीशु स्वर्ग में अपनी राजगद्दी पर बैठा है और यहोवा का तेज उस पर चमक रहा है। उसकी तसवीर के नीचे अलग-अलग दृश्‍य दिखाए गए हैं: मंडली की सभा हो रही है, एक परिवार पारिवारिक उपासना कर रहा है और एक बहन अकेले बैठकर अध्ययन कर रही है। पैराग्राफ 8 और 11-14 में भी इन्हीं दृश्‍यों के बारे में बताया गया है।

8. इफिसियों 5:23 के मुताबिक क्या मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं? समझाइए।

8 क्या यह कहना सही होगा कि मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं? नहीं! उनका मुखिया यीशु मसीह है। (इफिसियों 5:23 पढ़िए।) परिवार में एक पति अपनी पत्नी का मुखिया है। अगर एक बेटा बपतिस्मा पाया हुआ है, तो वह अपनी माँ का मुखिया नहीं बन जाता। (इफि. 6:1, 2) जहाँ तक मंडली की बात है, तो प्राचीनों को भाई-बहनों पर सिर्फ कुछ अधिकार दिए गए हैं। (1 थिस्स. 5:12; इब्रा. 13:17) अगर एक बहन अविवाहित है और अपने माता-पिता के साथ नहीं रहती, तो उसका मुखिया कौन है? हालाँकि वह अपने माता-पिता और प्राचीनों का आदर करती है, लेकिन मंडली के दूसरे भाइयों की तरह उसका भी एक ही मुखिया है, यीशु मसीह।

एक बहन अकेले बैठकर अध्ययन कर रही है।

अविवाहित भाई-बहन अगर अपने माता-पिता के साथ नहीं रहते, तो उनका मुखिया यीशु है (पैराग्राफ 8 देखें)

9. किन हालात में बहनों के लिए सिर ढकना ज़रूरी है?

9 यहोवा ने यीशु को आदमी का मुखिया इसलिए बनाया है ताकि मंडली में सबकुछ कायदे से हो। उसी तरह मंडली में अगुवाई करने की ज़िम्मेदारी उसने सिर्फ भाइयों को दी है बहनों को नहीं। (1 तीमु. 2:12) लेकिन कभी-कभी हो सकता है, एक बहन को वह काम करना पड़े जो आम तौर पर मंडली के भाई करते हैं। यहोवा उस बहन से उम्मीद करता है कि वह उस काम को करते वक्‍त अपना सिर ढके।c (1 कुरिं. 11:4-7) सिर ढककर बहनें अधिकार रखनेवालों का आदर करती हैं। यहोवा ने यह इंतज़ाम उनका अपमान करने के लिए नहीं बनाया है। अब आइए इस सवाल का जवाब जानें: परिवार के मुखियाओं और प्राचीनों को कितना अधिकार दिया गया है?

एक बहन को कब अपना सिर ढकना चाहिए?

एक बहन प्रचार की सभा चला रही है। वह बैठी है और उसने अपना सिर्फ ढका हुआ है।

एक बहन को कब अपना सिर ढकना चाहिए, यह जानने के लिए उसे आगे बताए तीन सवालों पर ध्यान देना चाहिए:

  1. 1. क्या उसे बाइबल अध्ययन चलाना है या दूसरों के सामने प्रार्थना करनी है और एक बपतिस्मा पाया हुआ भाई उसके साथ है या वह ये काम करते हुए उसे देख और सुन सकता है?​—1 कुरिं. 11:4, 5.

  2. 2. क्या उसे कुछ ऐसा काम करना है जो आम तौर पर बपतिस्मा पाया हुआ भाई करता है, लेकिन कोई भाई मौजूद नहीं है?​—1 तीमु. 2:11, 12; इब्रा. 13:17.

  3. 3. क्या उसे दूसरों के लिए ज़ोर से प्रार्थना करनी है या उन्हें बाइबल से सिखाना है और उसका पति उसे देख और सुन सकता है?​—1 कुरिं. 11:3.

अगर इनमें से किसी भी सवाल का जवाब ‘हाँ’ है, तो बहन को अपना सिर ढकना चाहिए। लेकिन अगर जवाब ‘ना’ है, तो उसे सिर ढकने की ज़रूरत नहीं है।e

क्या परिवार के मुखिया और प्राचीन के अधिकार में कोई फर्क है?

10. एक प्राचीन शायद क्या सोचकर मंडली के लिए नियम बनाए?

10 मंडली के प्राचीन, यीशु से प्यार करते हैं। वे उन “भेड़ों” से भी प्यार करते हैं जिनकी देखभाल करने की ज़िम्मेदारी यहोवा और यीशु ने उन्हें सौंपी है। (यूह. 21:15-17) एक प्राचीन को अपनी मंडली से इतना लगाव होता है कि वह शायद सोचे कि एक पिता की तरह उसे भाई-बहनों का खयाल रखना है। जिस तरह एक मुखिया अपने परिवार को खतरों से बचाने के लिए नियम बनाता है, उसी तरह शायद उसे लगे कि भाई-बहनों की हिफाज़त के लिए उसे कुछ नियम बनाने चाहिए। कभी-कभी कुछ भाई-बहन खुद प्राचीनों से कहते हैं कि वे उनके लिए फैसले करें। लेकिन क्या मंडली के प्राचीनों के पास वही अधिकार है जो परिवार के मुखियाओं के पास होता है?

एक प्राचीन सभा के दौरान भाषण दे रहा है।

प्राचीन, यहोवा के करीब रहने में मंडली की मदद करते हैं और उसे अपने और यहोवा के प्यार का यकीन दिलाते हैं। वे मंडली को नैतिक तौर पर भी शुद्ध रखते हैं (पैराग्राफ 11-12 देखें)

11. परिवार के मुखियाओं और प्राचीनों के अधिकार किस तरह मिलते-जुलते हैं?

11 पौलुस के शब्दों से पता चलता है कि एक प्राचीन और एक परिवार के मुखिया के अधिकार थोड़े-बहुत मिलते-जुलते  हैं। (1 तीमु. 3:4, 5) मिसाल के लिए, यहोवा चाहता है कि परिवारवाले अपने मुखिया की बात मानें और उसके अधीन रहें। (कुलु. 3:20) उसी तरह वह चाहता है कि मंडली के भाई-बहन प्राचीनों की बात मानें। परिवार का मुखिया यहोवा के साथ एक अच्छा रिश्‍ता बनाने में अपने परिवारवालों की मदद करता है और उन्हें अपने प्यार का यकीन दिलाता है। प्राचीन भी मंडली के भाई-बहनों के लिए ऐसा करते हैं। और परिवार के मुखिया की तरह प्राचीन मुसीबत की घड़ी में भाई-बहनों की मदद करते हैं। (याकू. 2:15-17) इसके अलावा, प्राचीन और परिवार के मुखिया इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके अधीन रहनेवाले लोग परमेश्‍वर के स्तरों को मानें। लेकिन ‘जो लिखा है उससे आगे जाने’ की वे कोशिश नहीं करते।​—1 कुरिं. 4:6.

एक भाई पारिवारिक उपासना चला रहा है।

परिवार के मुखिया अपने परिवार के लिए फैसले करता है। यह अधिकार यहोवा ने उसे दिया है। लेकिन फैसला लेने से पहले वह अपनी पत्नी से बात करता है (पैराग्राफ 13 देखें)

12-13. नीतिवचन 6:20 के मुताबिक एक प्राचीन और परिवार के मुखिया के अधिकार में क्या फर्क है?

12 लेकिन एक प्राचीन और परिवार के मुखिया के अधिकार में फर्क  भी है। मिसाल के लिए जब मंडली में कोई व्यक्‍ति गंभीर पाप करता है, तो उस मामले में यहोवा ने न्याय करने का काम प्राचीनों को सौंपा है, परिवार के मुखियाओं को नहीं। और अगर वह व्यक्‍ति पश्‍चाताप नहीं करता, तो प्राचीन उसे मंडली से निकाल भी सकते हैं।​—1 कुरिं. 5:11-13.

13 वहीं दूसरी तरफ, यहोवा ने परिवार के मुखियाओं को कुछ ऐसे अधिकार दिए हैं जो उसने प्राचीनों को नहीं दिए। जैसे, परिवार का मुखिया अपने परिवारवालों के लिए नियम बना सकता है और इस बात का ध्यान रख सकता है कि वे उन नियमों को मानें। (नीतिवचन 6:20 पढ़िए।) वह शायद बच्चों के लिए यह नियम बनाए कि उन्हें कब तक घर आना चाहिए। और अगर बच्चे उसकी बात न मानें, तो उसे उन्हें सज़ा देने का पूरा अधिकार है। (इफि. 6:1) बेशक एक अच्छा मुखिया कोई भी नियम बनाने से पहले अपनी पत्नी से सलाह-मशविरा करेगा क्योंकि वे दोनों “एक तन हैं।”d​—मत्ती 19:6.

मंडली के मुखिया यीशु का आदर कीजिए

यीशु स्वर्ग में अपनी राजगद्दी पर बैठा है और यहोवा का तेज उस पर चमक रहा है।

यीशु, यहोवा के अधीन रहकर मंडलियों को निर्देश देता है (पैराग्राफ 14 देखें)

14. (क) मरकुस 10:45 के मुताबिक यहोवा ने यीशु को मंडली का मुखिया क्यों बनाया? (ख) शासी निकाय कौन-सी ज़िम्मेदारी सँभालता है? (“शासी निकाय क्या काम करता है?” नाम का बक्स पढ़ें।)

14 यहोवा ने मंडली के हर व्यक्‍ति को और पूरी मानवजाति को अपने बेटे के खून से खरीदा है। (मरकुस 10:45 पढ़िए; प्रेषि. 20:28; 1 कुरिं. 15:21, 22) यीशु ने हमारी खातिर अपनी जान दी है। इसलिए उसे मंडली का मुखिया बनाकर यहोवा ने बिलकुल सही किया। मुखिया होने के नाते यीशु के पास अधिकार है कि वह हर व्यक्‍ति के लिए, परिवार के लिए और पूरी मंडली के लिए नियम बनाए। वह इस बात का भी ध्यान रखता है कि सब लोग उन नियमों को मानें। (गला. 6:2) लेकिन यीशु सिर्फ नियम नहीं बनाता बल्कि हरेक से प्यार करता है और उसकी देखभाल करता है।​—इफि. 5:29.

शासी निकाय क्या काम करता है?

शासी निकाय के सदस्य साथ मिलकर सभा कर रहे हैं।

शासी निकाय के सदस्य अपने भाई-बहनों के विश्‍वास के मालिक नहीं हैं। (2 कुरिं. 1:24) वे यीशु मसीह को मंडली का मुखिया मानते हैं। और वे अपने प्रभु की इस बात से पूरी तरह सहमत हैं जो उसने अपने चेलों से कही थी, “तुम सब भाई हो।” (मत्ती 23:8) शासी निकाय के सदस्य भाई-बहनों से बहुत प्यार करते हैं और उनका खयाल रखने की पूरी कोशिश करते हैं। यीशु के अधीन रहकर वे दुनिया-भर में यहोवा के लोगों को संगठित करते हैं और उन्हें ज़रूरी निर्देश देते हैं। वे शाखा-समिति के भाइयों और सर्किट निगरान को नियुक्‍त करते हैं। (इफि. 4:7-13) और सर्किट निगरान मंडली में प्राचीनों को नियुक्‍त करते हैं। (प्रेषि. 14:23; तीतु. 1:5) शासी निकाय को यह ज़िम्मेदारी दी गयी है कि वह भाई-बहनों को समय-समय पर जानकारी दे ताकि यहोवा के साथ उनका रिश्‍ता मज़बूत बना रहे। वह इस ज़िम्मेदारी को जी-जान से निभाता है। शासी निकाय खतों, प्रकाशनों, JW ब्रॉडकास्टिंग के कार्यक्रमों, संगठन के चलाए स्कूलों, सभाओं और सम्मेलनों के ज़रिए समय-समय पर हमें हिदायतें देता है। (प्रेषि. 15:22-35) और जब किसी इलाके में प्राकृतिक विपत्ति या कोई और हादसा होता है, तो शासी निकाय के भाई तुरंत शाखा दफ्तर से संपर्क करते हैं ताकि भाई-बहनों की मदद की जाए। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे अपने भाई-बहनों से प्यार करते हैं।f

15-16. बहन मार्ली और भाई बेनजमिन ने जो कहा, उससे आप क्या सीखते हैं?

15 अगर बहनें अपने पति के या प्राचीनों के अधीन रहें, तो वे यीशु का आदर कर रही होंगी। अमरीका की रहनेवाली बहन मार्ली कहती है, “मैं एक पत्नी और मंडली में एक बहन होने की ज़िम्मेदारी अच्छे से निभाने की कोशिश करती हूँ। मैं मानती हूँ कि कभी-कभी अपने पति का आदर करना और मंडली के भाइयों के अधीन रहना मुश्‍किल होता है। लेकिन जब मेरे पति और मंडली के भाई मेरे साथ आदर से पेश आते हैं और मेरे कामों की तारीफ करते हैं, तो उनके अधीन रहना थोड़ा आसान हो जाता है।” ज़्यादातर बहनों का यही कहना है।

16 अगर मसीही भाई उस अधिकार की कदर करते हैं जो परमेश्‍वर ने उन्हें दिया है, तो वे बहनों का आदर करेंगे। इंग्लैंड का एक भाई बेनजमिन कहता है, “बहनें सभाओं में बहुत अच्छे जवाब देती हैं। प्रचार कैसे करना है, अध्ययन कैसे चलाना है, इन मामलों में उनके सुझाव बड़े काम के होते हैं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। मंडली में वे जो भी करती हैं, वह बहुत मायने रखता है।”

17. अधिकार रखनेवालों के अधीन रहने के क्या फायदे हैं?

17 जब मंडली में स्त्री, पुरुष, परिवार के मुखिया, प्राचीन सभी इस बात को मानते हैं कि यहोवा ने उनके ऊपर किसी को अधिकार दिया है और वे उस अधिकार के अधीन रहते हैं, तो मंडली में शांति बनी रहती है। सबसे बढ़कर वे अपने पिता यहोवा की महिमा और तारीफ करते हैं।​—भज. 150:6.

आपका जवाब क्या होगा?

  • मंडली की बहनों के बारे में हमारी सोच कैसी होनी चाहिए?

  • क्या मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं? समझाइए।

  • प्राचीनों और परिवार के मुखियाओं के अधिकार में क्या फर्क है?

गीत 123 परमेश्‍वर के संगठन का कानून दिल से मानें

a इस लेख में हमें बाइबल से इन सवालों के जवाब मिलेंगे: मंडली में यहोवा ने बहनों को क्या काम दिया है? क्या मंडली के भाई सभी बहनों के मुखिया हैं? क्या प्राचीनों को और परिवार के मुखियाओं को एक-जैसा अधिकार दिया गया है?

b सितंबर 2020 की प्रहरीदुर्ग  में दिए लेख, “अपनी मसीही बहनों का खयाल रखिए” का पैराग्राफ 6 पढ़ें।

c “एक बहन को कब अपना सिर ढकना चाहिए?” नाम का बक्स पढ़ें।

d अगस्त 2020 की प्रहरीदुर्ग  में दिए लेख, “मंडली के हर भाई और बहन का आदर कीजिए” के पैराग्राफ 17-19 पढ़ें। इसमें बताया गया है कि किसे यह फैसला करने का अधिकार है कि परिवार कौन-सी मंडली में जाएगा।

e ज़्यादा जानकारी के लिए “खुद को परमेश्‍वर के प्यार के लायक बनाए रखो”  के पेज 239-242 पढ़ें।

f शासी निकाय की ज़िम्मेदारी के बारे में ज़्यादा जानने के लिए 15 जुलाई, 2013 की प्रहरीदुर्ग  के पेज 20-25 पढ़ें।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें