मिलते-जुलते लेख g00 3/8 पेज 5-7 ज़िंदगी जीने का मकसद मिला आत्म-हत्या—समाज में फैला गुप्त रोग सजग होइए!–2000 आत्महत्या—युवाओं में फैली महामारी सजग होइए!–1998 क्या मेरे लिए मर जाना ही अच्छा है? सजग होइए!–2008 जब आशा और प्रेम नहीं रहता सजग होइए!–1998 क्या आत्महत्या उत्तर है? सजग होइए!–1994 जब आशा और प्रेम फिर मिल जाता है सजग होइए!–1998 “देख! मैं तो यहोवा की दासी हूँ!” उनके विश्वास की मिसाल पर चलिए वह तलवार जैसे दुख के ज़ख्म सह पायी प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2014 “देख, मैं प्रभु की दासी हूं” प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2008 मदद के लिए—पुकार प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2000