वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • लैव्यव्यवस्था 23
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

लैव्यव्यवस्था का सारांश

      • पवित्र दिन और त्योहार (1-44)

        • सब्त का दिन (3)

        • फसह (4, 5)

        • बिन-खमीर की रोटी का त्योहार (6-8)

        • फसल का पहला फल चढ़ाना (9-14)

        • कटाई का त्योहार (15-21)

        • कटाई का सही तरीका (22)

        • तुरही फूँकने का त्योहार (23-25)

        • प्रायश्‍चित का दिन (26-32)

        • छप्परों का त्योहार (33-43)

लैव्यव्यवस्था 23:2

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:14; लैव 23:37
  • +गि 10:10

लैव्यव्यवस्था 23:3

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 16:30; 20:10; प्रेष 15:21
  • +नहे 13:22

लैव्यव्यवस्था 23:5

फुटनोट

  • *

    शा., “दो शामों के बीच।”

संबंधित आयतें

  • +गि 9:2, 3; 28:16
  • +निर्ग 12:3, 6; व्य 16:1; 1कुर 5:7

लैव्यव्यवस्था 23:6

संबंधित आयतें

  • +गि 28:17; 1कुर 5:8
  • +निर्ग 12:15; 13:6; 34:18

लैव्यव्यवस्था 23:7

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 12:16

लैव्यव्यवस्था 23:10

संबंधित आयतें

  • +1कुर 15:20, 23
  • +गि 18:8, 12; नीत 3:9; यहे 44:30

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    1/2021, पेज 5-6

लैव्यव्यवस्था 23:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    1/2021, पेज 5-6

लैव्यव्यवस्था 23:13

फुटनोट

  • *

    एपा का दो-दहाई भाग 4.4 ली. के बराबर था। अति. ख14 देखें।

  • *

    एक हीन 3.67 ली. के बराबर था। अति. ख14 देखें।

लैव्यव्यवस्था 23:15

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 34:22; व्य 16:9, 10

लैव्यव्यवस्था 23:16

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 2:1
  • +गि 28:26-31; व्य 16:16

लैव्यव्यवस्था 23:17

फुटनोट

  • *

    एपा का दो-दहाई भाग 4.4 ली. के बराबर था। अति. ख14 देखें।

संबंधित आयतें

  • +लैव 7:11, 13
  • +निर्ग 23:16; 34:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 1/2021, पेज 4

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1998, पेज 13

लैव्यव्यवस्था 23:18

संबंधित आयतें

  • +गि 28:26, 27

लैव्यव्यवस्था 23:19

संबंधित आयतें

  • +लैव 4:23
  • +लैव 3:1

लैव्यव्यवस्था 23:20

संबंधित आयतें

  • +लैव 7:34; 10:14; गि 18:9; व्य 18:4; 1कुर 9:13

लैव्यव्यवस्था 23:21

संबंधित आयतें

  • +गि 10:10

लैव्यव्यवस्था 23:22

फुटनोट

  • *

    या “मुसीबत के मारों।”

संबंधित आयतें

  • +लैव 19:9; व्य 24:19; रूत 2:2, 3
  • +यश 58:7
  • +लैव 19:33

लैव्यव्यवस्था 23:24

संबंधित आयतें

  • +गि 10:10; 29:1

लैव्यव्यवस्था 23:27

फुटनोट

  • *

    ‘दुख ज़ाहिर करने’ का आम तौर पर यह मतलब समझा जाता है, खुद को कई चीज़ों से दूर रखना और इसमें उपवास करना शामिल है।

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 30:10; लैव 25:9
  • +लैव 16:29, 30; गि 29:7

लैव्यव्यवस्था 23:28

संबंधित आयतें

  • +लैव 16:34; इब्र 9:12, 24-26; 10:10; 1यूह 2:1, 2

लैव्यव्यवस्था 23:29

फुटनोट

  • *

    या शायद, “उपवास नहीं करेगा।”

संबंधित आयतें

  • +गि 9:13; 15:30

लैव्यव्यवस्था 23:32

संबंधित आयतें

  • +लैव 16:29-31; 23:27; गि 29:7

लैव्यव्यवस्था 23:34

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:16; गि 29:12; व्य 16:13; एज 3:4; नहे 8:14-18; यूह 7:2

लैव्यव्यवस्था 23:36

संबंधित आयतें

  • +नहे 8:18

लैव्यव्यवस्था 23:37

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:14; व्य 16:16
  • +गि 28:26; 29:7
  • +लैव 1:3
  • +लैव 2:1, 11
  • +गि 15:5; 28:6, 7

लैव्यव्यवस्था 23:38

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 16:23; 20:8; 31:13
  • +निर्ग 28:38; गि 18:29
  • +व्य 12:11
  • +गि 29:39; व्य 12:6; 1इत 29:9; 2इत 35:8; एज 2:68

लैव्यव्यवस्था 23:39

संबंधित आयतें

  • +व्य 16:13
  • +गि 29:12

लैव्यव्यवस्था 23:40

संबंधित आयतें

  • +नहे 8:15; प्रक 7:9
  • +व्य 16:15
  • +नहे 8:10

लैव्यव्यवस्था 23:41

संबंधित आयतें

  • +गि 29:12

लैव्यव्यवस्था 23:42

संबंधित आयतें

  • +व्य 31:10, 11

लैव्यव्यवस्था 23:43

संबंधित आयतें

  • +व्य 31:13; भज 78:6
  • +निर्ग 12:37, 38; गि 24:5

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

लैव्य. 23:2निर्ग 23:14; लैव 23:37
लैव्य. 23:2गि 10:10
लैव्य. 23:3निर्ग 16:30; 20:10; प्रेष 15:21
लैव्य. 23:3नहे 13:22
लैव्य. 23:5गि 9:2, 3; 28:16
लैव्य. 23:5निर्ग 12:3, 6; व्य 16:1; 1कुर 5:7
लैव्य. 23:6गि 28:17; 1कुर 5:8
लैव्य. 23:6निर्ग 12:15; 13:6; 34:18
लैव्य. 23:7निर्ग 12:16
लैव्य. 23:101कुर 15:20, 23
लैव्य. 23:10गि 18:8, 12; नीत 3:9; यहे 44:30
लैव्य. 23:15निर्ग 34:22; व्य 16:9, 10
लैव्य. 23:16प्रेष 2:1
लैव्य. 23:16गि 28:26-31; व्य 16:16
लैव्य. 23:17लैव 7:11, 13
लैव्य. 23:17निर्ग 23:16; 34:22
लैव्य. 23:18गि 28:26, 27
लैव्य. 23:19लैव 4:23
लैव्य. 23:19लैव 3:1
लैव्य. 23:20लैव 7:34; 10:14; गि 18:9; व्य 18:4; 1कुर 9:13
लैव्य. 23:21गि 10:10
लैव्य. 23:22लैव 19:9; व्य 24:19; रूत 2:2, 3
लैव्य. 23:22यश 58:7
लैव्य. 23:22लैव 19:33
लैव्य. 23:24गि 10:10; 29:1
लैव्य. 23:27निर्ग 30:10; लैव 25:9
लैव्य. 23:27लैव 16:29, 30; गि 29:7
लैव्य. 23:28लैव 16:34; इब्र 9:12, 24-26; 10:10; 1यूह 2:1, 2
लैव्य. 23:29गि 9:13; 15:30
लैव्य. 23:32लैव 16:29-31; 23:27; गि 29:7
लैव्य. 23:34निर्ग 23:16; गि 29:12; व्य 16:13; एज 3:4; नहे 8:14-18; यूह 7:2
लैव्य. 23:36नहे 8:18
लैव्य. 23:37निर्ग 23:14; व्य 16:16
लैव्य. 23:37गि 28:26; 29:7
लैव्य. 23:37लैव 1:3
लैव्य. 23:37लैव 2:1, 11
लैव्य. 23:37गि 15:5; 28:6, 7
लैव्य. 23:38निर्ग 16:23; 20:8; 31:13
लैव्य. 23:38निर्ग 28:38; गि 18:29
लैव्य. 23:38व्य 12:11
लैव्य. 23:38गि 29:39; व्य 12:6; 1इत 29:9; 2इत 35:8; एज 2:68
लैव्य. 23:39व्य 16:13
लैव्य. 23:39गि 29:12
लैव्य. 23:40नहे 8:15; प्रक 7:9
लैव्य. 23:40व्य 16:15
लैव्य. 23:40नहे 8:10
लैव्य. 23:41गि 29:12
लैव्य. 23:42व्य 31:10, 11
लैव्य. 23:43व्य 31:13; भज 78:6
लैव्य. 23:43निर्ग 12:37, 38; गि 24:5
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
  • 30
  • 31
  • 32
  • 33
  • 34
  • 35
  • 36
  • 37
  • 38
  • 39
  • 40
  • 41
  • 42
  • 43
  • 44
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
लैव्यव्यवस्था 23:1-44

लैव्यव्यवस्था

23 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 2 “इसराएलियों से कहना, ‘यहोवा तुम्हें साल के अलग-अलग वक्‍त पर जो त्योहार मनाने के लिए कहता है,+ वे पवित्र सभाएँ हैं। तुम्हें उन त्योहारों का ऐलान करना होगा।+ तुम साल के अलग-अलग वक्‍त पर मेरे लिए ये त्योहार मनाना:

3 तुम छ: दिन काम कर सकते हो, मगर सातवाँ दिन सब्त होगा, पूरे विश्राम+ और पवित्र सभा का दिन होगा। इस दिन तुम्हें किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए। तुम जहाँ भी रहते हो, वहाँ सातवाँ दिन यहोवा के लिए सब्त होगा।+

4 यहोवा ने तुम्हें साल के अलग-अलग वक्‍त पर जो त्योहार मनाने और पवित्र सभाएँ रखने के बारे में बताया है और जिनका तुम्हें तय वक्‍त पर ऐलान करना है, वे ये हैं: 5 साल के पहले महीने के 14वें दिन,+ शाम के झुटपुटे के समय* यहोवा के लिए फसह मनाया जाएगा।+

6 इसी महीने के 15वें दिन यहोवा के लिए बिन-खमीर की रोटी का त्योहार होगा।+ तुम्हें सात दिन तक बिन-खमीर की रोटी खानी होगी।+ 7 पहले दिन तुम एक पवित्र सभा रखोगे।+ इस दिन तुम्हें मेहनत का कोई भी काम नहीं करना चाहिए। 8 त्योहार के सातों दिन तुम यहोवा के लिए चढ़ावा आग में जलाकर अर्पित करोगे। सातवें दिन एक पवित्र सभा होगी। इस दिन तुम्हें मेहनत का कोई भी काम नहीं करना चाहिए।’”

9 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 10 “इसराएलियों से कहना, ‘जब तुम उस देश में बस जाओगे जो मैं तुम्हें देनेवाला हूँ और तुम अपनी फसल काटोगे, तो पहले फल का एक पूला+ ले जाकर याजक को देना।+ 11 याजक वह पूला यहोवा के सामने आगे-पीछे हिलाएगा ताकि तुम्हारे लिए मंज़ूरी पा सके। याजक ऐसा सब्त के बादवाले दिन करेगा। 12 जिस दिन तुम्हारी फसल का पूला आगे-पीछे हिलाकर चढ़ाया जाएगा, उसी दिन तुम्हें एक साल का ऐसा नर मेम्ना ले जाकर अर्पित करना होगा जिसमें कोई दोष न हो। यह यहोवा के लिए होम-बलि है। 13 साथ ही, तुम अनाज का चढ़ावा भी चढ़ाना। इस चढ़ावे में तुम एपा के दो-दहाई भाग* मैदे में तेल मिलाकर देना। इसे आग में जलाकर यहोवा के लिए अर्पित किया जाएगा ताकि इसकी सुगंध पाकर वह खुश हो। और एक-चौथाई हीन* दाख-मदिरा का अर्घ देना। 14 तुम्हें उस दिन तक नया अनाज या भुना हुआ अनाज नहीं खाना चाहिए, न ही नए अनाज से रोटी बनाकर खानी चाहिए जब तक कि तुम यह चढ़ावा अपने परमेश्‍वर को अर्पित नहीं करते। तुम जहाँ भी रहो, यह नियम तुम पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमेशा के लिए लागू रहेगा।

15 सब्त के बादवाले दिन जब तुम अनाज का पूला लाकर देते हो और उसे हिलाकर चढ़ाया जाता है, तो उस दिन से तुम सात सब्त गिनना।+ ये पूरे सात हफ्ते होने चाहिए। 16 इस तरह जब सातवें सब्त के अगले दिन 50 दिन पूरे होंगे,+ तो उस दिन तुम यहोवा को नए अनाज का चढ़ावा अर्पित करना।+ 17 इस चढ़ावे के लिए तुम अपने घरों से दो-दो रोटियाँ लाना ताकि उन्हें हिलाकर चढ़ाया जा सके। ये रोटियाँ एपा के दो-दहाई भाग* मैदे की बनी हों। मैदे में खमीर मिलाना और उससे रोटियाँ बनाकर तंदूर में सेंकना।+ यह पकी फसल का पहला फल है जो तुम यहोवा के लिए अर्पित करोगे।+ 18 रोटियों के साथ तुम ये जानवर भी अर्पित करना: एक-एक साल के सात नर मेम्ने जिनमें कोई दोष न हो, एक बैल और दो मेढ़े।+ तुम यहोवा के लिए इन जानवरों की होम-बलि चढ़ाना और इस बलि के साथ दिया जानेवाला अनाज का चढ़ावा और अर्घ भी देना। इन सबको आग में जलाकर यहोवा को अर्पित करना ताकि इनकी सुगंध पाकर वह खुश हो। 19 इसके अलावा, तुम बकरी के एक बच्चे की पाप-बलि+ और एक-एक साल के दो नर मेम्नों की शांति-बलि अर्पित करना।+ 20 याजक इन दोनों नर मेम्नों को, पकी फसल के पहले फलों यानी रोटियों के साथ यहोवा के सामने आगे-पीछे हिलाकर चढ़ाएगा। यह यहोवा के लिए हिलाकर दिया जानेवाला पवित्र चढ़ावा है जिस पर याजक का हक होगा।+ 21 इस दिन तुम ऐलान करना+ कि आज एक पवित्र सभा है। इस दिन तुम मेहनत का कोई काम न करना। तुम जहाँ भी रहो, यह नियम तुम पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमेशा के लिए लागू रहेगा।

22 जब तुम अपने खेत की फसल काटोगे तो उसका कोना-कोना साफ मत कर देना और कटाई के वक्‍त जो बालें गिर जाती हैं उन्हें मत उठाना।+ यह सब तुम गरीबों*+ और तुम्हारे बीच रहनेवाले परदेसियों+ के लिए छोड़ देना। मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।’”

23 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 24 “इसराएलियों से कहना, ‘सातवें महीने का पहला दिन, पूरे विश्राम का दिन होगा। इस दिन पवित्र सभा होगी। यह यादगार का दिन होगा जिसके बारे में तुरही फूँककर ऐलान किया जाएगा।+ 25 तुम इस दिन मेहनत का कोई काम न करना। और तुम यहोवा के लिए एक चढ़ावा आग में जलाकर अर्पित करना।’”

26 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 27 “मगर सातवें महीने का दसवाँ दिन प्रायश्‍चित का दिन होगा।+ इस दिन तुम एक पवित्र सभा रखना और अपने पापों के लिए दुख ज़ाहिर करना*+ और यहोवा के लिए एक चढ़ावा आग में जलाकर अर्पित करना। 28 इस दिन तुम किसी भी तरह का काम नहीं करोगे, क्योंकि यह प्रायश्‍चित का दिन होगा+ जब तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा के सामने तुम्हारे लिए प्रायश्‍चित किया जाएगा। 29 जो इस दिन अपने पापों के लिए दुख ज़ाहिर नहीं करेगा,* उसे मौत की सज़ा दी जाएगी।+ 30 जो इस दिन किसी भी तरह का काम करेगा, उसे मैं उसके लोगों में से नाश कर दूँगा। 31 तुम्हें इस दिन किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए। तुम जहाँ भी रहो, यह नियम तुम पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमेशा के लिए लागू रहेगा। 32 यह तुम्हारे लिए सब्त का दिन, पूरे विश्राम का दिन होगा। सातवें महीने के नौवें दिन की शाम से तुम अपने पापों के लिए दुख ज़ाहिर करना शुरू करोगे।+ तुम उस दिन की शाम से अगले दिन की शाम तक सब्त मनाना।”

33 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 34 “इसराएलियों से कहना, ‘सातवें महीने के 15वें दिन छप्परों का त्योहार होगा। यह त्योहार यहोवा के लिए सात दिन मनाया जाएगा।+ 35 पहले दिन तुम एक पवित्र सभा रखना और उस दिन मेहनत का कोई भी काम न करना। 36 सात दिनों तक तुम यहोवा के लिए एक चढ़ावा आग में जलाकर अर्पित करना। आठवें दिन तुम एक पवित्र सभा रखना+ और यहोवा के लिए एक चढ़ावा आग में जलाकर अर्पित करना। यह परमेश्‍वर की उपासना के लिए खास सभा होगी। इस दिन तुम्हें मेहनत का कोई भी काम नहीं करना चाहिए।

37 ये साल के अलग-अलग वक्‍त पर यहोवा के लिए मनाए जानेवाले त्योहार हैं,+ जिनके बारे में तुम्हें ऐलान करना है कि ये पवित्र सभाएँ हैं।+ इन त्योहारों में तुम यहोवा के लिए यह सब चढ़ावा आग में जलाकर अर्पित करोगे: होम-बलि,+ अनाज का चढ़ावा+ और अर्घ।+ यह सब ठीक उसी तरह चढ़ाना जैसे त्योहार के दौरान हर मौके के लिए तय किया गया है। 38 तुम यहोवा के सब्त के मौकों पर जो चढ़ावा देते हो+ और उसके लिए जो भेंट,+ मन्‍नत-बलि+ और स्वेच्छा-बलि+ दिया करते हो, उन सबके अलावा तुम त्योहार के मौकों पर यहोवा के लिए बताया गया चढ़ावा देना। 39 सातवें महीने के 15वें दिन यानी अपने खेत की फसल बटोरने के बाद, तुम सात दिन तक यहोवा के लिए त्योहार मनाना।+ पहला और आठवाँ दिन पूरे विश्राम का दिन होगा।+ 40 पहले दिन तुम बढ़िया पेड़ों के फल और खजूर, घने पत्तोंवाले पेड़ों+ और घाटी के पीपल की डालियाँ लेना और सात दिन+ तक अपने परमेश्‍वर यहोवा के सामने खुशियाँ मनाना।+ 41 साल के ये सात दिन तुम यहोवा के लिए त्योहार मनाना।+ तुम यह त्योहार सातवें महीने में मनाना। यह नियम तुम पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमेशा के लिए लागू रहेगा। 42 इस त्योहार के सातों दिन तुम्हें छप्परों में रहना होगा।+ इसराएल के सब लोगों को छप्परों में ही रहना होगा, 43 ताकि आनेवाली पीढ़ियाँ जानें+ कि जब मैं इसराएलियों को मिस्र से बाहर निकालकर ला रहा था तो मैंने उनके लिए छप्परों में ही रहने का इंतज़ाम किया था।+ मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।’”

44 मूसा ने इसराएलियों को यहोवा के उन त्योहारों के बारे में बताया, जो साल के अलग-अलग वक्‍त पर मनाए जाते।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें