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व्यवस्थाविवरण का सारांश

      • वीराने में 38 साल भटकना (1-23)

      • हेशबोन के राजा सीहोन पर जीत (24-37)

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इंडैक्स

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    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2022, पेज 5

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इंडैक्स

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    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 5/2021, पेज 14-15

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फुटनोट

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    यानी क्रेते।

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फुटनोट

  • *

    शा., “आकाश के नीचे से।”

  • *

    या “उन्हें बच्चा जनने जैसा दर्द होगा।”

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दूसरी

व्यव. 2:1गि 14:25
व्यव. 2:4उत 27:39, 40; 36:8, 9
व्यव. 2:4गि 20:14; व्य 23:7
व्यव. 2:4निर्ग 15:15; 23:27
व्यव. 2:5व्य 32:8; यह 24:4; प्रेष 17:26
व्यव. 2:6गि 20:18, 19
व्यव. 2:7व्य 29:5; नहे 9:21; भज 23:1; 34:9, 10
व्यव. 2:8गि 20:20, 21
व्यव. 2:82इत 8:17
व्यव. 2:8गि 21:13; न्या 11:17, 18; 2इत 20:10
व्यव. 2:9उत 19:36, 37
व्यव. 2:10उत 14:5
व्यव. 2:11व्य 3:11; 1इत 20:6
व्यव. 2:11गि 13:22, 33
व्यव. 2:12उत 14:6; 36:20
व्यव. 2:12उत 27:39, 40
व्यव. 2:13गि 21:12
व्यव. 2:14गि 14:33; 32:11; व्य 1:35; भज 95:11; इब्र 3:18; यहू 5
व्यव. 2:151कुर 10:1, 5
व्यव. 2:16गि 26:63, 64
व्यव. 2:19उत 19:36, 38; व्य 2:9; न्या 11:15; 2इत 20:10; प्रेष 17:26
व्यव. 2:20उत 15:18-20; व्य 3:11
व्यव. 2:21गि 13:33; व्य 9:1, 2
व्यव. 2:22उत 36:8
व्यव. 2:22उत 14:6; व्य 2:12
व्यव. 2:23उत 10:19
व्यव. 2:23उत 10:13, 14
व्यव. 2:24गि 21:13
व्यव. 2:24गि 21:23
व्यव. 2:25निर्ग 15:14; 23:27; व्य 11:25; यह 2:9, 10
व्यव. 2:26यह 13:15, 18; 21:8, 37
व्यव. 2:26व्य 20:10
व्यव. 2:27गि 21:21, 22
व्यव. 2:30रोम 9:18
व्यव. 2:30गि 21:25
व्यव. 2:31गि 32:33; भज 135:10-12
व्यव. 2:32गि 21:23, 24; न्या 11:20
व्यव. 2:34व्य 20:16, 17
व्यव. 2:36व्य 3:12; 4:47, 48; यह 13:8, 9
व्यव. 2:36भज 44:3
व्यव. 2:37गि 21:23, 24
व्यव. 2:37व्य 3:16; न्या 11:15
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
व्यवस्थाविवरण 2:1-37

व्यवस्थाविवरण

2 फिर हम पीछे मुड़ गए और लाल सागर की तरफ जानेवाले रास्ते से वीराने के लिए रवाना हुए, ठीक जैसे यहोवा ने मुझे बताया था।+ हम कई दिनों तक सेईर के पहाड़ी इलाके के किनारे-किनारे सफर करते रहे। 2 इसके बाद यहोवा ने मुझसे कहा, 3 ‘तुम्हें इस पहाड़ी इलाके के पास सफर करते काफी समय हो गया है। अब उत्तर की तरफ मुड़ो। 4 तू लोगों को यह आज्ञा देना: “तुम सेईर+ के किनारे-किनारे से जाना जो तुम्हारे भाइयों का, एसाव के वंशजों का देश है।+ जब तुम उनके इलाके के पास से जाओगे तो वे तुमसे बहुत डरेंगे।+ मगर तुम इस बात का ध्यान रखना 5 कि तुम उन्हें किसी भी तरह नहीं भड़काओगे क्योंकि मैं उनके देश का कोई भी इलाका तुम्हें नहीं दूँगा, उनकी ज़मीन में से पाँव धरने भर की भी जगह नहीं दूँगा। मैंने सेईर का पहाड़ी इलाका एसाव के अधिकार में कर दिया है।+ 6 तुम कीमत देकर उनसे खाना और पानी खरीदना।+ 7 तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने तुम्हारे हर काम पर आशीष दी है। तुमने इस बड़े वीराने में जो सफर तय किया है, वह परमेश्‍वर अच्छी तरह जानता है। इन 40 सालों के दौरान तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे साथ रहा, इसलिए तुम्हें कभी किसी चीज़ की कमी नहीं हुई।”’+ 8 तब जैसे परमेश्‍वर ने हमें आज्ञा दी, हम सेईर के किनारे-किनारे निकल गए जो हमारे भाइयों का, एसाव के वंशजों का इलाका है।+ हमने अराबा का रास्ता नहीं लिया और एलत और एस्योन-गेबेर+ से दूर रहे।

इसके बाद हम मुड़कर मोआब के वीराने के रास्ते से गए।+ 9 तब यहोवा ने मुझसे कहा, ‘तुम मोआबियों को किसी भी तरह नहीं भड़काओगे और न ही उनसे युद्ध करोगे, क्योंकि मैं उनके देश का कोई भी इलाका तुम्हें नहीं दूँगा। मैंने आर का इलाका लूत के इन वंशजों के अधिकार में कर दिया है।+ 10 (पहले आर में एमी लोग+ रहते थे, जो अनाकियों की तरह बहुत लंबे-चौड़े और ताकतवर थे और तादाद में बहुत ज़्यादा थे। 11 माना जाता था कि रपाई लोग+ भी अनाकियों+ की तरह थे और मोआबी उन्हें एमी लोग कहते थे। 12 सेईर में पहले होरी लोग+ रहते थे, मगर बाद में एसाव के वंशजों ने उनका नाश कर दिया और उनके इलाके पर कब्ज़ा करके वहाँ बस गए।+ उसी तरह इसराएल भी उस देश को अपने कब्ज़े में करेगा जिस पर उसका अधिकार है क्योंकि यहोवा उन्हें ज़रूर वह देश दे देगा।) 13 अब तुम लोग जाकर जेरेद घाटी पार करो।’ तब हमने जेरेद घाटी पार की।+ 14 कादेश-बरने से पैदल सफर शुरू करने से लेकर जेरेद घाटी पार करने तक हमें 38 साल लगे। उस वक्‍त तक इसराएलियों में से सैनिकों की पूरी पीढ़ी मिट चुकी थी, ठीक जैसे यहोवा ने शपथ खाकर उनसे कहा था।+ 15 यहोवा का हाथ उनके खिलाफ तब तक उठा रहा जब तक कि वे सभी छावनी में से मिट न गए।+

16 जब सैनिकों की पूरी पीढ़ी मिट गयी+ तो उसके फौरन बाद, 17 यहोवा ने मुझसे दोबारा बात की और मुझसे कहा, 18 ‘आज तुम्हें मोआब के इलाके में आर के पास से गुज़रना है। 19 जब तुम अम्मोनियों के इलाके के पास पहुँचोगे तो उन्हें न तो सताना, न ही भड़काना क्योंकि उनके देश का कोई भी इलाका मैं तुम्हें नहीं दूँगा। मैंने वह इलाका लूत के उन वंशजों के अधिकार में कर दिया है।+ 20 वह भी पहले रपाई लोगों का इलाका माना जाता था।+ (पहले वहाँ रपाई लोग रहते थे जिन्हें अम्मोनी, जमजुम्मी लोग कहते थे। 21 रपाई लोग अनाकियों की तरह लंबे-चौड़े और ताकतवर थे और तादाद में बहुत ज़्यादा थे।+ मगर यहोवा ने उन्हें अम्मोनियों के सामने से नाश कर दिया और अम्मोनियों ने उन्हें वहाँ से भगा दिया और वे उनके इलाके में बस गए। 22 परमेश्‍वर ने एसाव के वंशजों की खातिर भी ऐसा ही किया जो अब सेईर में रह रहे हैं।+ उसने होरी लोगों को एसाव के वंशजों के सामने से नाश कर दिया+ ताकि वे होरी लोगों के इलाके पर कब्ज़ा कर लें और वहाँ बस जाएँ और आज तक वे वहीं बसे हुए हैं। 23 और अव्वी लोग दूर गाज़ा तक बस्तियों में रहते थे।+ जब कप्तोर* से कप्तोरी लोग+ आए तो उन्होंने अव्वी लोगों को नाश कर दिया और उनकी जगह खुद बस गए।)

24 अब तुम जाओ और अरनोन घाटी पार करो।+ देखो, मैंने हेशबोन के एमोरी राजा सीहोन+ को तुम्हारे हाथ में कर दिया है। इसलिए उसके देश को अपने कब्ज़े में लेते जाओ और उससे युद्ध करो। 25 आज ही से मैं धरती पर रहनेवाले* सब लोगों में ऐसा डर फैला दूँगा कि तुम्हारे बारे में सुनते ही उनका दिल दहल जाएगा। तुम्हारी वजह से उनके बीच खलबली मच जाएगी और वे थर-थर काँप उठेंगे।’*+

26 फिर मैंने कदेमोत वीराने+ से अपने दूतों को हेशबोन के राजा सीहोन के पास भेजा। मैंने उसे शांति का यह संदेश भेजा:+ 27 ‘मुझे अपने देश के इलाके से गुज़रने दे। मैं “राजा की सड़क” पर ही चलूँगा, उससे न दाएँ मुड़ूँगा न बाएँ।+ 28 मैं तुझसे जो खाना और पानी लूँगा, उसका दाम चुका दूँगा। बस मुझे अपने इलाके से पैदल जाने की इजाज़त दे। 29 सेईर में एसाव के वंशजों ने और आर में मोआबियों ने मेरे साथ ऐसा ही किया था। मुझे अपने इलाके से होकर जाने दे जब तक कि मैं यरदन पार करके उस देश में न पहुँचूँ जो हमारा परमेश्‍वर यहोवा हमें देने जा रहा है।’ 30 मगर हेशबोन के राजा सीहोन ने हमें अपने इलाके से जाने की इजाज़त नहीं दी। उसका दिल कठोर हो गया और वह अपनी ज़िद पर अड़ा रहा। तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने उसे ढीठ ही रहने दिया+ ताकि वह उस राजा को तुम्हारे हाथ में कर दे, जैसा कि अभी हुआ है।+

31 फिर यहोवा ने मुझसे कहा, ‘देख, मैंने सीहोन और उसके देश को तेरे हवाले कर दिया है। उसके देश पर कब्ज़ा करना शुरू कर दे।’+ 32 जब सीहोन अपने सब लोगों को लेकर यहस में हमसे लड़ने आया,+ 33 तो हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने उसे हमारे हाथ में कर दिया। हमने उसे, उसके बेटों और उसके सभी लोगों को हरा दिया। 34 हमने उसके सभी शहरों पर कब्ज़ा कर लिया और हरेक शहर को नाश कर दिया। हमने वहाँ के सभी आदमियों, औरतों और बच्चों को मार डाला, एक को भी ज़िंदा नहीं छोड़ा।+ 35 जब हमने उन शहरों पर कब्ज़ा किया तो हमने सिर्फ वहाँ के जानवर और वहाँ का माल लूट में लिया। 36 अरनोन घाटी के किनारे अरोएर शहर+ (साथ ही वह शहर जो घाटी में है) से लेकर दूर गिलाद तक ऐसा कोई भी शहर नहीं था जिसे हम हरा न सके। हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने उन सारे शहरों को हमारे हाथ में कर दिया था।+ 37 मगर तुम यब्बोक घाटी+ के किनारे के इलाके में नहीं गए जो अम्मोनियों का इलाका है,+ न ही पहाड़ी प्रदेश के शहरों में या किसी ऐसी जगह गए जहाँ जाने से हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने हमें मना किया था।

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